विकासनगर: कालसी ब्लॉक की ग्राम पंचायत सुरेऊ का धिरोग गांव आजादी के बाद से आज तक भी मोटर मार्ग से नहीं जुड़ पाया है. ग्रामीण मरीजों को बांस के सहारे तीन किलोमीटर खड़ी चढ़ाई चढ़कर मुख्य मार्ग तक पहुंचने को मजबूर हैं. सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में ग्रामीणों ने सरकार से मोटर मार्ग की मांग की है.
उत्तराखंड राज्य के गठन को 20 साल पूरे होने को हैं. 20 साल में कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन उत्तराखंड के दूरस्थ इलाके आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए महरूम हैं. कहते हैं अगर किसी गांव को विकास की धारा में लाने के लिए वहां सड़क का होना जरूरी होता है. लेकिन आजादी के दशकों बाद भी कालसी ब्लॉक सुरेऊ ग्राम पंचायत के धिरोग गांव आज भी विकास से कोसों दूर है.
धिरोग गांव के लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए तीन किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ने को मजबूर हैं. ग्रामीणों को नकदी फसलों को मुख्य मार्ग तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. साथ ही किसी के बीमार होने पर मरीज को अस्पताल पहुंचाने में ग्रामीणों के पसीने छूट जाते हैं.
धिरोग गांव में कुल 23 परिवार
बता दें, गांव में लगभग 23 परिवार अनुसूचित जाति के निवास करते हैं, जिनकी आबादी लगभग 200 के करीब है. ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय कृषि और पशुपालन के साथ-साथ दिहाड़ी मजदूरी भी करते हैं.
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धिरोग गांव की महिला बाला देवी बताती है कि सड़क नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. बीमार लोगों को बांस के सहारे मुख्य मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि चुनाव के समय नेता सिर्फ वोट मांगने के लिए आते हैं और चुनाव संपन्न होने के बाद अपने वादे भूल जाते हैं.
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ग्राम प्रधान बनिता ने बताया कि कई बार ग्राम पंचायत द्वारा पूर्व व वर्तमान सरकार को सड़क की मांग का प्रस्ताव दे चुके हैं. लेकिन वर्तमान में न कोई वर्तमान सरकार और न ही क्षेत्रीय विधायक इस ओर कोई ध्यान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से कई बार सड़क की मांग की है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.