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बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों को लेकर इस मंच से लोग बेखबर, इस वजह से नहीं कर रहे उपयोग - बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत

उत्तराखंड में विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच भी है, जो बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान करती है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं है. जिस वजह से लोगों के शिकायतों का निवारण नहीं हो पाता है. साथ ही जागरूकता और बजट की कमी भी बड़ा कारण है.

Electricity Consumer Grievance Redressal Forum
विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम
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Published : Apr 7, 2022, 3:51 PM IST

Updated : Apr 7, 2022, 4:49 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को जिला स्तर पर समस्या के समाधान को लेकर बनाए गए फोरम का उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है. ऐसा फोरम में आ रही उन शिकायतों की संख्या को देखकर समझा जा सकता है, जो यहां दर्ज की जा रही है. फोरम में बजट और जागरूकता की कमी के कारण उपभोक्ता इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

बता दें कि विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच (Electricity Consumer Grievance Redressal Forum) जिला स्तर पर उपभोक्ताओं को उनकी विद्युत सुविधाओं से जुड़ी शिकायतों का निराकरण करता है. यहां पर बिजली के बढ़े हुए दामों से लेकर मीटर में गड़बड़ी और नए कनेक्शन में देरी तक के मामलों को सुना जाता है. इस फोरम में 3 सदस्य नामित किए जाते हैं, जो विभिन्न उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण को लेकर अपना निर्णय देते हैं. यह फोरम बिजली की समस्याओं को लेकर एक कोर्ट की तरह काम करता है.

विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच की जानकारी देते न्यायिक सदस्य त्रिभुवन सिंह.

ये भी पढ़ेंः दिसंबर 2022 तक पूरी हो जाएगी THDC की PSP की पहली यूनिट, यूपी और दिल्ली को होगा ये फायदा

वैसे तो जनसामान्य की समस्याओं के निराकरण के लिए इसका गठन किया गया है, लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इसका पूरी तरह से उपयोग उपभोक्ता नहीं कर पा रहे हैं. मौजूदा आंकड़ों के अनुसार पिछले साल तक फोरम में कुल 138 शिकायतें आई थी, इसमें औसतन हर महीने करीब 10 से 15 शिकायतें दर्ज की जाती है. अच्छी बात यह है कि फोरम की तरफ से करीब 100% मामलों को समय से निराकरण किया जा रहा है.

हालांकि, इस फोरम में बजट की कमी के कारण इसका सही से उपयोग नहीं हो पा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि बड़ी संख्या में ऐसे उपभोक्ता भी हैं, जिन्हें इस फोरम की जानकारी ही नहीं है, लेकिन इसके बावजूद बड़े स्तर पर इसके प्रचार-प्रसार को लेकर कोई कार्य योजना न तो विभाग के पास है और न ही फोरम वित्तीय रूप से इतना मजबूत है कि वो खुद का प्रचार प्रसार कर सके.

ये भी पढ़ेंः बकायेदारों से वसूली के लिए खुद मैदान में उतरे ऊर्जा निगम के अधिकारी, जुटाया डेढ़ करोड़ रुपए

फोरम में न्यायिक सदस्य त्रिभुवन सिंह कहते हैं कि वैसे तो फोरम की तरफ से बेहतर काम किया जा रहा है. बिजली की सुविधाएं देने से जुड़ी शिकायतों पर समय से समाधान की भी कोशिश की जा रही है. हालांकि, वो भी मानते हैं कि लोगों में जागरूकता की कुछ कमी है और इसलिए इस मंच तक कई लोग नहीं पहुंच पाते. जिसके कारण उन्हें शिकायतों से जुड़े विषय पर समय से और बेहतर परिस्थितियों में समाधान नहीं मिल पाता.

देहरादूनः उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ताओं को जिला स्तर पर समस्या के समाधान को लेकर बनाए गए फोरम का उचित उपयोग नहीं हो पा रहा है. ऐसा फोरम में आ रही उन शिकायतों की संख्या को देखकर समझा जा सकता है, जो यहां दर्ज की जा रही है. फोरम में बजट और जागरूकता की कमी के कारण उपभोक्ता इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

बता दें कि विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच (Electricity Consumer Grievance Redressal Forum) जिला स्तर पर उपभोक्ताओं को उनकी विद्युत सुविधाओं से जुड़ी शिकायतों का निराकरण करता है. यहां पर बिजली के बढ़े हुए दामों से लेकर मीटर में गड़बड़ी और नए कनेक्शन में देरी तक के मामलों को सुना जाता है. इस फोरम में 3 सदस्य नामित किए जाते हैं, जो विभिन्न उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण को लेकर अपना निर्णय देते हैं. यह फोरम बिजली की समस्याओं को लेकर एक कोर्ट की तरह काम करता है.

विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच की जानकारी देते न्यायिक सदस्य त्रिभुवन सिंह.

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वैसे तो जनसामान्य की समस्याओं के निराकरण के लिए इसका गठन किया गया है, लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इसका पूरी तरह से उपयोग उपभोक्ता नहीं कर पा रहे हैं. मौजूदा आंकड़ों के अनुसार पिछले साल तक फोरम में कुल 138 शिकायतें आई थी, इसमें औसतन हर महीने करीब 10 से 15 शिकायतें दर्ज की जाती है. अच्छी बात यह है कि फोरम की तरफ से करीब 100% मामलों को समय से निराकरण किया जा रहा है.

हालांकि, इस फोरम में बजट की कमी के कारण इसका सही से उपयोग नहीं हो पा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि बड़ी संख्या में ऐसे उपभोक्ता भी हैं, जिन्हें इस फोरम की जानकारी ही नहीं है, लेकिन इसके बावजूद बड़े स्तर पर इसके प्रचार-प्रसार को लेकर कोई कार्य योजना न तो विभाग के पास है और न ही फोरम वित्तीय रूप से इतना मजबूत है कि वो खुद का प्रचार प्रसार कर सके.

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फोरम में न्यायिक सदस्य त्रिभुवन सिंह कहते हैं कि वैसे तो फोरम की तरफ से बेहतर काम किया जा रहा है. बिजली की सुविधाएं देने से जुड़ी शिकायतों पर समय से समाधान की भी कोशिश की जा रही है. हालांकि, वो भी मानते हैं कि लोगों में जागरूकता की कुछ कमी है और इसलिए इस मंच तक कई लोग नहीं पहुंच पाते. जिसके कारण उन्हें शिकायतों से जुड़े विषय पर समय से और बेहतर परिस्थितियों में समाधान नहीं मिल पाता.

Last Updated : Apr 7, 2022, 4:49 PM IST
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