देहरादूनः पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय यानी कोरोनेशन अस्पताल देहरादून (Coronation Hospital Dehradun) में मरीजों के लिए ट्रांसपोर्टेशन की कोई उचित व्यवस्था नहीं है. अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए कोई सार्वजनिक वाहन नहीं जाते हैं. ऐसे में मरीजों को या तो पैदल या फिर ऑटो व कैब बुक करके जाना पड़ता है. अस्पताल तक पहुंचने के लिए ऑटो का किराया मरीजों को भारी पड़ता है. जिससे उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
उत्तराखंड मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन (Uttarakhand Medical and Sales Representative Union) के अध्यक्ष दीपक शर्मा का कहना है कि जब से कोरोनेशन को जिला अस्पताल बनाया गया है, तब से अस्पताल की स्थिति दयनीय हो गई है. खासकर जितने भी गरीब तबके के मरीज हैं, वो लोग विशेषकर सरकारी अस्पतालों की तरफ से अपना रुख करते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सरकारी अस्पतालों में ही लोगों की निर्भरता काफी ज्यादा है, लेकिन जब से यह जिला अस्पताल बना है, यहां आने जाने की व्यवस्थाएं नहीं सुधर नहीं पाई हैं.
कोरोनेशन अस्पताल तक हो इलेक्ट्रिक बस की सुविधाः दीपक शर्मा का कहना है कि यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट का कोई साधन नहीं है. इससे खासकर गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग मरीजों को काफी परेशानियां का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार को कोई ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जैसे शहर के बीचों बीच इलेक्ट्रिक बस की व्यवस्थाएं (Electric Bus Service for Coronation Hospital) हो, जो मरीजों को जिला अस्पताल लाने ले जाने का काम (Transport Facility to Coronation Hospital) करें.
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क्या बोलीं पीएमएस शिखा जंगपांगीः पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय की पीएमएस डॉ. शिखा जंगपांगी (Pandit Deendayal Upadhyay District Hospital PMS Shikha Jangpangi) का कहना है कि शासन को प्रपोजल दिया गया है कि कोई ई रिक्शा या ऐसी अन्य कोई सुविधा हो, जिससे मरीज अस्पताल पहुंच पाएं. इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन ने शासन को अवगत कराया है, लेकिन दिक्कत ये है कि जिला अस्पताल आवासीय क्षेत्र के बीच स्थित है. इसके साथ ही अस्पताल के आसपास स्कूल भी संचालित हो रहे हैं, ऐसे में कब तक यहां पर मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए परिवहन की सुविधा उपलब्ध हो पाएगी, यह बताना मुश्किल है.