मुजफ्फरपुर/देहरादून: मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) अस्पताल में नीतीश कुमार का विरोध करते हुये पीड़ित बच्चों के परिजनों ने सीएम वापस जाओ के नारे लगाए. हंगामा करते हुये परिजनों ने कहा कि चमकी बुखार से लगातार बच्चे मर रहे हैं लेकिन इन्हें बचाने के लिए सरकार कोई व्यवस्था नहीं कर रही है. सीएम का विरोध करते हुए मरीजों के परिजनों ने सरकार की तरफ से उचित स्वास्थ्य सुविधा देने की मांग की.
दरअसल, चमकी बुखार से लगातार हो रही बच्चों की मौत का जायजा लेने मंगलवार को नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर पहुंचे. इस दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी उनके साथ थे. एसकेएमसीएच अस्पताल में उन्होंने चमकी बुखार के पीड़ित बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की और हाल जाना.
पढ़ें- पुलवामा IED ब्लास्ट: नौ में से दो जवानों की मौत
सीएम ने बुलाई थी आपात बैठक
बीते सोमवार को ही सीएम नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक खत्म कर दिल्ली से पटना लौटे हैं. लगातार हो रही मौतों की वजह से पटना पहुंचते ही सीएम ने स्वास्थ्य विभाग की आपात बैठक बुलाई. इस बैठक के बाद सरकार ने चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का मुफ्त में इलाज करने के निर्देश जारी किए हैं.
रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने किया था दौरा
रविवार को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मुजफ्फरपुर में हालात का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि एईएस (Acute encephalitis syndrome) से दोबारा इतने बच्चों की मौत न हो, इसके लिए लगातार प्रयास और रिसर्च किया जाएगा. साथ ही स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बिहार सरकार को आश्वासन दिया कि AES की रोकथाम के लिए हाई क्वालिटी का रिसर्च सेंटर बनेगा और एक साल के भीतर ये रिसर्च सेंटर बनकर तैयार हो जायेगा.
पढ़ें- CM त्रिवेंद्र ने की रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात, कई अहम रेल परियोजाओं को लेकर की चर्चा
बता दें कि बिहार में AES (Acute encephalitis syndrome) से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. चमकी बुखार से सोमवार की सुबह से देर रात तक 12 और बच्चों की मौत हो गई. इसके अलावा एसकेएमसीएच में 38 और केजरीवाल अस्पताल में 18 नये मरीज भर्ती किए गए हैं. 44 नए मरीजों के साथ चमकी बुखार के 243 मामले सामने आ चुके हैं. एसकेएमसीएच में 9 बच्चों की जान गयी है जबकि केजरीवाल अस्पताल में 3 बच्चों की मौत हुई है. मोतिहारी में भी 10 बच्चों की जान चली गयी है. चमकी बुखार की वजह से अबतक कुल 148 बच्चों की मौत हो गई है.
मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.
पढ़ें- विदेशी फूलों से सजा शाही मंडप, हेलीकॉप्टर लैंडिंग की अनुमति न होने से मेहमानों को हो सकती है दिक्कत
जानिए क्या हैं इसके लक्षण :
- एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
- अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
- इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
- गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
- तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
- साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
- अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
- चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
जानिए क्या हैं इसके उपचार :
- पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
- बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
- रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
- बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.
इन बातों का रखें ध्यान :
- बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
- मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
- तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
- बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
- अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
- पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
- चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
- ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.