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रोमांच का शौक रखने वाले के लिए अच्छी खबर, अब भागीरथी नदी में भी कर सकेंगे रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग - Uttarakhand Adventure Tourism

उत्तराखंड में रिवर राफ्टिंग की अपार संभावनाएं हैं, जिसे अब सरकार बढ़ावा देने का कार्य कर रही है. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें. उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने भागीरथी नदी में रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग की अनुमति दे दी है.

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Published : May 10, 2023, 8:38 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार एडवेंचर टूरिज्म में लोगों के बढ़ रहे रुझान को देखते हुए राज्य में साहसिक पर्यटन की नई संभावनाओं को तलाशा जा रहा है. जिसके तहत उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने भागीरथी नदी में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हर्षिल से 15 किलोमीटर तक रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग की अनुमति दे दी है.

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद से मिली जानकारी के अनुसार इस साल गंगोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भागीरथी नदी के किनारे मौजूद विश्व विख्यात खूबसूरत पर्यटक स्थल हर्षिल में रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकते हैं. जोकि यात्रा के दौरान एक अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र बनेगा. UTDB (Uttarakhand Tourism Development Board) से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में रिवर राफ्टिंग से प्रदेश भर में पर्यटन के जरिए रोजगार के नये अवसर तलाशने का काम किया जा रहा है.
पढ़ें-CM Dhami Rafting Video: चंपावत में एडवेंचर स्पोर्ट्स का शुभारंभ, सीएम धामी ने राफ्टिंग में आजमाया हाथ

बता दें कि रिवर राफ्टिंग में उत्तराखंड वर्ल्ड क्लास डेस्टिनेशन की क्षमता रखता है. वहीं प्रदेश में मौजूद कई नदियों में इसकी असीम संभावनाएं हैं. उत्तराखंड के ऋषिकेश में दुनिया भर से लोग रिवर राफ्टिंग करने आते हैं. इसी के चलते उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDB) ने पिछले यानी अप्रैल में भागीरथी नदी में हर्षिल से आगे 15 किमी की दूरी तक के नदी क्षेत्र को रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग एक्टिविटी के लिए मुफीद पाया है. जिसके चलते अब भागीरथी नदी में विश्व स्तरीय रिवर राफ्टिंग डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है.
पढ़ें-River Rafting: इधर गर्मी बढ़ी उधर ऋषिकेश में लगा पर्यटकों का जमावड़ा, गंगा की लहरों में उठा रहे राफ्टिंग का लुत्फ

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुण्डीर ने बताया कि पहली बार भागीरथी नदी में एक कंपनी ने सफलतापूर्वक पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को रिवर राफ्टिंग कराई है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि अब जल्द ही यहां के लोकल लोगों को रिवर राफ्टिंग व्यवसाय के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही उन्हें लाइसेंस देकर भागीरथी नदी में साहसिक पर्यटन से रोजगार सर्जन शुरू किया जायेगा. वहीं जल्द भागीरथी नदी के बाद प्रदेश की अन्य नदियों में भी टेक्निकल समिति जांच के बाद रिवर राफ्टिंग की अनुमति दी जाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार एडवेंचर टूरिज्म में लोगों के बढ़ रहे रुझान को देखते हुए राज्य में साहसिक पर्यटन की नई संभावनाओं को तलाशा जा रहा है. जिसके तहत उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने भागीरथी नदी में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हर्षिल से 15 किलोमीटर तक रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग की अनुमति दे दी है.

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद से मिली जानकारी के अनुसार इस साल गंगोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालु और पर्यटक भागीरथी नदी के किनारे मौजूद विश्व विख्यात खूबसूरत पर्यटक स्थल हर्षिल में रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकते हैं. जोकि यात्रा के दौरान एक अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र बनेगा. UTDB (Uttarakhand Tourism Development Board) से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में रिवर राफ्टिंग से प्रदेश भर में पर्यटन के जरिए रोजगार के नये अवसर तलाशने का काम किया जा रहा है.
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बता दें कि रिवर राफ्टिंग में उत्तराखंड वर्ल्ड क्लास डेस्टिनेशन की क्षमता रखता है. वहीं प्रदेश में मौजूद कई नदियों में इसकी असीम संभावनाएं हैं. उत्तराखंड के ऋषिकेश में दुनिया भर से लोग रिवर राफ्टिंग करने आते हैं. इसी के चलते उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UTDB) ने पिछले यानी अप्रैल में भागीरथी नदी में हर्षिल से आगे 15 किमी की दूरी तक के नदी क्षेत्र को रिवर राफ्टिंग और कयाकिंग एक्टिविटी के लिए मुफीद पाया है. जिसके चलते अब भागीरथी नदी में विश्व स्तरीय रिवर राफ्टिंग डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है.
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उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुण्डीर ने बताया कि पहली बार भागीरथी नदी में एक कंपनी ने सफलतापूर्वक पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को रिवर राफ्टिंग कराई है. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि अब जल्द ही यहां के लोकल लोगों को रिवर राफ्टिंग व्यवसाय के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही उन्हें लाइसेंस देकर भागीरथी नदी में साहसिक पर्यटन से रोजगार सर्जन शुरू किया जायेगा. वहीं जल्द भागीरथी नदी के बाद प्रदेश की अन्य नदियों में भी टेक्निकल समिति जांच के बाद रिवर राफ्टिंग की अनुमति दी जाएगी.

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