देहरादून: कॉलोनियों में घुसकर कोहराम मचाने वाले तेंदुए की कई तस्वीरें आपने देखी होंगी, लेकिन जब यही तेंदुआ बेबस होता है तो इंसानों का जंगली चेहरा बेनकाब हो जाता है. मामला चकराता के सहिया का है, जहां बेबस तेंदुआ इंसानी जुल्म का शिकार हुआ. चकराता के सहिया में मौत से जूझता तेंदुआ इंसानों के हैवानी रवैये का ऐसा शिकार हुआ कि इंसानियत भी शर्मसार हो जाए.
खुली सड़क पर चहलकदमी करता तेंदुआ उस समय आम लोगों के लिए दहशत बन गया. जब जंगल से भटककर तेंदुआ आम लोगों के बीच खुली सड़क पर आ पहुंचा. इस बीच तेंदुआ सड़क के बीचों-बीच खड़ा रहा और आम लोग भी सड़क पर गाड़ियां दौड़ाते रहे.
हालाकिं, इस दौरान कुछ देर यातायात थम भी गया था, लेकिन दहशत में दिख रहे लोग उस समय तेंदुए पर हावी हो ग,ए जब तेंदुए की चाल कुछ बदली सी दिखाई देने लगी और चहलकदमी करते हुए तेंदुआ गिरने लगा. फिर क्या लोगों की भीड़ तेंदुए पर ही टूट पड़ी और फिर शुरू हुआ असंवेदनशीलता का सिलसिला.
सबसे पहले लोगों ने तेंदुए पर काबू पाने के लिए उसे घेरकर रस्सी से बांधकर खींचना शुरू किया. कमजोर दिख रहे तेंदुए ने इंसानों से खुद को छुड़ाने की जद्दोजहद शुरू की, तो ऐसा लगा की तेंदुआ भी इंसानों के इस रवैये से हैरान हो, बहरहाल इंसानों ने अपने जंगली चेहरे को दिखाना जारी रखा.
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लोगों ने तेंदुए को कान और पूंछ के बल उठाकर उसे पूरी तरह काबू में ले लिया. हैरत की बात यह है कि इस पूरी घटना के दौरान वन महकमे के जिम्मेदार लोग इस पूरी घटना पर वीडियो बनाते रहे. हालाकिं, तेंदुए पर हुई इस पूरी क्रूरता के बाद उसे वन विभाग के लोगों ने कब्जे में ले लिया. फिर उसे हरिद्वार स्थित रासियाबड़ रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया.
बताया जा रहा है कि तेंदुए ने या तो जंगल में कोई पुराना मांस खाया या फिर कीटनाशक के सेवन के चलते वह सुध बुध खो बैठा और उसकी हालत खराब होती चली गई. इसी बीमार हालत का फायदा उठाते हुए लोगों ने उसके साथ बर्बरता दिखानी शुरू की.