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विंटर लाइन कार्निवल में लगी दुर्लभ फोटो प्रदर्शनी, दिखा मसूरी का 200 साल पुराना इतिहास

मसूरी विंटर लाइन कार्निवल में लगी फोटो प्रदर्शनी में मसूरी का 200 साल पुराना इतिहास भी देखने को मिल रहा है. इस प्रदर्शनी को इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने लगाया है.

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Published : Dec 28, 2019, 5:41 PM IST

Updated : Dec 28, 2019, 6:52 PM IST

mussoorie winter line carnival
विंटर लाइन कार्निवल फोटो प्रदर्शनी

मसूरीः विंटर लाइन कार्निवल में इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने मसूरी से संबंधित दुर्लभ फोटो की प्रदर्शनी लगाई है. जिसमें मसूरी के बनने से लेकर आज तक की अतिमहत्वपूर्ण तस्वीरें शामिल हैं. इतना ही नहीं, इन तस्वीरों में मसूरी के विकास का पूरा इतिहास भी दर्शाया गया है. वहीं, स्थानीय लोग और पर्यटक इस प्रदर्शनी को खूब सराह रहे हैं.

मसूरी विंटर लाइन कार्निवल में लगी दुर्लभ फोटो प्रदर्शनी.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने कहा कि पर्यटक फोटो को लेकर काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. स्थानीय लोग भी पुराने इतिहास को देखकर खुशी का इजहार कर रहे हैं. उन्हें मसूरी की उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी मिल रही है.

ये भी पढ़ेंः इस शख्स ने घर में बसाई पुरानी टिहरी, विस्थापन के जख्म पर लगाया मरहम

गोपाल भारद्वाज ने कहा कि बीते 30 सालों से वे मसूरी और अन्य क्षेत्रों के इतिहास को संरक्षित करने के लिए म्यूजियम की मांग कर रहे हैं, जिससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटक मसूरी के 200 साल पुराने महत्वपूर्ण इतिहास के बारे में जान सकें.

उन्होंने कहा कि सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ नगरपालिका की उपेक्षा के कारण वे बेहद कीमती इतिहास को सजोने में असफल साबित हो रहे हैं. ऐसे में कोई भी उनके इस प्रयास को लेकर गंभीर नहीं है. जबकि, वे इतिहास संजोने के काम में जुटे हैं.

ये भी पढ़ेंः प्रतापनगरः आधार कार्ड के लिए दर-दर भटक रहे ग्रामीण, तीन साल से मशीन बनी शोपीस

वहीं, पर्यटकों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अतिमहत्वपूर्ण कार्य है. जिसमें मसूरी से जुड़ी तमाम फोटो हैं. जिससे मसूरी का गौरवमयी इतिहास को संजोया गया है.

मसूरीः विंटर लाइन कार्निवल में इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने मसूरी से संबंधित दुर्लभ फोटो की प्रदर्शनी लगाई है. जिसमें मसूरी के बनने से लेकर आज तक की अतिमहत्वपूर्ण तस्वीरें शामिल हैं. इतना ही नहीं, इन तस्वीरों में मसूरी के विकास का पूरा इतिहास भी दर्शाया गया है. वहीं, स्थानीय लोग और पर्यटक इस प्रदर्शनी को खूब सराह रहे हैं.

मसूरी विंटर लाइन कार्निवल में लगी दुर्लभ फोटो प्रदर्शनी.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने कहा कि पर्यटक फोटो को लेकर काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. स्थानीय लोग भी पुराने इतिहास को देखकर खुशी का इजहार कर रहे हैं. उन्हें मसूरी की उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी मिल रही है.

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गोपाल भारद्वाज ने कहा कि बीते 30 सालों से वे मसूरी और अन्य क्षेत्रों के इतिहास को संरक्षित करने के लिए म्यूजियम की मांग कर रहे हैं, जिससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटक मसूरी के 200 साल पुराने महत्वपूर्ण इतिहास के बारे में जान सकें.

उन्होंने कहा कि सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ नगरपालिका की उपेक्षा के कारण वे बेहद कीमती इतिहास को सजोने में असफल साबित हो रहे हैं. ऐसे में कोई भी उनके इस प्रयास को लेकर गंभीर नहीं है. जबकि, वे इतिहास संजोने के काम में जुटे हैं.

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वहीं, पर्यटकों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह अतिमहत्वपूर्ण कार्य है. जिसमें मसूरी से जुड़ी तमाम फोटो हैं. जिससे मसूरी का गौरवमयी इतिहास को संजोया गया है.

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मसूरी विंटर लाइन कार्निवल के तहत इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने मसूरी से संबंधित दुर्लभ फोटो प्रदर्शनी लगाई है जिसमें मसूरी के बनने से लेकर आज तक के अति महत्वपूर्ण फोटो शामिल किए गए हैं वह मसूरी के विकास का पूरा इतिहास इसमें दर्शाया गया है इस मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि यह अति महत्वपूर्ण कार्य है जिसमें मसूरी से जुड़ी तमाम फोटो है जिससे मसूरी का गौरवमई इतिहास को संजोया गया है यह उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है कि आज लोग मसूरी के गौरवमय इतिहास के बारे में जान रहे हैं गोपाल भारद्वाज ने कहा कि पर्यटक फोटो में काफी उत्सुकता दिखा रहे हैं वहीं मसूरी के लोग भी पुराने इतिहास को देख कर खुशी का इजहार कर रहे हैं वह मसूरी की उपलब्धियों के बारे में भी जानकारी मिल रही है


Body:गोपाल भारद्वाज ने कहा कि पिछले 30 सालों से वह लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं उनके द्वारा जो मसूरी और अन्य क्षेत्रों का इतिहास है उसको संरक्षित करने के लिए मसूरी में म्यूजियम का निर्माण कराया जाए जिससे देश विदेश से आने वाले पर्यटक मसूरी के 200 साल पुराना महत्वपूर्ण इतिहास के बारे में जान सकें वहीं उन्होंने कहा कि लगातार सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ नगरपालिका की उपेक्षा के कारण बेहद कीमती इतिहास को सजोने में असफल साबित हो रहे हैं और ऐसा लगता है कि इस इतिहास से ना तो सरकार और न ही स्थानीय प्रशासन और कुछ लेना देना है


Conclusion:
Last Updated : Dec 28, 2019, 6:52 PM IST
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