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एक फरवरी को संसद में पेश होगा आम बजट, रेल सुविधाओं पर लोगों की टकटकी

एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होगा. बजट सत्र का पहला हिस्सा 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के पटल पर आम बजट पेश करेंगी. जिसे लेकर हर वर्ग में काफी उम्मीदें हैं.

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एक फरवरी को संसद में पेश होगा आम बजट
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Published : Jan 25, 2021, 5:21 PM IST

देहरादून: आगामी 1 फरवरी को केंद्रीय बजट के साथ ही रेल बजट भी पेश होने जा रहा है. ऐसे में कोरोना काल में पहले ही भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजर रहे आम लोगों को आम बजट के साथ ही रेल बजट से भी खासी उम्मीदें हैं. आखिर रेल बजट से क्या कुछ उम्मीदें रखती है आम जनता? इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने विभिन्न व्यवसायों से जुड़े लोगों से खास बात कर उनकी राय जानी.

एक फरवरी को संसद में पेश होगा आम बजट

आम यात्रियों को रेल बजट से उम्मीदें
बात रेलवे में सफर करने वाले आम यात्रियों की करें तो आने वाले रेल बजट से आम यात्रियों की भी कई उम्मीदें हैं. आम यात्री रेल बजट से उम्मीद रखते हैं कि सरकार रेल बजट में कुछ ऐसा प्रावधान लेकर आए, जिससे देश के रेलवे स्टेशनों और रेलगाड़ियों की स्थिति में सुधार हो सके. यानी कि रेलवे स्टेशन और ट्रेन साफ-सुथरी हों. साथ ही ट्रेन की पेंट्री सर्विस की ओर से स्वादिष्ट और स्वच्छ खाना यात्रियों को परोसा जा सके.

पढ़ें- प्रदेश में 4 फरवरी से खुलेंगे डिग्री कॉलेज, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव


रेलवे बजट से यह उम्मीद लगाए बैठा है स्थानीय व्यापारी
वहीं, दूसरी तरफ बात व्यापारी वर्ग की करें तो कोरोना संकटकाल में भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजर रहे व्यापारी वर्ग को आने वाले रेलवे बजट से कई उम्मीदें हैं. देहरादून व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया के मुताबिक इस बार रेलवे बजट में सरकार को माल भाड़े में कुछ कमी लानी चाहिए. जिससे कि व्यापारी वर्ग ट्रकों से महंगे दामों में सामान मंगवाने के स्थान पर माल गाड़ियों के माध्यम से सामान मंगवा सकें. दूसरी तरफ सरकार को रेल बजट में इस बात का प्रावधान भी करना चाहिए कि व्यापारियों के लिए मालगाड़ी में सामान बुकिंग की प्रक्रिया और अधिक सफल हो सके.

पढ़ें- शहीद परिवारों के आंगन की मिट्टी से बनेगा सैन्य धाम, आश्रितों को मिलेगा ₹15 लाख एकमुश्त अनुदान

रेलवे स्टेशन के कुलियों की रेल बजट से उम्मीदें
वहीं, अगर बात रेलवे स्टेशनों में सालों से यात्रियों के सामान का बोझ उठाने वाले कुलियों की करें तो उन्हें भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. देहरादून रेलवे स्टेशन में सालों से कुली का काम कर रहे राजकुमार कहते हैं कि कोरोना काल में कुलियों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है. कुलियों के लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना भी मुश्किल हो चुका है. ऐसे में सरकार को इस बजट में कुलियों के समायोजन की व्यवस्था करनी चाहिए. इसकी देशभर के कुली सालों से मांग कर रहे हैं. साथ ही कुलियों के लिए प्रतिमाह मानदेय की व्यवस्था भी होनी चाहिए, जिससे कि कुली का कार्य कर रहे लोग भी अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें.

पढ़ें-गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ में इस बार ऐसी दिखेगी उत्तराखंड की झांकी


बहरहाल, रेल बजट से हर किसी वर्ग की कई उम्मीदें जुड़ी हुई हैं. 1 फरवरी को पेश होने जा रहा रेल बजट आम जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतर पाता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. बता दें एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होगा. बजट सत्र का पहला हिस्सा 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा. दूसरा हिस्सा आठ मार्च से आठ अप्रैल तक आयोजित करने की सिफारिश की गई है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के पटल पर आम बजट पेश करेंगी.

देहरादून: आगामी 1 फरवरी को केंद्रीय बजट के साथ ही रेल बजट भी पेश होने जा रहा है. ऐसे में कोरोना काल में पहले ही भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजर रहे आम लोगों को आम बजट के साथ ही रेल बजट से भी खासी उम्मीदें हैं. आखिर रेल बजट से क्या कुछ उम्मीदें रखती है आम जनता? इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने विभिन्न व्यवसायों से जुड़े लोगों से खास बात कर उनकी राय जानी.

एक फरवरी को संसद में पेश होगा आम बजट

आम यात्रियों को रेल बजट से उम्मीदें
बात रेलवे में सफर करने वाले आम यात्रियों की करें तो आने वाले रेल बजट से आम यात्रियों की भी कई उम्मीदें हैं. आम यात्री रेल बजट से उम्मीद रखते हैं कि सरकार रेल बजट में कुछ ऐसा प्रावधान लेकर आए, जिससे देश के रेलवे स्टेशनों और रेलगाड़ियों की स्थिति में सुधार हो सके. यानी कि रेलवे स्टेशन और ट्रेन साफ-सुथरी हों. साथ ही ट्रेन की पेंट्री सर्विस की ओर से स्वादिष्ट और स्वच्छ खाना यात्रियों को परोसा जा सके.

पढ़ें- प्रदेश में 4 फरवरी से खुलेंगे डिग्री कॉलेज, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव


रेलवे बजट से यह उम्मीद लगाए बैठा है स्थानीय व्यापारी
वहीं, दूसरी तरफ बात व्यापारी वर्ग की करें तो कोरोना संकटकाल में भारी आर्थिक नुकसान के दौर से गुजर रहे व्यापारी वर्ग को आने वाले रेलवे बजट से कई उम्मीदें हैं. देहरादून व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन नागलिया के मुताबिक इस बार रेलवे बजट में सरकार को माल भाड़े में कुछ कमी लानी चाहिए. जिससे कि व्यापारी वर्ग ट्रकों से महंगे दामों में सामान मंगवाने के स्थान पर माल गाड़ियों के माध्यम से सामान मंगवा सकें. दूसरी तरफ सरकार को रेल बजट में इस बात का प्रावधान भी करना चाहिए कि व्यापारियों के लिए मालगाड़ी में सामान बुकिंग की प्रक्रिया और अधिक सफल हो सके.

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रेलवे स्टेशन के कुलियों की रेल बजट से उम्मीदें
वहीं, अगर बात रेलवे स्टेशनों में सालों से यात्रियों के सामान का बोझ उठाने वाले कुलियों की करें तो उन्हें भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. देहरादून रेलवे स्टेशन में सालों से कुली का काम कर रहे राजकुमार कहते हैं कि कोरोना काल में कुलियों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है. कुलियों के लिए अपने परिवार का भरण-पोषण करना भी मुश्किल हो चुका है. ऐसे में सरकार को इस बजट में कुलियों के समायोजन की व्यवस्था करनी चाहिए. इसकी देशभर के कुली सालों से मांग कर रहे हैं. साथ ही कुलियों के लिए प्रतिमाह मानदेय की व्यवस्था भी होनी चाहिए, जिससे कि कुली का कार्य कर रहे लोग भी अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें.

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बहरहाल, रेल बजट से हर किसी वर्ग की कई उम्मीदें जुड़ी हुई हैं. 1 फरवरी को पेश होने जा रहा रेल बजट आम जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतर पाता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. बता दें एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश होगा. बजट सत्र का पहला हिस्सा 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा. दूसरा हिस्सा आठ मार्च से आठ अप्रैल तक आयोजित करने की सिफारिश की गई है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के पटल पर आम बजट पेश करेंगी.

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