देहरादून: भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हो रही है. इसके लिए आयोजन आज से शुरू हो गए हैं. चारों तरफ राम की भक्ति में लोग डूबे हुए हैं. उत्तराखंड सरकार भी लगातार राज्य में अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को राम भक्ति और 22 तारीख के कार्यक्रम से जोड़ रही है.
इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार 22 जनवरी को एक बड़ा फैसला लेने जा रही है. बंगाल टाइगर्स और हाथियों का सबसे बड़ा घर कहे जाने वाले कॉर्बेट नेशनल पार्क के पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का नाम बदला जाएगा. धामी सरकार ने अब इस रिजर्व का नाम सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व रखने का फैसला लिया है.
इस घने जंगल में माता सीता का पौराणिक मंदिर है. उनके साथ ही लव और कुश की प्रतिमाएं विराजमान हैं. इस समय पूरे देश में राम भक्ति का माहौल है. ऐसे में जिस दिन से भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख निकली है, उसी दिन से स्थानीय लोग यह मांग कर रहे थे कि इस पवलगढ़ कंजर्वेशन रिजर्व का नाम बदला जाए.
ऐसे में जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड की धामी सरकार 22 जनवरी को इस कंजर्वेशन का नाम बदलने जा रही है. आध्यात्मिक रूप से भी यह क्षेत्र बेहद प्राचीन है. ऐसे में सीतावनी नाम से इसका नोटिफिकेशन जारी होने जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में प्रमुख सचिव को निर्देशित किया है. राज्य सरकार का यह मानना है कि इस कंजर्वेशन रिजर्व को न केवल हाथियों और बंगाल के टाइगर से पहचाना जाएगा, बल्कि बहुत कम लोगों को पता है कि इसके अंदर माता सीता का मंदिर भी है. स्थानीय लोगों की मंदिर में बहुत आस्था है. लिहाजा जो पर्यटक यहां पर जंगल की सफारी करने आएंगे, वह मंदिर के दर्शन भी करेंगे.
आपको बता दें कि यह रिजर्व पार्क एशियाई हाथियों के सबसे बड़े घर के रूप में भी जाना जाता है. इसको साल 2012 में बनाया गया था. इसे रामनगर तराई के कुछ रेंज को मिलाकर बनाया गया है. इस पूरे रिजर्व क्षेत्र में हाथियों, टाइगर और अन्य जीव जंतुओं की संख्या बहुत अधिक है.
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