देहरादून: PM FME यानी प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत छोटे, लघु खाद्य व्यवसाय और राजस्व को बढ़ाने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. उत्तराखंड में भी इस योजना को लेकर बेहतर रिस्पांस देखने को मिल रहा है. उद्यान विभाग द्वारा इसके लिए प्रदेश में दो स्टोर विकसित किए गए हैं. इसमें पहला स्टोर देहरादून और दूसरा नैनीताल में है. PM FME के इन दोनों स्टोर पर किसानों को सीधा बाजार मिल रहा है. क्या कुछ है यह योजना और किस तरह से किसानों को इसका लाभ मिल रहा है, आइए आपको बताते हैं.
PM FME स्कीम किसानों के लिए वरदान: उत्तराखंड में छोटे किसानों को बाजार में जगह देकर सीधा किसानों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में PM FME यानी 'प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज स्कीम' एक कारगर कदम साबित हो रही है. उत्तराखंड उद्यान विभाग ने इसके पहले चरण में PM FME स्टोर की स्थापना की. गढ़वाल रीजन में देहरादून और कुमाऊं रीजन में नैनीताल में PM FME की स्थापना की गई है. यहां पर किसानों को इस योजना के तहत सीधे बाजार में अपने उत्पाद बेचने का मौका दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन पर शुरू की गई इस योजना का धरातल पर क्या असर है? इसका कितना लाभ किसानों को मिल रहा है? साथ ही ही इसकी क्या चुनौतियां हैं? ये जानने के लिए हमारी टीम ने उत्तराखंड के स्टोर का विजिट किया.
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किसान देहरादून की राजपुर रोड पर बेच रहे अपने उत्पाद: देहरादून राजपुर रोड पर हाल ही में उद्यान विभाग ने PM FME स्टोर खोला है. यहां किसान सीधे तौर से उपभोक्ताओं तक अपने प्रोडक्ट पहुंचा कर लाभ उठा रहे हैं. देहरादून राजपुर रोड पर उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों से तैयार किए गए 500 से ज्यादा प्रोडक्ट किसानों से सीधे उपभोक्ताओं के पास पहुंच रहे हैं. यहां पर बीच में किसी भी तरह का पड़ाव नहीं है. देहरादून राजपुर रोड पर PM FME स्टोर का संचालन कर रही लिपि मालाकार ने बताया कि उनके इस स्टोर पर सैकड़ों किसान अपना उत्पादन सीधे लेकर आते हैं. इस योजना के तहत उन किसानों के प्रोडक्ट को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए अच्छी पैकेजिंग की जाती है. उसकी गुणवत्ता को भी यहां पर चेक किया जाता. जिसके बाद किसान द्वारा तय की गई कीमत पर ही उनके उत्पाद को सीधे उपभोक्ताओं को बेचा जाता है.
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उत्तराखंड में देश का पहला PM FME स्टोर: उत्तराखंड उद्यान विभाग के निदेशक एचएस बावेजा ने बताया कि सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत देश में पहला स्टोर उत्तराखंड के देहरादून में खोला गया. उसके बाद कुमाऊं के नैनीताल में भी स्टोर खोला गया है. उन्होंने कहा जिस तरह से परिकल्पना की गई थी उससे भी बेहतर इसका रिस्पांस देखने को मिल रहा है. एचएस बावेजा ने कहा उत्तराखंड एक ऑर्गेनिक स्टेट है, लेकिन यहां के किसानों की लैंड होल्डिंग बेहद कम है. लिहाजा खेती के लिए जमीन कम है. लेकिन, यहां की गुणवत्ता देश के अन्य इलाकों से काफी ज्यादा है. ऐसे में किसानों को बेहतर प्लेटफॉर्म मिले इसके लिए प्रधानमंत्री की ये पहल सार्थक साबित हो रही है.
हर जिले में खोला जाएगा PM FME स्टोर: उद्यान विभाग के निदेशक एचएस बावेजा कहा ऐसे किसान जिनके पास उत्पादन बेहद कम है, उन्हें अपने उत्पाद को बेचने में काफी समस्या आती है. लिहाजा, ऐसे किसानों के लिए यह स्टोर एक बेहतर प्लेटफॉर्म के रूप में काम कर रहे हैं. ऐसे किसानों का उत्पाद चाहे कितना भी हो उसे बेहतर तरीके से पैक कर उसे एक बेहतर बाजार दिया जा रहा है. उद्यान निदेशक ने बताया कि उत्तराखंड के कृषि मंत्री के आदेश पर इस तरह के PM FME स्टोर हर जिले में खोले जाने का लक्ष्य दिया गया है. उन्होंने कहा उत्तराखंड में इस तरह किसानों से जुड़ी योजनाओं को सरकार लगातार बढ़ावा दे रही है.
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किसान और उपभोक्ता को सीधा जोड़ रही योजना: किसान और कृषि के क्षेत्र में पिछले कई सालों से काम कर रही समाज सेवी संस्था कौशल्या जन कल्याण समिति के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह PM FME स्टोर में उत्पादों के ऑडिट के अलावा किसानों के हितों से संबंधित विषयों पर लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने इस योजना को किसानों के लिए एक लाभकारी कदम बताया. उन्होंने कहा पीएम मोदी की परिकल्पना से किसान और उपभोक्ता सीधे एक दूसरे से जुड़ गये हैं. उन्होंने कहा आज इस स्कीम के तहत सुदूरवर्ती पहाड़ी जनपदों में रहने वाले किसानों को देहरादून में राजपुर रोड जैसे बाजार में सीधा प्लेटफॉर्म मिल रहा है. इसी तरह से कुमाऊं क्षेत्र के किसानों को नैनीताल में इसका फायदा मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत केवल किसानों को ही नहीं, बल्कि लोकल प्रोडक्ट के क्षेत्र में किसी भी तरह का व्यापार करने वाले व्यक्ति को भी लाभ मिल रहा है. उसे अलग-अलग तरह की रियायतें और सब्सिडी इस स्कीम के तहत दी जा रही हैं.
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उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत किसान अपने उत्पाद को सीधे कट्टे और बोरी में रखकर इस स्टोर में लेकर आते हैं. यहां उनके उत्पाद को अच्छे से पैक किया जाता है. जिसके बाद उस पर लेबलिंग की जाती है. उसके बाद उसे उपभोक्ताओं के लिए रखा जाता है. साथ ही यह पहला ऐसा स्टोर है, जहां सैंपल्स के लिए भी अलग से जगह बनाई गई है. यहां पर किसान आकर अपना सैंपल रख सकते हैं. जिसके बाद उसका टेस्ट किया जाता है. उपभोक्ता भी इस सैंपल के जरिए अपनी पसंद के अनुसार प्रोडक्ट ले सकते हैं.