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Uttarakhand Assembly Back Door Recruitment: निलंबित सचिव मुकेश सिंघल के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश - Vigilance inquiry ordered against Mukesh Singhal

उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों के मामले में कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने उत्तराखंड विधानसभा के निलंबित सचिव मुकेश सिंघल के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं.

Uttarakhand Assembly Back Door Recruitment
मुकेश सिंघल के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश
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Published : Feb 21, 2023, 10:47 AM IST

Updated : Feb 21, 2023, 2:03 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों के मामले में एक बड़ी खबर सामने आ रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी के बाद कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने उत्तराखंड विधानसभा के निलंबित सचिव मुकेश सिंघल के खिलाफ सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं.

  • After the approval of CM Dhami, Personnel & Vigilance Dept has ordered a vigilance inquiry against suspended Secy of Uttarakhand Assembly, Mukesh Singhal. He was suspended by Speaker on 25 Sept 2022 on charges of serious irregularities in backdoor recruitments in Assembly: CMO

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों के मामले में सरकार ने 25 सितंबर 2022 को मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया था. मुकेश सिंघल पर विधानसभा में 32 पदों की भर्तियों में लिखित परीक्षा कराने वाली एजेंसी को बिल जमा कराने के दो दिन के भीतर ही 59 लाख रुपये के भुगतान का भी आरोप है.

विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति: विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है. आरोप है कि विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं. यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. इसके साथ ही मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.

ये भी पढ़ें: विधानसभा बैक डोर भर्ती: एक महीने में जांच रिपोर्ट देगी एक्सपर्ट कमेटी, सचिव मुकेश सिंघल का ऑफिस सील, CM ने किया स्वागत

आरोप है भी है कि बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में बैकडोर से नौकरी मिली है. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदारों को भी विधानसभा में बैकडोर भर्तियों के जरिए एडजस्ट किया गया है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई.

उत्तराखंड विधानसभा में इन पदों पर हुई भर्तियां: आरोप हैं कि उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों के जरिए अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला के पदों पर नियुक्तियां हुई है.

(इनपुट-एएनआई)

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों के मामले में एक बड़ी खबर सामने आ रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी के बाद कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने उत्तराखंड विधानसभा के निलंबित सचिव मुकेश सिंघल के खिलाफ सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं.

  • After the approval of CM Dhami, Personnel & Vigilance Dept has ordered a vigilance inquiry against suspended Secy of Uttarakhand Assembly, Mukesh Singhal. He was suspended by Speaker on 25 Sept 2022 on charges of serious irregularities in backdoor recruitments in Assembly: CMO

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों के मामले में सरकार ने 25 सितंबर 2022 को मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया था. मुकेश सिंघल पर विधानसभा में 32 पदों की भर्तियों में लिखित परीक्षा कराने वाली एजेंसी को बिल जमा कराने के दो दिन के भीतर ही 59 लाख रुपये के भुगतान का भी आरोप है.

विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति: विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है. आरोप है कि विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं. यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. इसके साथ ही मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.

ये भी पढ़ें: विधानसभा बैक डोर भर्ती: एक महीने में जांच रिपोर्ट देगी एक्सपर्ट कमेटी, सचिव मुकेश सिंघल का ऑफिस सील, CM ने किया स्वागत

आरोप है भी है कि बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए. इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में बैकडोर से नौकरी मिली है. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदारों को भी विधानसभा में बैकडोर भर्तियों के जरिए एडजस्ट किया गया है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा को भी नियुक्ति दी गई.

उत्तराखंड विधानसभा में इन पदों पर हुई भर्तियां: आरोप हैं कि उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर भर्तियों के जरिए अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला के पदों पर नियुक्तियां हुई है.

(इनपुट-एएनआई)

Last Updated : Feb 21, 2023, 2:03 PM IST

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