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तेंदुए को बेबस पाकर पीटती रही भीड़, बचाने के बजाए वीडियो बनाते रहे वनकर्मी - उत्तराखंड न्यूज

भीड़ ने तेंदुए को कमजोर पाकर जमकर पीटा. हैरत की बात यह है कि इस दौरान वन महकमे के जिम्मेदार लोग इस पूरी घटना पर वीडियो बनाते रहे, लेकिन किसी ने उसे बचाने का प्रयास नहीं किया.

तेंदुए की बेबसी
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Published : Aug 21, 2019, 7:36 PM IST

Updated : Aug 21, 2019, 8:56 PM IST

देहरादून: कॉलोनियों में घुसकर कोहराम मचाने वाले तेंदुए की कई तस्वीरें आपने देखी होंगी, लेकिन जब यही तेंदुआ बेबस होता है तो इंसानों का जंगली चेहरा बेनकाब हो जाता है. मामला चकराता के सहिया का है, जहां बेबस तेंदुआ इंसानी जुल्म का शिकार हुआ. चकराता के सहिया में मौत से जूझता तेंदुआ इंसानों के हैवानी रवैये का ऐसा शिकार हुआ कि इंसानियत भी शर्मसार हो जाए.

खुली सड़क पर चहलकदमी करता तेंदुआ उस समय आम लोगों के लिए दहशत बन गया. जब जंगल से भटककर तेंदुआ आम लोगों के बीच खुली सड़क पर आ पहुंचा. इस बीच तेंदुआ सड़क के बीचों-बीच खड़ा रहा और आम लोग भी सड़क पर गाड़ियां दौड़ाते रहे.

पढ़ें- उत्तरकाशीः प्रशासन ने माकुड़ी में दोबारा शुरू किया रेस्क्यू , SDRF गांवों में पहुंचा रही है राहत सामग्री

हालाकिं, इस दौरान कुछ देर यातायात थम भी गया था, लेकिन दहशत में दिख रहे लोग उस समय तेंदुए पर हावी हो ग,ए जब तेंदुए की चाल कुछ बदली सी दिखाई देने लगी और चहलकदमी करते हुए तेंदुआ गिरने लगा. फिर क्या लोगों की भीड़ तेंदुए पर ही टूट पड़ी और फिर शुरू हुआ असंवेदनशीलता का सिलसिला.

तेंदुए की बेबसी पर इंसानी असंवेदनशीलता

सबसे पहले लोगों ने तेंदुए पर काबू पाने के लिए उसे घेरकर रस्सी से बांधकर खींचना शुरू किया. कमजोर दिख रहे तेंदुए ने इंसानों से खुद को छुड़ाने की जद्दोजहद शुरू की, तो ऐसा लगा की तेंदुआ भी इंसानों के इस रवैये से हैरान हो, बहरहाल इंसानों ने अपने जंगली चेहरे को दिखाना जारी रखा.

पढ़ें- पारिवारिक विवाद में पर्यटक ने गेस्ट हाउस में फांसी लगाई, जांच में जुटी पुलिस

लोगों ने तेंदुए को कान और पूंछ के बल उठाकर उसे पूरी तरह काबू में ले लिया. हैरत की बात यह है कि इस पूरी घटना के दौरान वन महकमे के जिम्मेदार लोग इस पूरी घटना पर वीडियो बनाते रहे. हालाकिं, तेंदुए पर हुई इस पूरी क्रूरता के बाद उसे वन विभाग के लोगों ने कब्जे में ले लिया. फिर उसे हरिद्वार स्थित रासियाबड़ रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया.

बताया जा रहा है कि तेंदुए ने या तो जंगल में कोई पुराना मांस खाया या फिर कीटनाशक के सेवन के चलते वह सुध बुध खो बैठा और उसकी हालत खराब होती चली गई. इसी बीमार हालत का फायदा उठाते हुए लोगों ने उसके साथ बर्बरता दिखानी शुरू की.

देहरादून: कॉलोनियों में घुसकर कोहराम मचाने वाले तेंदुए की कई तस्वीरें आपने देखी होंगी, लेकिन जब यही तेंदुआ बेबस होता है तो इंसानों का जंगली चेहरा बेनकाब हो जाता है. मामला चकराता के सहिया का है, जहां बेबस तेंदुआ इंसानी जुल्म का शिकार हुआ. चकराता के सहिया में मौत से जूझता तेंदुआ इंसानों के हैवानी रवैये का ऐसा शिकार हुआ कि इंसानियत भी शर्मसार हो जाए.

खुली सड़क पर चहलकदमी करता तेंदुआ उस समय आम लोगों के लिए दहशत बन गया. जब जंगल से भटककर तेंदुआ आम लोगों के बीच खुली सड़क पर आ पहुंचा. इस बीच तेंदुआ सड़क के बीचों-बीच खड़ा रहा और आम लोग भी सड़क पर गाड़ियां दौड़ाते रहे.

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हालाकिं, इस दौरान कुछ देर यातायात थम भी गया था, लेकिन दहशत में दिख रहे लोग उस समय तेंदुए पर हावी हो ग,ए जब तेंदुए की चाल कुछ बदली सी दिखाई देने लगी और चहलकदमी करते हुए तेंदुआ गिरने लगा. फिर क्या लोगों की भीड़ तेंदुए पर ही टूट पड़ी और फिर शुरू हुआ असंवेदनशीलता का सिलसिला.

तेंदुए की बेबसी पर इंसानी असंवेदनशीलता

सबसे पहले लोगों ने तेंदुए पर काबू पाने के लिए उसे घेरकर रस्सी से बांधकर खींचना शुरू किया. कमजोर दिख रहे तेंदुए ने इंसानों से खुद को छुड़ाने की जद्दोजहद शुरू की, तो ऐसा लगा की तेंदुआ भी इंसानों के इस रवैये से हैरान हो, बहरहाल इंसानों ने अपने जंगली चेहरे को दिखाना जारी रखा.

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लोगों ने तेंदुए को कान और पूंछ के बल उठाकर उसे पूरी तरह काबू में ले लिया. हैरत की बात यह है कि इस पूरी घटना के दौरान वन महकमे के जिम्मेदार लोग इस पूरी घटना पर वीडियो बनाते रहे. हालाकिं, तेंदुए पर हुई इस पूरी क्रूरता के बाद उसे वन विभाग के लोगों ने कब्जे में ले लिया. फिर उसे हरिद्वार स्थित रासियाबड़ रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया.

बताया जा रहा है कि तेंदुए ने या तो जंगल में कोई पुराना मांस खाया या फिर कीटनाशक के सेवन के चलते वह सुध बुध खो बैठा और उसकी हालत खराब होती चली गई. इसी बीमार हालत का फायदा उठाते हुए लोगों ने उसके साथ बर्बरता दिखानी शुरू की.

Intro:फीड एफटीपी से भेजी है


Summary-इंसानी कालोनियों में घुसकर कोहराम मचाने वाले तेंदुए की कई तस्वीरें आपने देखी होंगी..लेकिन जब यही तेंदुआ बेबस हो इंसानों का जंगली चेहरा बेनकाब हो जाता है...मामला चकराता के सहिया का है जहां बेबस तेंदुआ इंसानी जुल्म का शिकार हो गया...देखिये क्या है पूरा मामला 


चकराता का सहिया जहां मौत से जूझता तेंदुआ इंसानों के जानवर रवैये का ऐसा शिकार हुआ कि इंसानियत भी शर्मसार हो जाये..आप भी देखिये मौत से बाहर आने की कोशिश और संवेदंशिलताओं कि मौत की तस्वीर....




Body:खुली सड़क पर चहलकदमी करता तेंदुआ उस समय आम लोगों के लिए दहशत बन गया...जब जंगल से भटकर तेंदुआ आम लोगों के बीच खुली सड़क पर आ पहुंचा...इस बीच तेंदुआ सड़क के बीचों बीच खड़ा रहा और आम लोग भी सड़क पर गाड़ियां दौड़ाते रहे...हालाकिं इस दौरान कुछ देर यातायात थम भी गया...लेकिन दहशत में दिख रहे लोग उस समय तेंदुए पर हावी हो गए जब तेंदुये की चाल कुछ बदली सी दिखाई देने लगी और चहलकदमी करते हुए तेंदुआ गिरने लगा...फिर क्या लोगों की भीड़ तेंदुए पर ही टूट पड़ी और फिर शुरू हुआ असंवेदनशीलता का सिलसिला...सबसे पहले लोगों ने तेंदुए पर काबू पाने के लिए उसे घेरकर रस्सी से बांधकर खींचना शुरू किया...कमजोर दिख रहे तेंदुए ने इंसानों से खुद को छुड़ाने की जद्दोजहद शुरू की ...तो ऐसा लगा की तेंदुआ भी इंसानों के इस रवैये से हैरान हो..बहरहाल इंसानों ने अपने जंगली चेहरे को दिखाना जारी रखा...लोगों ने तेंदुए को कान और पूंछ के बल उठाकर उसे पूरी तरह काबू में ले लिया। हैरत की बात यह है कि इस पूरी घटना के दौरान वन महकमे के जिम्मेदार लोग इस पूरी घटना पर वीडियो बनाते रहे। हालाकिं तेंदुए पर हुई इस पूरी क्रूरता के बाद उसे वन विभाग के लोगों ने कब्जे में ले लिया। और फिर उसे हरिद्वार स्थित रासियाबड़ रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि तेंदुए ने या तो जंगल में कोई पुराना मांस खाया या फिर कीटनाशक के सेवन के चलते वह सुध बुध खो बैठा और उसकी हालत खराब होती चली गई... इसी बीमार हालत का फायदा उठाते हुए लोगों ने उसके साथ बर्बरता दिखानी शुरू की।

बाइट बीपी चंद्र डीएफओ चकराता




Conclusion:इन तस्वीरों में सबसे खास बात यह रही कि वन महकमे के लोग भी अपनी उन जिम्मेदारियों को नहीं निभा पाए जिनके लिए उन्हें विभाग में नियुक्ति दी गई है हालांकि अब तेंदुए को रेस्क्यू कर उसके हालत स्थिर करने की कोशिश की जा रही।
Last Updated : Aug 21, 2019, 8:56 PM IST
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