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उत्तराखंड के रण में फिर चला मोदी 'मैजिक', फीका रहा राहुल-प्रियंका का 'जादू' - उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी ने कांग्रेस के मुकाबले तीन गुना ज्यादा रैलियां की थीं, जिसका फायदा बीजेपी को मिला भी. यही कारण है कि 48 सीटों के साथ बीजेपी देवभूमि में सरकार बनाने में कामयाब हो गई. आंकड़ों पर नजर डालें तो पीएम मोदी ने जहां भौतिक रैलियां की थी, वहां बीजेपी को अच्छा फायदा हुआ है. हालांकि राहुल और प्रियंका की रैली से कांग्रेस पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है.

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Published : Mar 10, 2022, 8:02 PM IST

Updated : Apr 1, 2022, 6:01 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम आ चुके हैं. देवभूमि में बीजेपी की सरकार बन रही है. हालांकि कांग्रेस को इस बार भी सत्ता का सुख नहीं मिल पाया है. कुल मिलाकर कहा जाए तो उत्तराखंड चुनाव में एक बार फिर मोदी का जादू जमकर चला. चुनाव से पहले बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उत्तराखंड में खूब पसीना बहाया था. आइए समझते हैं कि तीनों पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने कहां-कहां चुनाव प्रचार किया था और वहां पर किस तरह के समीकरण आए हैं.

कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेताओं की रैलियों से वोटर कितने प्रभावित हुए इसको समझने के लिए पहले हम आपको ये बताते हैं कि दोनों पार्टियों ने चुनाव में कितना प्रचार-प्रसार किया है. आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो बीजेपी ने उत्तराखंड में वर्चुअल और फिजिकल दोनों मिलाकर कुल 695 चुनावी रैलियां की थीं. इनमें भी हमेशा की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे आगे रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड में कुल 152 चुनावी रैलियां कीं. इनमें कोरोना काल में 148 रैलियां वर्चुअल की. पाबंदी हटने के बात प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में 4 फिजिकल रैलियों से जनता को संबोधित किया.

पीएम मोदी 'मैजिक
पीएम मोदी 'मैजिक

पढ़ें- LIVE: देवभूमि उत्तराखंड में बीजेपी को 47 सीटों के साथ बहुमत, कांग्रेस को मिली 18 सीट

बीजेपी के केंद्रीय नेताओं की रैलियों की बात करें तो विभिन्न नेताओं ने कुल 367 रैलियां कीं. इनमें 87 रैलियां वर्चुअल की गईं. 280 फिजिकल रैलियां थीं. इन रैलियों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर अनुराग ठाकुर, अजय भट्ट, जेपी नड्डा और प्रह्लाद जोशी शामिल रहे.

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फीका रहा राहुल-प्रियंका का 'जादू'

पीएम मोदी की रैली से बीजेपी को मिला फायदा: पीएम मोदी ने गढ़वाल क्षेत्र में देहरादून और श्रीनगर में दो बड़ी रैलियां की थी. देहरादून और श्रीनगर की रैलियों ने बीजेपी को काफी वोट दिलाए हैं. क्योंकि देहरादून जिले के जो परिणाम आए हैं, उसके हिसाब से बीजेपी ने देहरादून जिले की 10 में 9 सीटें जीती हैं. एक सीट चकराता कांग्रेस के पास गई है. इस सीट पर 2017 में भी मोदी का जादू नहीं चल पाया था. यहां से कांग्रेस के प्रीतम सिंह लगातार अपनी जीत दर्ज करा रहे हैं.

BJP
फीका रहा राहुल-प्रियंका का 'जादू'

इसके बाद पीएम मोदी ने गढ़वाल मंडल में पौड़ी जिले की श्रीनगर विधानसभा सीट पर एक बड़ी रैली की थी. इस रैली का असर पौड़ी जिले के साथ-साथ टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले की कुछ विधानसभा सीटों के साथ ही चमोली जिले की सीटों पर भी पड़ा है. यही कारण है कि यहां बीजेपी को अच्छी बढ़त मिली है. बीजेपी ने पौड़ी जिले की सभी 6 सीटें जीती हैं. हालांकि श्रीनगर में मुकाबला बराबरी का रहा है. यहां बीजेपी के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत मात्र 250 वोट से ही जीते हैं.

elections
योगी की रैलियों का असर.

श्रीनगर में हुई रैली का असर टिहरी सीट पर भी पड़ा है. टिहरी में कुल 6 सीटें है, जिसमें से बीजेपी सिर्फ प्रतापनगर सीट हारी है. बाकी पांचों सीटों पर बीजेपी ने अपना कब्जा किया है. रुद्रप्रयाग जिले की बात की जाए तो यहां पर बीजेपी को दोनों सीटें मिली हैं. रुद्रप्रयाग जिले में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी काफी पसीना बहाया था. उसका फायदा बीजेपी हो हुआ भी है.

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उत्तराखंड के रण में फिर चला पीएम मोदी 'मैजिक'

प्रियंका गांधी की श्रीनगर रैली से कांग्रेस को नहीं मिला फायदा: मतदान से ठीक पहले श्रीनगर में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बड़ी रैली की थी, लेकिन उसका कोई खास फायदा कांग्रेस को नहीं मिला. श्रीनगर से खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल चुनाव हार गए. श्रीनगर के अलावा प्रियंका और राहुल गांधी ने देहरादून में अलग-अलग दो बड़ी रैली की थी, लेकिन ये रैलियां भी कांग्रेस को देहरादून में जीत नहीं दिला पाईं.

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फीका रहा राहुल-प्रियंका का 'जादू'

हरिद्वार में हुआ नुकसान: हरिद्वार जिले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मध्य प्रदेश के मुख्यंत्री शिवराज सिंह रावत चौहान ने तो काफी प्रचार-प्रसार किया था, लेकिन पीएम मोदी ने यहां पर कोई बड़ी भौतिक रैली नहीं की थी. हालांकि राहुल गांधी ने हरिद्वार जिले के मंगलौर में भौतिक रैली की थी, जिसका कांग्रेस को लाभ मिला.

हरिद्वार में जहां बीजेपी ने 2017 के विधासनभा चुनाव में 11 से 8 सीटें जीती थी, वहीं इस बार 2022 में बीजेपी मात्र तीन सीटों पर सिमट कर रह गई. राहुल और प्रियंका की रैली से कांग्रेस को दो सीटों का फायदा हुआ. 2017 में हरिद्वार जिले में कांग्रेस की तीन सीटें थी, जो 2022 में बढ़कर पांच हो गईं. वैसे दो सीटें बसपा के पास भी गई हैं.

कुमाऊं में पीएम मोदी का करिश्मा: कुमाऊं मंडल में भी बीजेपी और कांग्रेस ने अलग-अलग रैलियां की थी. यहां भी बीजेपी के लिए जहां पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी थी तो वहीं कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और प्रियंका ने मोर्चा संभाला था, लेकिन कुमाऊं में भी गढ़वाल की तरफ राहुल और प्रियंका समेत कांग्रेस के तमाम स्टार प्रचारक रैली में आने वाली भीड़ को वोट में तब्दील नहीं कर पाए.

पीएम मोदी ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी और उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में चुनाव से पहले रैली की थी, जिसका असर ये हुआ है कि नैनीताल जिले में 6 में से पांच सीटों पर बीजेपी ने अपना परचम लहराया है. वहीं एक सीट हल्द्वानी कांग्रेस के खाते में गई है. हल्द्वानी से दिवंगत पूर्व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश जीते हैं. नैनीताल जिले की लालकुआं सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत खुद चुनाव हार गए.

वहीं उधमसिंह नगर जिले की बात करें तो यहां पर 9 सीटें हैं. उधमसिंह नगर जिले को तराई का क्षेत्र भी कहा जाता है. यहां किसान आंदोलन का बड़ा असर देखने को मिला था. कांग्रेस उसे कुछ हदतक भुनाने में कामयाब भी रही है. उधमसिंह नगर में राहुल और प्रियंका की रैली का कांग्रेस को ये फायदा मिला कि यहां पर कांग्रेस 5 सीटें जीतने में कामयाब हो गई. वहीं बीजेपी को यहां मात्र 4 ही सीटें मिली हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद खटीमा से चुनाव हार गए.

इसके अलावा कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले में भी पीएम की रैली हुई थी. यहां की छह में से पांच सीटें बीजेपी जीत चुकी है. एक सीट का परिणाम आना है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बागेश्वर, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा की कई विधानसभाओं में रैली की थी. जिनका कुछ जगहों पर बीजेपी को फायदा भी मिला है. हालांकि राहुल गांधी ने कुमाऊं मंडल में अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर में एक बड़ी रैली थी, लेकिन इसका कांग्रेस को कोई फायदा नहीं मिला. जागेश्वर से कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद सिंह कुजवाल चुनाव हार गए.

कुल मिलाकर देखा जाए तो बीजेपी ने जिस तरह से उत्तराखंड में धुआंधार रैलियों की थी, उसका पार्टी को फायदा मिला है. खासकर उन जगहों पर जहां पीएम मोदी गए थे. वहीं राहुल गांधी और प्रियंका अपनी रैलियों के जरिए कांग्रेस को कोई फायदा नहीं दिला पाई है. ये अलग बात है कि इस बार बीजेपी को सरकार बनाने के बाद भी थोड़ा सा नुकसान हुआ है. वहीं कांग्रेस को थोड़ा फायदा मिला है और 11 से 18 सीटों तक पहुंच गई है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम आ चुके हैं. देवभूमि में बीजेपी की सरकार बन रही है. हालांकि कांग्रेस को इस बार भी सत्ता का सुख नहीं मिल पाया है. कुल मिलाकर कहा जाए तो उत्तराखंड चुनाव में एक बार फिर मोदी का जादू जमकर चला. चुनाव से पहले बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उत्तराखंड में खूब पसीना बहाया था. आइए समझते हैं कि तीनों पार्टियों के दिग्गज नेताओं ने कहां-कहां चुनाव प्रचार किया था और वहां पर किस तरह के समीकरण आए हैं.

कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गज नेताओं की रैलियों से वोटर कितने प्रभावित हुए इसको समझने के लिए पहले हम आपको ये बताते हैं कि दोनों पार्टियों ने चुनाव में कितना प्रचार-प्रसार किया है. आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो बीजेपी ने उत्तराखंड में वर्चुअल और फिजिकल दोनों मिलाकर कुल 695 चुनावी रैलियां की थीं. इनमें भी हमेशा की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे आगे रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड में कुल 152 चुनावी रैलियां कीं. इनमें कोरोना काल में 148 रैलियां वर्चुअल की. पाबंदी हटने के बात प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड में 4 फिजिकल रैलियों से जनता को संबोधित किया.

पीएम मोदी 'मैजिक
पीएम मोदी 'मैजिक

पढ़ें- LIVE: देवभूमि उत्तराखंड में बीजेपी को 47 सीटों के साथ बहुमत, कांग्रेस को मिली 18 सीट

बीजेपी के केंद्रीय नेताओं की रैलियों की बात करें तो विभिन्न नेताओं ने कुल 367 रैलियां कीं. इनमें 87 रैलियां वर्चुअल की गईं. 280 फिजिकल रैलियां थीं. इन रैलियों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर अनुराग ठाकुर, अजय भट्ट, जेपी नड्डा और प्रह्लाद जोशी शामिल रहे.

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फीका रहा राहुल-प्रियंका का 'जादू'

पीएम मोदी की रैली से बीजेपी को मिला फायदा: पीएम मोदी ने गढ़वाल क्षेत्र में देहरादून और श्रीनगर में दो बड़ी रैलियां की थी. देहरादून और श्रीनगर की रैलियों ने बीजेपी को काफी वोट दिलाए हैं. क्योंकि देहरादून जिले के जो परिणाम आए हैं, उसके हिसाब से बीजेपी ने देहरादून जिले की 10 में 9 सीटें जीती हैं. एक सीट चकराता कांग्रेस के पास गई है. इस सीट पर 2017 में भी मोदी का जादू नहीं चल पाया था. यहां से कांग्रेस के प्रीतम सिंह लगातार अपनी जीत दर्ज करा रहे हैं.

BJP
फीका रहा राहुल-प्रियंका का 'जादू'

इसके बाद पीएम मोदी ने गढ़वाल मंडल में पौड़ी जिले की श्रीनगर विधानसभा सीट पर एक बड़ी रैली की थी. इस रैली का असर पौड़ी जिले के साथ-साथ टिहरी और रुद्रप्रयाग जिले की कुछ विधानसभा सीटों के साथ ही चमोली जिले की सीटों पर भी पड़ा है. यही कारण है कि यहां बीजेपी को अच्छी बढ़त मिली है. बीजेपी ने पौड़ी जिले की सभी 6 सीटें जीती हैं. हालांकि श्रीनगर में मुकाबला बराबरी का रहा है. यहां बीजेपी के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत मात्र 250 वोट से ही जीते हैं.

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योगी की रैलियों का असर.

श्रीनगर में हुई रैली का असर टिहरी सीट पर भी पड़ा है. टिहरी में कुल 6 सीटें है, जिसमें से बीजेपी सिर्फ प्रतापनगर सीट हारी है. बाकी पांचों सीटों पर बीजेपी ने अपना कब्जा किया है. रुद्रप्रयाग जिले की बात की जाए तो यहां पर बीजेपी को दोनों सीटें मिली हैं. रुद्रप्रयाग जिले में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी काफी पसीना बहाया था. उसका फायदा बीजेपी हो हुआ भी है.

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उत्तराखंड के रण में फिर चला पीएम मोदी 'मैजिक'

प्रियंका गांधी की श्रीनगर रैली से कांग्रेस को नहीं मिला फायदा: मतदान से ठीक पहले श्रीनगर में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बड़ी रैली की थी, लेकिन उसका कोई खास फायदा कांग्रेस को नहीं मिला. श्रीनगर से खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल चुनाव हार गए. श्रीनगर के अलावा प्रियंका और राहुल गांधी ने देहरादून में अलग-अलग दो बड़ी रैली की थी, लेकिन ये रैलियां भी कांग्रेस को देहरादून में जीत नहीं दिला पाईं.

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फीका रहा राहुल-प्रियंका का 'जादू'

हरिद्वार में हुआ नुकसान: हरिद्वार जिले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मध्य प्रदेश के मुख्यंत्री शिवराज सिंह रावत चौहान ने तो काफी प्रचार-प्रसार किया था, लेकिन पीएम मोदी ने यहां पर कोई बड़ी भौतिक रैली नहीं की थी. हालांकि राहुल गांधी ने हरिद्वार जिले के मंगलौर में भौतिक रैली की थी, जिसका कांग्रेस को लाभ मिला.

हरिद्वार में जहां बीजेपी ने 2017 के विधासनभा चुनाव में 11 से 8 सीटें जीती थी, वहीं इस बार 2022 में बीजेपी मात्र तीन सीटों पर सिमट कर रह गई. राहुल और प्रियंका की रैली से कांग्रेस को दो सीटों का फायदा हुआ. 2017 में हरिद्वार जिले में कांग्रेस की तीन सीटें थी, जो 2022 में बढ़कर पांच हो गईं. वैसे दो सीटें बसपा के पास भी गई हैं.

कुमाऊं में पीएम मोदी का करिश्मा: कुमाऊं मंडल में भी बीजेपी और कांग्रेस ने अलग-अलग रैलियां की थी. यहां भी बीजेपी के लिए जहां पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी थी तो वहीं कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और प्रियंका ने मोर्चा संभाला था, लेकिन कुमाऊं में भी गढ़वाल की तरफ राहुल और प्रियंका समेत कांग्रेस के तमाम स्टार प्रचारक रैली में आने वाली भीड़ को वोट में तब्दील नहीं कर पाए.

पीएम मोदी ने नैनीताल जिले के हल्द्वानी और उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में चुनाव से पहले रैली की थी, जिसका असर ये हुआ है कि नैनीताल जिले में 6 में से पांच सीटों पर बीजेपी ने अपना परचम लहराया है. वहीं एक सीट हल्द्वानी कांग्रेस के खाते में गई है. हल्द्वानी से दिवंगत पूर्व नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश जीते हैं. नैनीताल जिले की लालकुआं सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत खुद चुनाव हार गए.

वहीं उधमसिंह नगर जिले की बात करें तो यहां पर 9 सीटें हैं. उधमसिंह नगर जिले को तराई का क्षेत्र भी कहा जाता है. यहां किसान आंदोलन का बड़ा असर देखने को मिला था. कांग्रेस उसे कुछ हदतक भुनाने में कामयाब भी रही है. उधमसिंह नगर में राहुल और प्रियंका की रैली का कांग्रेस को ये फायदा मिला कि यहां पर कांग्रेस 5 सीटें जीतने में कामयाब हो गई. वहीं बीजेपी को यहां मात्र 4 ही सीटें मिली हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद खटीमा से चुनाव हार गए.

इसके अलावा कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले में भी पीएम की रैली हुई थी. यहां की छह में से पांच सीटें बीजेपी जीत चुकी है. एक सीट का परिणाम आना है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बागेश्वर, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा की कई विधानसभाओं में रैली की थी. जिनका कुछ जगहों पर बीजेपी को फायदा भी मिला है. हालांकि राहुल गांधी ने कुमाऊं मंडल में अल्मोड़ा जिले के जागेश्वर में एक बड़ी रैली थी, लेकिन इसका कांग्रेस को कोई फायदा नहीं मिला. जागेश्वर से कांग्रेस के दिग्गज नेता गोविंद सिंह कुजवाल चुनाव हार गए.

कुल मिलाकर देखा जाए तो बीजेपी ने जिस तरह से उत्तराखंड में धुआंधार रैलियों की थी, उसका पार्टी को फायदा मिला है. खासकर उन जगहों पर जहां पीएम मोदी गए थे. वहीं राहुल गांधी और प्रियंका अपनी रैलियों के जरिए कांग्रेस को कोई फायदा नहीं दिला पाई है. ये अलग बात है कि इस बार बीजेपी को सरकार बनाने के बाद भी थोड़ा सा नुकसान हुआ है. वहीं कांग्रेस को थोड़ा फायदा मिला है और 11 से 18 सीटों तक पहुंच गई है.

Last Updated : Apr 1, 2022, 6:01 PM IST
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