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ऋषिकेश में खुले में फेंके जा रहे अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सूअर, गंगा में भी जा रहे वायरस

ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारियों को न तो देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश कुमार के आदेश की परवाह है और न ही शहर की जनता की. ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारियों की वजह से शहर के लोगों पर बड़ी मुसीबत आ सकती है. क्योंकि अफ्रीकन स्वाइन फीवर की वजह से मरे सुअरों को खुले में ही फेंका जा रहा है, जिसकी वजह से शहर में संक्रमण फैल सकता है.

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Published : Jul 11, 2022, 3:21 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 7:34 PM IST

ऋषिकेश: उत्तराखंड में इन दिनों अफ्रीकन स्वाइन फीवर की वजह से सुअरों की बड़ी संख्या में मौत हो रही है. ऋषिकेश शहर भी इससे अछूता नहीं है. यही कारण है कि देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने ऋषिकेश क्षेत्र को अफ्रीकन स्वाइन फीवर का संक्रमित जोन घोषित किया है. क्षेत्र में किसी भी तरह की सूअर की खरीद और बिक्री पर पाबंदी लगाई गई है. वहीं जिलाधिकारी ने अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सुअरों को वैज्ञानिक विधि से डिस्पोज करने के आदेश दिए थे, जिससे संक्रमण न फैले. लेकिन ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारियों ने जिलाधिकारी का आदेश को ठेंगे पर रख दिया है.

ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारी किस तरह से जिलाधिकारी के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं, उसकी बानगी हरिद्वार रोड पर डंपिंग ग्राउंड में देखी जा सकती है. दरअसल, यहां पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सुअरों को डंपिंग ग्राउंड में सिर्फ ब्लीचिंग पाउडर डालकर छोड़ दिया जा रहा है. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है.

ऋषिकेश में खुले में फेंके जा रहे अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सूअर
पढ़ें- पौड़ी में अफ्रीकी स्वाइन फीवर से 35 सुअरों की मौत, रिपोर्ट में खुलासा

लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तेज बारिश में पानी बढ़ा तो सुअरों के शव उतराते हुए दिखाई दिए और यही पानी फिर सीधे गंगा में जा रहा है. जिससे यह संक्रमण अन्य क्षेत्रों तक की भी फैलने की आशंका है. हैरानी तो तब हुई जब ऋषिकेश नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर धीरेंद्र सेमवाल ने बताया कि सुअरों को डिस्पोज करने के 2 स्थान हैं, एक रेलवे लाइन के पास दूसरा ऋषिकेश का ट्रेंचिंग ग्राउंड.

उन्होंने यह भी कहा कि सुअरों को उठा पाना मुश्किल हो रहा है. इसीलिए मृत सुअरों के शव पर ब्लीचिंग पाउडर डाल दिया जा रहा है. ऋषिकेश पुराने रेलवे स्टेशन स्थित कॉलोनी के पीछे भी कई दिनों से एक संक्रमित सूअर का शव पड़ा हुआ है.
पढ़ें- उत्तराखंड में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से हो रही सुअरों की मौत, मांस खाने और बिक्री पर रोक

कॉलोनी निवासी प्रदीप सैनी ने बताया कि कई दिनों से एक सूअर का शव यहां पड़ा हुआ है. सूअर के सड़ने से दुर्गंध भी तेजी से फैल रही है. इस बारे में नगर निगम को सूचना भी दी गई है, लेकिन कोई शव को उठाने नहीं आया.

इस मामले में ऋषिकेश उपजिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मामला काफी गंभीर है. संक्रमित सुअरों के शवों को वैज्ञानिक विधि से डिस्पोज किया जा रहा है. अगर फिर भी कहीं सुअर का शव खुले में पड़ा है तो इस बारे में निगम के अधिकारियों के साथ बात की जाएगी. यह भी बता दें कि पशु चिकित्सक के मुताबिक अभी तक ऋषिकेश क्षेत्र में संक्रमण से करीब 150 सुअरों की मौत हो चुकी है.

ऋषिकेश: उत्तराखंड में इन दिनों अफ्रीकन स्वाइन फीवर की वजह से सुअरों की बड़ी संख्या में मौत हो रही है. ऋषिकेश शहर भी इससे अछूता नहीं है. यही कारण है कि देहरादून जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने ऋषिकेश क्षेत्र को अफ्रीकन स्वाइन फीवर का संक्रमित जोन घोषित किया है. क्षेत्र में किसी भी तरह की सूअर की खरीद और बिक्री पर पाबंदी लगाई गई है. वहीं जिलाधिकारी ने अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सुअरों को वैज्ञानिक विधि से डिस्पोज करने के आदेश दिए थे, जिससे संक्रमण न फैले. लेकिन ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारियों ने जिलाधिकारी का आदेश को ठेंगे पर रख दिया है.

ऋषिकेश नगर निगम के अधिकारी किस तरह से जिलाधिकारी के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं, उसकी बानगी हरिद्वार रोड पर डंपिंग ग्राउंड में देखी जा सकती है. दरअसल, यहां पर अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सुअरों को डंपिंग ग्राउंड में सिर्फ ब्लीचिंग पाउडर डालकर छोड़ दिया जा रहा है. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है.

ऋषिकेश में खुले में फेंके जा रहे अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मरे सूअर
पढ़ें- पौड़ी में अफ्रीकी स्वाइन फीवर से 35 सुअरों की मौत, रिपोर्ट में खुलासा

लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तेज बारिश में पानी बढ़ा तो सुअरों के शव उतराते हुए दिखाई दिए और यही पानी फिर सीधे गंगा में जा रहा है. जिससे यह संक्रमण अन्य क्षेत्रों तक की भी फैलने की आशंका है. हैरानी तो तब हुई जब ऋषिकेश नगर निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर धीरेंद्र सेमवाल ने बताया कि सुअरों को डिस्पोज करने के 2 स्थान हैं, एक रेलवे लाइन के पास दूसरा ऋषिकेश का ट्रेंचिंग ग्राउंड.

उन्होंने यह भी कहा कि सुअरों को उठा पाना मुश्किल हो रहा है. इसीलिए मृत सुअरों के शव पर ब्लीचिंग पाउडर डाल दिया जा रहा है. ऋषिकेश पुराने रेलवे स्टेशन स्थित कॉलोनी के पीछे भी कई दिनों से एक संक्रमित सूअर का शव पड़ा हुआ है.
पढ़ें- उत्तराखंड में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से हो रही सुअरों की मौत, मांस खाने और बिक्री पर रोक

कॉलोनी निवासी प्रदीप सैनी ने बताया कि कई दिनों से एक सूअर का शव यहां पड़ा हुआ है. सूअर के सड़ने से दुर्गंध भी तेजी से फैल रही है. इस बारे में नगर निगम को सूचना भी दी गई है, लेकिन कोई शव को उठाने नहीं आया.

इस मामले में ऋषिकेश उपजिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मामला काफी गंभीर है. संक्रमित सुअरों के शवों को वैज्ञानिक विधि से डिस्पोज किया जा रहा है. अगर फिर भी कहीं सुअर का शव खुले में पड़ा है तो इस बारे में निगम के अधिकारियों के साथ बात की जाएगी. यह भी बता दें कि पशु चिकित्सक के मुताबिक अभी तक ऋषिकेश क्षेत्र में संक्रमण से करीब 150 सुअरों की मौत हो चुकी है.

Last Updated : Jul 11, 2022, 7:34 PM IST
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