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Mussoorie@200: मसूरी के 200वें स्थापना दिवस कार्यक्रम का कुछ लोगों ने किया विरोध, कही ये बात - 200 years of Mussoorie

मसूरी में नगर पालिका द्वारा 200 साल पूरे होने का हवाला देकर कराये जाने वाले कार्यक्रम पर कुछ लोगों ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने मसूरी नगर पालिका प्रशासन पर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है.

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Published : May 19, 2023, 3:20 PM IST

Updated : May 19, 2023, 3:45 PM IST

मसूरी के 200वें स्थापना दिवस कार्यक्रम का कुछ लोगों ने किया विरोध

मसूरी: मसूरी नगर पालिका परिषद द्वारा मसूरी के 200 साल पूरे होने पर मनाए जाने वाले कार्यक्रम का कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. साथ ही उन्होंने मसूरी नगर पालिका प्रशासन पर मसूरी के इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. वहीं, इससे पहले भी इतिहासकार गणेश शैली ने भी 200 साल पूरे होने पर मनाए जाने वाले कार्यक्रम पर ऐतराज जाहिर किया था.

प्रोफेसरों और लोगों का कहना है कि पालिका जनप्रतिनिधि अपने राजनीतिक फायदे के लिए मसूरी के इतिहास से छेड़छाड़ कर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मसूरी के 200 साल पूरे होने पर 2027 में कार्यक्रम मनाया जाना चाहिए, लेकिन नगरपालिका 2023 में ही कार्यक्रम मना रही है, जो समझ से परे हैं. उन्होंने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता राजनीतिक फायदा उठाए जाने को लेकर जनता के पैसों से कार्यक्रम को आयोजित कर रहे हैं, लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है. 2023 में नगर पालिका के चुनाव होने हैं और इसको लेकर नगर पालिका जनप्रतिनिधि जनता की गाढ़ी कमाई को ठिकाने लगाने का काम कर रही है.

कैप्टन यंग ने किया था मसूरी का निर्माण: मसूरी एमपीजी कॉलेज के संस्कृत और इतिहास के प्रोफेसर डॉ प्रमोद भारती ने कहा कि 1827 में ही मसूरी का निर्माण कैप्टन यंग ने किया था. 1823 में मसूरी में कुछ भी नहीं आया था कैप्टन यंग अपने कुछ साथियों के साथ मसूरी के आसपास के जंगलों में शिकार करने जरूर आया करते थे, लेकिन उस समय मसूरी की स्थापना का कोई प्रोजेक्ट उनके पास नहीं था. उन्होंने कहा कि 1816 में कैप्टन यंग ने ईस्ट इंडिया कंपनी को पत्र लिखकर मसूरी के वातावरण और ठंडे मौसम को देखते हुए घायल और बीमार फौजियों के लिये बैरक बनाने की मांग की थी. जिसकी अनुमति ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा उनको 1826 में दी गई थी. साथ ही कहा कि मार्च 1827 में मसूरी के निर्माण को लेकर कार्रवाई शुरू की गई थी. मसूरी के छावनी स्थित आईटीएम के पीछे डेपो बनाया गया था.
ये भी पढ़ें: Mussoorie@200: मसूरी को 1823 में नहीं, बल्कि 1827 में बसाया गया था, इतिहासकार गणेश शैली का दावा

मसूरी आप पार्टी के जिला प्रवक्ता प्रकाश राणा ने कहा कि नगरपालिका को मसूरी के इतिहास से कुछ लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि पालिकाध्यक्ष को ना तो इतिहास का ज्ञान है और ना ही उनको इतिहास से कुछ लेना देना है. बिना सोचे समझे कार्यक्रम को आयोजित कर देश दुनिया में मसूरी के नाम को खराब किया जा रहा है. मसूरी 2027 में 200 साल की होगी और मसूरी की जनता के साथ मसूरी के गौरवपूर्ण इतिहास को प्रदर्शित कर भव्य कार्यक्रम आयोजित करवाएंगे. जिससे मसूरी के साथ-साथ देश के राजनीतिक, सामाजिक, बुद्धिजीवी इतिहासकार आदि शामिल होंगे.
ये भी पढ़ें: नैनीताल राजभवन में शुरू हुआ 18वां गवर्नर्स गोल्फ कप टूर्नामेंट, देशभर के 125 गोल्फर ले रहे हिस्सा

मसूरी के 200वें स्थापना दिवस कार्यक्रम का कुछ लोगों ने किया विरोध

मसूरी: मसूरी नगर पालिका परिषद द्वारा मसूरी के 200 साल पूरे होने पर मनाए जाने वाले कार्यक्रम का कुछ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. साथ ही उन्होंने मसूरी नगर पालिका प्रशासन पर मसूरी के इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है. वहीं, इससे पहले भी इतिहासकार गणेश शैली ने भी 200 साल पूरे होने पर मनाए जाने वाले कार्यक्रम पर ऐतराज जाहिर किया था.

प्रोफेसरों और लोगों का कहना है कि पालिका जनप्रतिनिधि अपने राजनीतिक फायदे के लिए मसूरी के इतिहास से छेड़छाड़ कर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मसूरी के 200 साल पूरे होने पर 2027 में कार्यक्रम मनाया जाना चाहिए, लेकिन नगरपालिका 2023 में ही कार्यक्रम मना रही है, जो समझ से परे हैं. उन्होंने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता राजनीतिक फायदा उठाए जाने को लेकर जनता के पैसों से कार्यक्रम को आयोजित कर रहे हैं, लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है. 2023 में नगर पालिका के चुनाव होने हैं और इसको लेकर नगर पालिका जनप्रतिनिधि जनता की गाढ़ी कमाई को ठिकाने लगाने का काम कर रही है.

कैप्टन यंग ने किया था मसूरी का निर्माण: मसूरी एमपीजी कॉलेज के संस्कृत और इतिहास के प्रोफेसर डॉ प्रमोद भारती ने कहा कि 1827 में ही मसूरी का निर्माण कैप्टन यंग ने किया था. 1823 में मसूरी में कुछ भी नहीं आया था कैप्टन यंग अपने कुछ साथियों के साथ मसूरी के आसपास के जंगलों में शिकार करने जरूर आया करते थे, लेकिन उस समय मसूरी की स्थापना का कोई प्रोजेक्ट उनके पास नहीं था. उन्होंने कहा कि 1816 में कैप्टन यंग ने ईस्ट इंडिया कंपनी को पत्र लिखकर मसूरी के वातावरण और ठंडे मौसम को देखते हुए घायल और बीमार फौजियों के लिये बैरक बनाने की मांग की थी. जिसकी अनुमति ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा उनको 1826 में दी गई थी. साथ ही कहा कि मार्च 1827 में मसूरी के निर्माण को लेकर कार्रवाई शुरू की गई थी. मसूरी के छावनी स्थित आईटीएम के पीछे डेपो बनाया गया था.
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मसूरी आप पार्टी के जिला प्रवक्ता प्रकाश राणा ने कहा कि नगरपालिका को मसूरी के इतिहास से कुछ लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि पालिकाध्यक्ष को ना तो इतिहास का ज्ञान है और ना ही उनको इतिहास से कुछ लेना देना है. बिना सोचे समझे कार्यक्रम को आयोजित कर देश दुनिया में मसूरी के नाम को खराब किया जा रहा है. मसूरी 2027 में 200 साल की होगी और मसूरी की जनता के साथ मसूरी के गौरवपूर्ण इतिहास को प्रदर्शित कर भव्य कार्यक्रम आयोजित करवाएंगे. जिससे मसूरी के साथ-साथ देश के राजनीतिक, सामाजिक, बुद्धिजीवी इतिहासकार आदि शामिल होंगे.
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Last Updated : May 19, 2023, 3:45 PM IST
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