देहरादून/मसूरी/हल्द्वानी: उत्तराखंड की चर्चित अंकित भंडारी हत्याकांड को आज पूरा एक साल हो गया है, लेकिन अभी तक अंकिता और उसके परिजनों का न्याय नहीं मिल पाया है. आज अंकिता हत्याकांड की बरसी पर विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक संगठनों ने देहरादून में कैंडल मार्च निकाली. जिसमें अंकिता की मां सोनी देवी भी शामिल हुईं. बेटी को याद कर उसके आंसू छलक पड़े. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर उनकी बेटी को न्याय क्यों नहीं मिल पा रहा है? उधर, मसूरी शहीद पार्क में भी अंकिता को श्रद्धांजलि दी गई. वहीं, सभी ने एक सुर में अंकिता भंडारी को न्याय दिए जाने की मांग उठाई.
अंकिता हत्याकांड की बरसी पर आज सभी राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन से जुड़े परेड ग्राउंड में जमा हुए. जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जमकर प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में पूर्व सैनिक, उत्तराखंड महिला मंच, राज्य आंदोलनकारी मंच, सुराज सेवा दल, उत्तराखंड क्रांति दल, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के नेता और उत्तराखंड बेरोजगार संघ जैसे कई संगठन शामिल हुए. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों ने परेड ग्राउंड से घंटाघर तक कैंडल मार्च निकाली और अपना आक्रोश व्यक्त किया. कैंडल मार्च में शामिल लोगों ने 'अंकिता के हत्यारों को फांसी दो' के नारे लगाते हुए जमकर सरकार को घेरा.
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यूकेडी नेत्री मीनाक्षी घिल्डियाल ने कहा कि अंकिता को न्याय दिलाने के लिए अपेक्षा सरकार से थी. जनता को उम्मीद थी कि सरकार मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएगी, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद अंकिता को न्याय नहीं मिल पाया है. वहीं, कांग्रेस नेत्री सुजाता पॉल का कहना है कि अगर अंकिता भंडारी को न्याय नहीं मिला तो उत्तराखंड की किसी भी बेटी को न्याय नहीं मिला है. उत्तराखंड की हर बेटी आत्मनिर्भर और सक्षम होना चाहती है, लेकिन सरकार विनोद आर्य के बेटे और उसके साथियों को बचाने में लगी हुई है. उन्होंने इस केस में सबूत मिटाने के भी आरोप लगाए.
बेटी को याद कर मां के छलके आंसूः वहीं, विभिन्न संगठनों की ओर से निकाले गए कैंडल मार्च में अंकिता की मां सोनी देवी भी शामिल हुईं. सोनी देवी के आंसू अपनी बेटी की याद में छलक पड़े. उन्होंने बेटी को न्याय न मिलने पर सवाल उठाए. सोनी देवी का कहना है कि उनकी बेटी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी, जब सरकार इस कांड में लिप्त वीआईपी का नाम उजागर करेगी. इधर, महिला कांग्रेस और एनएसयूआई ने भी कैंडल मार्च निकालकर अंकिता को श्रद्धांजलि अर्पित की.
मसूरी में कांग्रेसियों ने अंकिता भंडारी को दी श्रद्धांजलि, बीजेपी सरकार पर लगाया आरोपियों को बचाने का आरोपः अंकिता भंडारी हत्याकांड के एक साल पूरे होने पर मसूरी शहीद स्थल पर कांग्रेसियों ने मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार को घेरा. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम धामी एक कॉलेज का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर रखकर उसके हत्यारों को बचाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन जब तक अंकिता को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक कांग्रेस आंदोलन करती रहेगी.
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कांग्रेस का आरोप है कि प्रदेश सरकार अपने सफेदपोश नेताओं को बचाने का प्रयास कर रही है, लेकिन उनका ये मंसूबा कामयाब नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड को एक साल पूरा हो चुका है. एक साल बाद भी परिजनों के लिए इंसाफ अधूरा है. सरकार वीआईपी के नाम का अभी तक खुलासा नहीं कर पाई है. इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी सरकार में बेटियां सुरक्षित नहीं है. उधर, हल्द्वानी में भी कांग्रेस ने जेल रोड से कालाढूंगी चौराहे तक कैंडल मार्च निकाला.
क्या था अंकिता भंडारी मर्डर केसः पौड़ी जिले की श्रीकोट (डोभ) गांव की 19 वर्षीया अंकिता भंडारी यमकेश्वर विधानसभा के गंगा भोगपुर स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. जो आज ही के दिन यानी 18 सितंबर 2022 को अचानक रिजॉर्ट से गायब हो गईं थीं. इसके बाद वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता के पिता को उसके गायब होने की सूचना दी थी. जिस पर अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने बेटी की गुमशुदगी की आशंका जताते हुए राजस्व पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया.
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उधर, अंकिता भंडारी का कुछ पता न चलने पर मामला रेगुलर पुलिस के पास गया. वहीं, रेगुलर पुलिस ने प्राथमिक आरोप के आधार पर वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को हिरासत में लिया. जब उनसे सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने अंकिता की हत्या होने की बात कही. जिसके बाद पुलिस ने तीनों की निशानदेही पर अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. ऐसे में तीनों को आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. जिसके बाद से इस मामले में लगातार सुनवाई चल रही है.