मसूरीः पहाड़ों की रानी मसूरी में धनतेरस (Dhanteras in Mussoorie) पर बाजारों में भीड़ उमड़ी. कोरोना काल के बाद लोगों के लिए यह पहला मौका है, जब उन्होंने बिना किसी के पाबंदी के बाजारों में खरीदारी की. मसूरी बाजार रोशनी से जगमग नजर आ रहा है. रंग-बिरंगी कैंडल, फूलों वाली झालर, मिट्टी की लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां के अलावा बर्तन और चांदी सोने के गहनों से सजे बाजार ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया.
मसूरी की हर दुकान पर खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है. कोरोना महामारी के बाद यह नजारा पहली बार देखने को मिल रहा है. जिसे देखकर हर कोई उत्साहित है. वहीं, पीली धातु की कीमतों में तेजी के बावजूद जौहरी की दुकानों पर सुबह से ही भारी भीड़ देखी जा रही थी. मिठाइयों की दुकानों पर भी भीड़ रही. बर्तन दुकानदार अमित गोयल ने कहा कि गढ़वाल के पारंपरिक बर्तनों की इस साल काफी मांग है. क्योंकि विदेशी पर्यटकों में गढ़वाल के बर्तन खरीदने में रुचि देखी जा रही है.
वहीं, कई दुकानदार पटाखा बेचते (Cracker Shop in Mussoorie) समय प्रशासन की ओर से लगाए गए दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ाते दिखे. जिस पर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पटाखा बेचने के लाइसेंस एसडीएम कार्यालय की ओर से दिए जा रहे हैं. अगर व्यक्तिगत शिकायत मिलती ही तो कार्रवाई की जाएगी.
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हिंदू पंचांग के अनुसार धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास के त्रयोदशी को मनाया जाता है. इस दिन देवताओं के वैद्य धन्वंतरी की जयंती मनाई जाती है. धनतेरस के दिन सोना, चांदी और अन्य वस्तुओं की खरीदारी करना शुभ माना जाता है.
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी का प्रारंभ शनिवार शाम 6:02 बजे से शुरू हो चुका है. जो रविवार शाम 6:03 बजे तक रहेगा. इसके साथ ही इस बार धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है. मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य और खरीदारी शुभ होती है. वहीं, पांच दिवसीय त्योहार धनतेरस, छोटी दीपावली, दीपावली, गोवर्धन और भाई दूज के लिए बाजार सजकर तैयार है.