देहरादून: पीएम मोदी की शिव के प्रति आस्था समय-समय पर दिखती है. मोदी जहां भी जाते हैं, वहां के मशहूर शिव मंदिर में जरूर दर्शन करते हैं. यही कारण रहा कि इन चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिवभक्त मोदी के रूप में प्रस्तुत किया गया. केदारनाथ हो या काशी विश्वनाथ मोदी ने शिव के द्वार पर हर बार अपनी हाजिरी लगाई है. माना जा रहा है कि मोदी की प्रचंड बहुमत से जीत शिव की भक्ति का ही परिणाम है. लिहाजा, चुनाव नतीजों से पहले बाबा केदार के द्वार जीत का आशीर्वाद मांगने पहुंचे मोदी, चुनाव जीतने के बाद बाबा विश्वनाथ का धन्यवाद करने पहुंचे हैं.
प्रधानमंत्री को अकसर केदारनाथ, सोमनाथ, काशी विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक करते हुए देखा जाता है. जब पीएम नेपाल होते हैं तो पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा करना कभी नहीं भूलते. यही नहीं, विदेश दौरों पर भी वो शिव मंदिरों में जाते हैं.
पढ़ें- PM मोदी की साधना के बाद पॉपुलर हुई ध्यान गुफा, बुकिंग डिमांड बढ़ी
शिवभक्त के रूप में अपनी सशक्त पहचान बना चुके मोदी जैसे चुनाव परिणाम से पहले केदारनाथ पहुंचे थे उसी तरह दोबारा प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने से पहले अपने संसदीय क्षेत्र काशी विश्वनाथ के दर्शन करने वाराणसी पहुंचे हैं. शिव की नगरी वाराणसी की जनता ने मोदी को लगातार दूसरी बार सांसद चुना है. यही वो वाराणसी है जहां से मोदी ने राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा, जहां बाबा विश्वनाथ का धाम है तो ऐसे में यहां शिव दर्शन करना उनके लिये ज्यादा अहम भी हो जाता है.
गुजरात की राजनीति से निकलकर जब मोदी ने देश की राजनीति में आए तो उनकी पहली मंजिल बनी बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी. अपनी व्यस्त राजनीतिक यात्राओं के बीच भी प्रधानमंत्री भगवान शिव के दरबार में हाजिरी लगाना कतई नहीं भूलते.
पढ़ें- काशी विश्वनाथ मंदिर में PM मोदी की शिव आराधना
चुनाव प्रचार हो या कोई भी साक्षात्कार, मोदी हर बार बनारस और उत्तराखंड से अपना खास रिश्ता बताते आए हैं. मोदी हमेशा कहते आए हैं कि यहां गंगा मां की गोद और बाबा विश्वनाथ की भक्ति उन्हें खींच लाती है. वहीं केदारनाथ को लेकर मोदी बताते हैं कि एक समय वह तपस्या करने निकल गये थे और केदारनाथ के आसपास रह रहे थे. यही कारण रहा कि सत्ता में आने के तुरंत बाद मोदी ने केदारनाथ का पुनर्निर्माण कार्य शुरू कराने के साथ ही यहां शंकराचार्य के समाधि स्थल को दोबारा से निर्मित करवाया गया. यही नहीं, इस बार की केदार यात्रा के दौरान मोदी ने जिस गुफा में ध्यान साधना की थी वो भी उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल था जिसको पूरा करने का सपना उन्होंने कई साल पहले देखा था.
मोदी का शिव प्रेम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाता उस गुजरात से है, जहां बाबा सोमनाथ विराजते हैं. बाबा विश्वनाथ के धाम वाराणसी से उन्होंने देश की राजनीति में कदम रखा. यही नहीं, साल 2017 में मोदी ने कोयंबटूर में भगवान शिव की एक विशाल प्रतिमा का अनावरण किया. आदियोगी शिव के रूप में बनाई गई इस मूर्ति को धर्मगुरू जग्गी वासुदेव की संस्था ईशा फाउंडेशन ने बनवाया था.
अप्रैल 2017 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए ओडिशा का राजधानी भुवनेश्वर गए तो वहां के प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर में जाना नहीं भूले. मंदिर के अंदर पीएम मोदी करीब 25 मिनट रहे.
पढ़ें- मोदी के दोबारा PM बनने से देवभूमि की इन 8 परियोजनाओं पर लगेंगे पंख
वहीं, देश की बागडोर संभालने के बाद सबसे पहले पड़ोसी देश नेपाल पहुंचे मोदी ने पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचकर विशेष पूजा अर्चना व रुद्राभिषेक किया. मोदी ने मंदिर परिसर में 400 बिस्तरों वाले धर्मशाला के निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपये का अनुदान दिया और 25,00 किलोग्राम चंदन की लकड़ी भी अर्पित की थी.