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उत्तराखंड में गहराया पेट्रोल-डीजल का संकट! परिवहन सचिव ने ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के साथ की बैठक

Petrol diesel crisis in Uttarakhand हिट एंड रन कानून में सजा को सख्त किए जाने के विरोध में ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की हड़ताल का असर आम आदमी पर पड़ने लगा है. राजधानी देहरादून समेत उत्तराखंड के कई शहरों में पेट्रोल और डीजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है. देहरादून के कई पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म हो चुका है. वहीं जिन पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्रोल मिल रहा है, वहां वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लगी हुई है. इसके बाद अलावा परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने भी हड़ताली ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के साथ बैठक की और समस्या का समाधान निकालने का प्रयास किया.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 2, 2024, 9:31 PM IST

देहरादून/मसूरी/रुद्रप्रयाग: हिट एंड रन मामले में केंद्र सरकार के नए कानून के प्रावधानों को लेकर बीते दो दिनों से ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल जारी है, जिस कारण शहरों में जरूरी चीजें जैसे पेट्रोल-डीजल, फल और सब्जी नहीं पहुंच रही है. पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी-लंबी कतारे लगी हुई है. कही जगहों पर तो ट्रक ड्राइवरों और पुलिस के बीच झड़प की भी खबरें सामने आई है. ऐसे हालत में शासन और प्रशासन स्तर पर हड़ताली ट्रांसपोर्ट कारोबारियों से अधिकारी वार्ता करने में जुटे हुए है, ताकी प्रदेश में जरूरी चीजों की कमी न हो. इसी मसले पर मंगलवार शाम को उत्तराखंड सचिवालय में परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी की अध्यक्षता में हड़ताली ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के साथ बैठक की गई.

बैठक में ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने अधिकारियों के सामने अपनी समस्याओं को रखा. ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का कहना है कि हिट एंड रन केस में प्रस्तावित 10 साल की सजा और जुर्माने को हटाया जाए. वहीं बैठक के बाद परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की मांगों को भारत सरकार को भेजा जाएगा. क्योंकि जो मुद्दा ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने उठाया है, उस पर अंतिम निर्णय भारत सरकार को ही लेना है. वैसे जिस अधिनियम की बात ट्रांसपोर्ट कारोबारियों कर रहे है, उसे अभीतक लागू भी नहीं किया गया है.
पढ़ें- उत्तराखंड में फीका हो गया पर्यटकों का न्यू ईयर का जश्न, वाहन न मिलने से फंसे हजारों सैलानी

परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया गया है कि अतिआवश्यक सेवाओं में किसी भी तरह की बांधा न आए. लिहाजा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, एसएसपी और एसपी को इसको लेकर निर्देश भी दिए गए है. अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि अपने-अपने जिले में किसी भी तरह से अतिआवश्यक सेवाएं बांधित नहीं होना चाहिए. इसके लिए जो भी व्यवस्थाएं करनी है, वह जिलाधिकारी और एसएसपी कराए.

परिवहन सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी ने कहा कि उत्तराखंड परिवहन निगम के चालकों से लगातार बातचीत की जा रही है. इतना जरूर है कि एक जनवरी को दोपहर तक परिवार निगम की बसें बाधित थी, लेकिन उसके बाद रोटेशन अनुसार बसों का संचालन शुरू हो गया. हालांकि यहां बता दें कि स्थिति इससे बिल्कुल अलग है. क्योंकि अधिकारी परिवहन निगम के बसों के संचालन की जो बात कह रहे है, वो परिवहन निगम की कुछ अनुबंधित बसें है, बाकि बसें ऐसे ही खड़ी है.

पेट्रोल पंपों पर लगी भीड़: ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण कई शहरों में पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्रोल खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है. देहरादून के अधिकतर पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म हो चुका है. वहीं जिन पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल डीजल मिल रहा है, वहीं गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई है. वहीं पेट्रोल संचालक का कहना कि ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण टैंकर नहीं आ रहे है. सरकार की तेल कंपनियों से वार्ता चल रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार सुबह तक तेल के टैंकर आ जायेगे. देहरादून से जैसे ही हालात मसूरी और रुद्रप्रयाग में भी देखने को मिल रहे है. यहां पर भी पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारे लगी हुई है.

देहरादून/मसूरी/रुद्रप्रयाग: हिट एंड रन मामले में केंद्र सरकार के नए कानून के प्रावधानों को लेकर बीते दो दिनों से ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल जारी है, जिस कारण शहरों में जरूरी चीजें जैसे पेट्रोल-डीजल, फल और सब्जी नहीं पहुंच रही है. पेट्रोल पंपों पर लोगों की लंबी-लंबी कतारे लगी हुई है. कही जगहों पर तो ट्रक ड्राइवरों और पुलिस के बीच झड़प की भी खबरें सामने आई है. ऐसे हालत में शासन और प्रशासन स्तर पर हड़ताली ट्रांसपोर्ट कारोबारियों से अधिकारी वार्ता करने में जुटे हुए है, ताकी प्रदेश में जरूरी चीजों की कमी न हो. इसी मसले पर मंगलवार शाम को उत्तराखंड सचिवालय में परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी की अध्यक्षता में हड़ताली ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के साथ बैठक की गई.

बैठक में ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने अधिकारियों के सामने अपनी समस्याओं को रखा. ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का कहना है कि हिट एंड रन केस में प्रस्तावित 10 साल की सजा और जुर्माने को हटाया जाए. वहीं बैठक के बाद परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की मांगों को भारत सरकार को भेजा जाएगा. क्योंकि जो मुद्दा ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने उठाया है, उस पर अंतिम निर्णय भारत सरकार को ही लेना है. वैसे जिस अधिनियम की बात ट्रांसपोर्ट कारोबारियों कर रहे है, उसे अभीतक लागू भी नहीं किया गया है.
पढ़ें- उत्तराखंड में फीका हो गया पर्यटकों का न्यू ईयर का जश्न, वाहन न मिलने से फंसे हजारों सैलानी

परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया गया है कि अतिआवश्यक सेवाओं में किसी भी तरह की बांधा न आए. लिहाजा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, एसएसपी और एसपी को इसको लेकर निर्देश भी दिए गए है. अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि अपने-अपने जिले में किसी भी तरह से अतिआवश्यक सेवाएं बांधित नहीं होना चाहिए. इसके लिए जो भी व्यवस्थाएं करनी है, वह जिलाधिकारी और एसएसपी कराए.

परिवहन सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी ने कहा कि उत्तराखंड परिवहन निगम के चालकों से लगातार बातचीत की जा रही है. इतना जरूर है कि एक जनवरी को दोपहर तक परिवार निगम की बसें बाधित थी, लेकिन उसके बाद रोटेशन अनुसार बसों का संचालन शुरू हो गया. हालांकि यहां बता दें कि स्थिति इससे बिल्कुल अलग है. क्योंकि अधिकारी परिवहन निगम के बसों के संचालन की जो बात कह रहे है, वो परिवहन निगम की कुछ अनुबंधित बसें है, बाकि बसें ऐसे ही खड़ी है.

पेट्रोल पंपों पर लगी भीड़: ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण कई शहरों में पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्रोल खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है. देहरादून के अधिकतर पेट्रोल पंपों पर तेल खत्म हो चुका है. वहीं जिन पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल डीजल मिल रहा है, वहीं गाड़ियों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई है. वहीं पेट्रोल संचालक का कहना कि ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण टैंकर नहीं आ रहे है. सरकार की तेल कंपनियों से वार्ता चल रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार सुबह तक तेल के टैंकर आ जायेगे. देहरादून से जैसे ही हालात मसूरी और रुद्रप्रयाग में भी देखने को मिल रहे है. यहां पर भी पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारे लगी हुई है.

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