देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का वर्चुअल निरीक्षण किया. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव एसएस संधू भी मौजूद रहे. साथ ही केदारनाथ पुनर्निर्माण से जुड़े कई अन्य अधिकारी भी इस दौरान मौजूद रहे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा बदरीनाथ के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाई जाए. माणा गांव एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों को रूरल टूररिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाना चाहिए. इनमें स्थानीय कल्चर एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर इकोनॉमी का अच्छा मॉडल बनाया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा केदारनाथ और बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सेवकों एवं डॉक्टरों से भी अधिक से अधिक सहयोग लिया जाए. सरकारी व्यवस्थाओं के साथ जन सहयोग भी जरूरी है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में बदरीनाथ एवं केदारनाथ में पुनर्निमाण के कार्य तेजी से चल रहे हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर हैं. दिसम्बर 2023 तक सभी कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया केदारनाथ पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे विशेष कार्य में से एक है.
सीएम धामी ने बताया आज की रिव्यू बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने निर्माण कार्यों के वीडियो और वर्तमान प्रगति कार्य के वीडियो सहित मास्टर प्लान और स्टेप बाय स्टेप प्रगति कार्यों की समीक्षा की. इसके अलावा उन्होंने कई सुझाव भी दिए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड और केदारनाथ आने का न्यौता दिया गया. वह निकट भविष्य में जरूर केदारनाथ दौरे पर आएंगे.
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मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने केदारनाथ एवं बदरीनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने कहा केदारनाथ में प्रथम चरण के पुननिर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं. द्वितीय चरण में 188 करोड़ रुपये के 21 कार्य किये जा रहे हैं. जिनमें से 3 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं. 6 कार्य दिसम्बर 2022 तक ये भी पूर्ण हो जायेंगे. अवशेष 12 कार्यों को जुलाई 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है.
गौरीकुण्ड में गेट का निर्माण किया जा चुका है. संगम घाट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण किया जायेगा. ईशानेश्वर मंदिर का कार्य भी एक माह में पूर्ण हो जायेगा. मास्टर प्लान के अनुसार सभी कार्य दिसंबर 2023 तक पूर्ण किये जायेंगे. मुख्य सचिव ने कहा कि बदरीनाथ में भी मास्टर प्लान के अनुसार तेजी से कार्य हो रहे हैं. शीश नेत्र लेक एवं बद्रीश लेक का कार्य 03 माह में पूर्ण हो जायेगा. रिवर डेवलपमेंट प्रोजक्ट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण हो जायेगा.
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सचिव संस्कृति भारत सरकार गोविंद मोहन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी कि केदारनाथ के लिए संस्कृति मंत्रालय के तहत चार प्रकार के कार्य होने हैं, जो जल्द शुरू किये जायेंगे. सोनप्रयाग में ओरिएंटेशन सेंटर की स्थापना, रामबाड़ा, छोटी लिंचौली, बड़ी लिंचौली एवं चन्नी कैंप में चिंतन स्थल (ध्यान स्थल), श्री केदारनाथ में शिव उद्यान एवं केदारनाथ में केदार गाथा म्यूजियम का निर्माण किया जायेगा. इन सभी कार्यों की पूरी योजना बनाकर तैयारी कर ली गई है.