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नैनीताल हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, सरकारी वाहनों पर नेम प्लेट लगाने की अनुमति

उत्तराखंड सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकारी अफसर अब अपनी सरकारी गाड़ी पर नेम प्लेट लगा सकेंगे. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए सरकारी शब्द को हटा दिया है.

Nainital High Court
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Published : Nov 22, 2020, 3:59 PM IST

देहरादून: साल 2018 में हाईकोर्ट में सरकारी और निजी वाहनों पर पदनाम या पहचान लिखने पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए थे, जिसके बाद हाईकोर्ट के इस आदेश पर परिवहन विभाग ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने जारी किए गए आदेश में सरकारी शब्द हटाने को लेकर पैरवी की गई था, जिसके बाद अब हाई कोर्ट ने अपने आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए सरकारी शब्द को हटा दिया है.

ऐसे में अब अधिकारी अपने सरकारी वाहनों में नेम प्लेट लगा सकेंगे, तो वहीं निजी वाहनों में नेम प्लेट लगाने की अनुमति नहीं होगी. आपको बता दें कि 6 जुलाई 2018 को हाईकोर्ट ने अरुण कुमार वर्सेस उत्तराखंड सरकार के मामले पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया था कि प्रदेश के सरकारी और निजी वाहनों पर कोई भी अपना नाम नहीं लिख सकेगा, जिसके बाद सभी सरकारी और निजी वाहनों से नेम प्लेट हटवा दिए गए थे. लेकिन फिर अधिकारियों के सरकारी गाड़ी से नेम प्लेट न हटाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसमें यह तर्क दिया गया था कि अधिकारियों को इससे छूट देते हुए सिर्फ अधिकारियों के सरकारी वाहनों में नेम प्लेट लगाने की अनुमति दी जाए, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए सरकारी शब्द को हटा दिया है. लिहाजा, अब अधिकारियों के सरकारी वाहनों पर पद म लिखने की छूट मिल गई है.

पढ़ें- क्या है 'लव जिहाद', क्यों मचा है इतना बवाल ... जानें

उप परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि साल 2018 में हाई कोर्ट ने जो आदेश दिए थे, उस आदेश पर पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए सरकार शब्द को हटा दिया है.

देहरादून: साल 2018 में हाईकोर्ट में सरकारी और निजी वाहनों पर पदनाम या पहचान लिखने पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए थे, जिसके बाद हाईकोर्ट के इस आदेश पर परिवहन विभाग ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने जारी किए गए आदेश में सरकारी शब्द हटाने को लेकर पैरवी की गई था, जिसके बाद अब हाई कोर्ट ने अपने आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए सरकारी शब्द को हटा दिया है.

ऐसे में अब अधिकारी अपने सरकारी वाहनों में नेम प्लेट लगा सकेंगे, तो वहीं निजी वाहनों में नेम प्लेट लगाने की अनुमति नहीं होगी. आपको बता दें कि 6 जुलाई 2018 को हाईकोर्ट ने अरुण कुमार वर्सेस उत्तराखंड सरकार के मामले पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया था कि प्रदेश के सरकारी और निजी वाहनों पर कोई भी अपना नाम नहीं लिख सकेगा, जिसके बाद सभी सरकारी और निजी वाहनों से नेम प्लेट हटवा दिए गए थे. लेकिन फिर अधिकारियों के सरकारी गाड़ी से नेम प्लेट न हटाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसमें यह तर्क दिया गया था कि अधिकारियों को इससे छूट देते हुए सिर्फ अधिकारियों के सरकारी वाहनों में नेम प्लेट लगाने की अनुमति दी जाए, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए सरकारी शब्द को हटा दिया है. लिहाजा, अब अधिकारियों के सरकारी वाहनों पर पद म लिखने की छूट मिल गई है.

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उप परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि साल 2018 में हाई कोर्ट ने जो आदेश दिए थे, उस आदेश पर पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए सरकार शब्द को हटा दिया है.

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