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उत्तराखंड में एक खास समुदाय के लोग कर रहे पलायन, धामी सरकार ने जारी किया अलर्ट

उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले शासन ने एक ऐसी जानकारी साझा की है, जिसके बाद राज्य में चुनाव से पहले सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका जताई जाने लगी हैं. दरअसल बताया गया है कि कुछ विशेष क्षेत्रों में एक समुदाय की जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से जनांकिकीय (डेमोग्राफिक) परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. इसका कुप्रभाव दूसरे समुदाय के लोगों का उन क्षेत्रों से पलायन के रूप में सामने आने लगा है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
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Published : Sep 25, 2021, 3:32 PM IST

Updated : Sep 25, 2021, 9:29 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में लंबे समय से प्रदेश के बाहर से संदिग्ध लोगों के राज्य में आने की बातें होती रही हैं. इस दिशा में शासन की तरफ से अब जिले के अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. बताया गया है कि राज्य के कुछ क्षेत्रों में एक विशेष समुदाय के लोग तेजी से बढ़ रहे हैं तो दूसरे खास समुदाय के लोग पलायन कर रहे हैं. इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका जताई गई है.

उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले शासन ने एक ऐसी जानकारी साझा की है, जिसके बाद राज्य में चुनाव से पहले सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका लगाई जाने लगी है. दरअसल बताया गया है कि कुछ विशेष क्षेत्रों में जनसंख्या में एक समुदाय विशेष की अत्यधिक वृद्धि होने से जनांकिकीय (डेमोग्राफिक) परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. इसका कुप्रभाव दूसरे खास समुदाय के लोगों का उन क्षेत्रों से पलायन के रूप में सामने आने लगा है.

उत्तराखंड में खास समुदाय के लोग कर रहे पलायन

पढ़ें- उपनल कर्मियों की हरक सिंह ने फिर उठाई आवाज, कैबिनेट बैठक में गहमागहमी

इतना ही नहीं इससे वहां का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका भी बनी हुई है. इस संबंध में चिंता जताते हुए शासन ने डीजीपी, सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को इस समस्या के निदान के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

डीएम-एसएसपी को कार्रवाई करने के निर्देश: डीजीपी ने सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक जिले में जनपद स्तरीय एक समिति गठित की जाए. समिति इस समस्या के निदान के लिए अपने सुझाव देगी. इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों में शांति समितियों का भी गठन किया जाए और समय-समय पर इन समितियों की बैठकें आयोजित की जाएं.

निर्देश दिए हैं कि जिलों में इस प्रकार के क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए वहां निवास कर रहे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर करवाई की जाए. इसके साथ ही जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करने को कहा गया है जो अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं और उनका अपराधिक इतिहास है. ऐसे लोगों का व्यवसाय और मूल निवास स्थान का सत्यापन करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

पढ़ें- अच्छी खबर: धामी कैबिनेट ने नजूल भूमि के हजारों पट्टाधारकों को दी बड़ी राहत

जिलाधिकारियों को कहा गया है कि इन क्षेत्र विशेष में भूमि की अवैध ख़रीद-फरोख्त पर विशेष निगरानी रखी जाए. इस पर रोक लगाते हुए यह देखा जाए कि कोई व्यक्ति किसी के डर या दबाव में अपनी संपत्ति न बेच रहा हो. निर्देश दिए गए हैं कि जिले में निवास कर रहे विदेश मूल के उन लोगों के खिलाफ सख्त करवाई करें जिन्होंने धोखे से भारतीय वोटर कार्ड अथवा पहचान पत्र बनवाए हैं. ऐसे लोगों का रिकॉर्ड तैयार कर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए.

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं, उसको लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का पलायन प्रदेश के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है.

बीजेपी नेता ने की थी शिकायत: दरअसल, डेमोग्राफिक परिवर्तन की वजह से कुछ क्षेत्रों में एक समुदाय के लोगों के पलायन की खबरें आ रही हैं. बीजेपी नेता अजेंद्र अजय ने कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने पहाड़ी और पूजा स्थलों के आसपास एक खास समुदाय के जमीन खरीदने पर आपत्ति जताई थी और उन्होंने इस पूरे मामले को 'लैंड जेहाद' करार दिया था. इसी पत्र पर अब सरकार ने जवाब दिया है.

होगा वेरिफिकेशन: राज्य के बाहर से आने वाले और इन क्षेत्रों में रहने वाले आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों की सूची भी उनके मूल निवास स्थान का सत्यापन करने के बाद तैयार की जानी चाहिए. डीएम को ऐसे क्षेत्रों में अवैध भूमि सौदों पर नजर रखने और यह देखने के लिए कहा गया है कि लोग डर या दबाव में अपनी जमीन न बेचें. जाली पहचान पत्र या मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करने वाले विदेशी मूल के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. ऐसे लोगों का रिकॉर्ड तैयार किया जाना चाहिए और कानूनी प्रावधानों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

देहरादून: उत्तराखंड में लंबे समय से प्रदेश के बाहर से संदिग्ध लोगों के राज्य में आने की बातें होती रही हैं. इस दिशा में शासन की तरफ से अब जिले के अधिकारियों को विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. बताया गया है कि राज्य के कुछ क्षेत्रों में एक विशेष समुदाय के लोग तेजी से बढ़ रहे हैं तो दूसरे खास समुदाय के लोग पलायन कर रहे हैं. इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका जताई गई है.

उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले शासन ने एक ऐसी जानकारी साझा की है, जिसके बाद राज्य में चुनाव से पहले सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका लगाई जाने लगी है. दरअसल बताया गया है कि कुछ विशेष क्षेत्रों में जनसंख्या में एक समुदाय विशेष की अत्यधिक वृद्धि होने से जनांकिकीय (डेमोग्राफिक) परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. इसका कुप्रभाव दूसरे खास समुदाय के लोगों का उन क्षेत्रों से पलायन के रूप में सामने आने लगा है.

उत्तराखंड में खास समुदाय के लोग कर रहे पलायन

पढ़ें- उपनल कर्मियों की हरक सिंह ने फिर उठाई आवाज, कैबिनेट बैठक में गहमागहमी

इतना ही नहीं इससे वहां का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका भी बनी हुई है. इस संबंध में चिंता जताते हुए शासन ने डीजीपी, सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को इस समस्या के निदान के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

डीएम-एसएसपी को कार्रवाई करने के निर्देश: डीजीपी ने सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी को निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक जिले में जनपद स्तरीय एक समिति गठित की जाए. समिति इस समस्या के निदान के लिए अपने सुझाव देगी. इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों में शांति समितियों का भी गठन किया जाए और समय-समय पर इन समितियों की बैठकें आयोजित की जाएं.

निर्देश दिए हैं कि जिलों में इस प्रकार के क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए वहां निवास कर रहे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर करवाई की जाए. इसके साथ ही जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करने को कहा गया है जो अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं और उनका अपराधिक इतिहास है. ऐसे लोगों का व्यवसाय और मूल निवास स्थान का सत्यापन करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

पढ़ें- अच्छी खबर: धामी कैबिनेट ने नजूल भूमि के हजारों पट्टाधारकों को दी बड़ी राहत

जिलाधिकारियों को कहा गया है कि इन क्षेत्र विशेष में भूमि की अवैध ख़रीद-फरोख्त पर विशेष निगरानी रखी जाए. इस पर रोक लगाते हुए यह देखा जाए कि कोई व्यक्ति किसी के डर या दबाव में अपनी संपत्ति न बेच रहा हो. निर्देश दिए गए हैं कि जिले में निवास कर रहे विदेश मूल के उन लोगों के खिलाफ सख्त करवाई करें जिन्होंने धोखे से भारतीय वोटर कार्ड अथवा पहचान पत्र बनवाए हैं. ऐसे लोगों का रिकॉर्ड तैयार कर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए.

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं, उसको लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का पलायन प्रदेश के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है.

बीजेपी नेता ने की थी शिकायत: दरअसल, डेमोग्राफिक परिवर्तन की वजह से कुछ क्षेत्रों में एक समुदाय के लोगों के पलायन की खबरें आ रही हैं. बीजेपी नेता अजेंद्र अजय ने कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने पहाड़ी और पूजा स्थलों के आसपास एक खास समुदाय के जमीन खरीदने पर आपत्ति जताई थी और उन्होंने इस पूरे मामले को 'लैंड जेहाद' करार दिया था. इसी पत्र पर अब सरकार ने जवाब दिया है.

होगा वेरिफिकेशन: राज्य के बाहर से आने वाले और इन क्षेत्रों में रहने वाले आपराधिक रिकॉर्ड वाले लोगों की सूची भी उनके मूल निवास स्थान का सत्यापन करने के बाद तैयार की जानी चाहिए. डीएम को ऐसे क्षेत्रों में अवैध भूमि सौदों पर नजर रखने और यह देखने के लिए कहा गया है कि लोग डर या दबाव में अपनी जमीन न बेचें. जाली पहचान पत्र या मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करने वाले विदेशी मूल के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. ऐसे लोगों का रिकॉर्ड तैयार किया जाना चाहिए और कानूनी प्रावधानों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.

Last Updated : Sep 25, 2021, 9:29 PM IST
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