देहरादून: उत्तराखंड दिव्यांगजन सशक्तिकरण एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने आज अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात की. इस दौरान दिव्यांगजनों ने कहा अगर आज शाम तक उनकी मांगों को लेकर कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आता है तो वे कल से प्रदेशभर से आक्रोश रैली के रूप में अपना विरोध प्रकट करेंगे.
उत्तराखंड डिसएबल एंपावरमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित डोभाल का कहना है कि मुख्यमंत्री ने हमारी मुख्य मांगों पर शीघ्र विचार करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने बताया 28 तारीख को होने वाली कैबिनेट में हम यह प्रस्ताव पास करेंगे.
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डोभाल ने कहा कि दिव्यांगों की मांगों को लेकर विगत कई वर्षों से हीला-हवाली की जा रही है. अगर मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाया तो 26 अक्टूबर को उनकी आक्रोश रैली आभार रैली के में परिवर्तित कर दी जाएगी. अमित डोभाल ने बताया 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश भर में 1 लाख अस्सी हजार दिव्यांगजन हैं. लेकिन प्रदेश के दिव्यांगजनों की लंबित 6 सूत्रीय मांगें आज भी जस की तस हैं. जिससे उत्तराखंड के दिव्यांगों में आक्रोश व्याप्त है.
दिव्यांगजनों की मुख्य मांगें
- सशक्त दिव्यांग आयोग का गठन किया जाए. आयोग का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष जो दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य करे उसी की नियुक्ति हो.
- दिव्यांग हित हेतु गठित राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड में दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रहे व्यक्ति को ही तत्काल उपाध्यक्ष नियुक्त किया जाए.
- दिव्यांगजनों की मासिक पेंशन 1200 रुपये से बढ़ाकर 3500 की जाए.
- राज्य के प्रमुख सरकारी कार्यालयों में दिव्यांगजनों के लिए इंटरप्रेटर की नियुक्ति की जाए.
- भाजपा चुनावी घोषणा पत्र के आधार पर किए गए दिव्यांग भर्ती वादे के अनुसार सभी विभागों में दिव्यांग जनों की नियुक्ति की जाए.
- दिव्यांग जनों को निजी व्यवसाय के लिए 0% ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाए.