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UTTARAKHAND: बच्चों के बिगड़ने में अभिभावक जिम्मेदार, सर्वे में सामने आई हकीकत

आज के इस दौर में बच्चों को लेकर कई घटनाएं सामने आती रहती है, जिससे अभिभावकों को अपने बच्चों को लेकर चिंता हो रही है. कई बच्चे बिगड़ जाते हैं, जिनकी वजह अभिभावकों को नहीं पता चल पाती है. कोई नशे का आदी हो गया है तो किसी के कदम अपराध की ओर बढ़ गए हैं. देखिए ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट...

Survey report
सर्वे में सामने आई हकीकत.
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Published : Aug 1, 2021, 9:27 AM IST

Updated : Aug 1, 2021, 9:39 AM IST

देहरादून: आधुनिकता के इस दौर में बदलती जीवन शैली के बीच बच्चों के व्यवहार में भी काफी तेजी से बदलाव हो रहे है. जिसकी वजह से कई बार बच्चे अपनी मासूमियत को खोते हुए बिगड़ने की राह पर निकल पड़ते हैं. लेकिन क्या कभी आपने इस बात का आकलन किया है कि एक बच्चे के बिगड़ने के प्रमुख कारण क्या हो सकते हैं?

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक काउंसलिंग (International Institute of Psychometric Counseling) की ओर से हाल ही में प्रदेश के 5 जनपद देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और उधम सिंह नगर में एक विशेष सर्वे कराया गया, जिसका उद्देश्य उन कारणों का पता लगाना था. जिनकी वजह से बच्चे बिगड़ रहे हैं.

बच्चों के बिगड़ने में अभिभावक जिम्मेदार.

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक काउंसलिंग के संस्थापक डॉ. मुकुल शर्मा ने बताया की सर्वे में प्रदेश के इन 5 जनपदों के 3,200 लोगों को जोड़ा गया. जिसमें कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12वीं के छात्रों के साथ ही उनके अभिभावक और कुछ मनोवैज्ञानिक भी जुड़ें. इस सर्वे के माध्यम से अलग-अलग लोगों ने बच्चों के बिगड़ने के अलग-अलग कारण बताएं. लेकिन इसमें जो प्रमुख कारण बच्चों के बिगड़ने का उभर कर सामने आया, वह माता-पिता के बीच का आपसी विवाद है. यानी कि जिन घरों में माता-पिता के बीच हर छोटी बड़ी बात पर अनबन ज्यादा होती है, उन घरों के बच्चों के बिगड़ने की संभावना अधिक रहती है.


बच्चों के बिगड़ने को लेकर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक काउंसलिंग के इस सर्वे में यह तथ्य उभरकर सामने आए हैं. माता पिता का आपसी विवाद- 31%- प्रतिभागियों का मानना है कि माता-पिता के आपसी झगड़ों के कारण बच्चों का खुद को उपेक्षित महसूस करना बच्चों के बिगड़ने का एक मुख्य कारण है. मानसिक रोग- 12%-लोग मानते हैं कि बच्चों में भय उनके बिगड़ने का एक कारण हो सकता है.

एकल अभिभावक- 7%- लोगों का मानना है की एकल अभिभावक का बहुत सी जिम्मेदारियों के कारण अपने बच्चों पर ध्यान न दे पाना भी बच्चे के बिगड़ने का एक कारण हो सकता है. अभिभावकों का बच्चों पर दबाव- 7%-लोगों के अनुसार माता-पिता का दबाव बच्चों को सही रास्ते पर नहीं चलने देता यह दबाव करियर के चुनाव करने के साथ ही किसी अन्य चीज के चुनाव से जुड़ा हो सकता है. सामाजिक कारण- 7%-लोग यह मानते हैं कि बच्चे की संगत उनके बिगड़ने में एक प्रमुख भूमिका निभाती है यानी कि बच्चा किन लोगों की संगती में रह रहा है किन लोगों के साथ दोस्ती कर रहा है, यह सभी बातें बच्चों के बिगड़ने का एक प्रमुख कारण हो सकती है.

पढ़ें: नेता प्रतिपक्ष को IFUNA ने किया सम्मानित, कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर

डॉ. मुकुल शर्मा ने बताया की सर्वे रिपोर्ट में भले ही लोगों ने बच्चों के बिगड़ने के अलग-अलग कारण रखें. लेकिन इन सभी कारणों का अगर निचोड़ निकाला जाए तो इसमें यही बात उभर कर सामने आती है कि अभिभावकों को अपने बच्चों पर अधिक नजर रखने की जरूरत है. यहां अधिक नजर रखने का मतलब बच्चों को समय देने से जुड़ा है. अगर बच्चा परिवार के बीच उपेक्षित महसूस नहीं करेगा तो वह कभी भी गलत राह नहीं चुन सकता.

देहरादून: आधुनिकता के इस दौर में बदलती जीवन शैली के बीच बच्चों के व्यवहार में भी काफी तेजी से बदलाव हो रहे है. जिसकी वजह से कई बार बच्चे अपनी मासूमियत को खोते हुए बिगड़ने की राह पर निकल पड़ते हैं. लेकिन क्या कभी आपने इस बात का आकलन किया है कि एक बच्चे के बिगड़ने के प्रमुख कारण क्या हो सकते हैं?

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक काउंसलिंग (International Institute of Psychometric Counseling) की ओर से हाल ही में प्रदेश के 5 जनपद देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल और उधम सिंह नगर में एक विशेष सर्वे कराया गया, जिसका उद्देश्य उन कारणों का पता लगाना था. जिनकी वजह से बच्चे बिगड़ रहे हैं.

बच्चों के बिगड़ने में अभिभावक जिम्मेदार.

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक काउंसलिंग के संस्थापक डॉ. मुकुल शर्मा ने बताया की सर्वे में प्रदेश के इन 5 जनपदों के 3,200 लोगों को जोड़ा गया. जिसमें कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12वीं के छात्रों के साथ ही उनके अभिभावक और कुछ मनोवैज्ञानिक भी जुड़ें. इस सर्वे के माध्यम से अलग-अलग लोगों ने बच्चों के बिगड़ने के अलग-अलग कारण बताएं. लेकिन इसमें जो प्रमुख कारण बच्चों के बिगड़ने का उभर कर सामने आया, वह माता-पिता के बीच का आपसी विवाद है. यानी कि जिन घरों में माता-पिता के बीच हर छोटी बड़ी बात पर अनबन ज्यादा होती है, उन घरों के बच्चों के बिगड़ने की संभावना अधिक रहती है.


बच्चों के बिगड़ने को लेकर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोमेट्रिक काउंसलिंग के इस सर्वे में यह तथ्य उभरकर सामने आए हैं. माता पिता का आपसी विवाद- 31%- प्रतिभागियों का मानना है कि माता-पिता के आपसी झगड़ों के कारण बच्चों का खुद को उपेक्षित महसूस करना बच्चों के बिगड़ने का एक मुख्य कारण है. मानसिक रोग- 12%-लोग मानते हैं कि बच्चों में भय उनके बिगड़ने का एक कारण हो सकता है.

एकल अभिभावक- 7%- लोगों का मानना है की एकल अभिभावक का बहुत सी जिम्मेदारियों के कारण अपने बच्चों पर ध्यान न दे पाना भी बच्चे के बिगड़ने का एक कारण हो सकता है. अभिभावकों का बच्चों पर दबाव- 7%-लोगों के अनुसार माता-पिता का दबाव बच्चों को सही रास्ते पर नहीं चलने देता यह दबाव करियर के चुनाव करने के साथ ही किसी अन्य चीज के चुनाव से जुड़ा हो सकता है. सामाजिक कारण- 7%-लोग यह मानते हैं कि बच्चे की संगत उनके बिगड़ने में एक प्रमुख भूमिका निभाती है यानी कि बच्चा किन लोगों की संगती में रह रहा है किन लोगों के साथ दोस्ती कर रहा है, यह सभी बातें बच्चों के बिगड़ने का एक प्रमुख कारण हो सकती है.

पढ़ें: नेता प्रतिपक्ष को IFUNA ने किया सम्मानित, कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर

डॉ. मुकुल शर्मा ने बताया की सर्वे रिपोर्ट में भले ही लोगों ने बच्चों के बिगड़ने के अलग-अलग कारण रखें. लेकिन इन सभी कारणों का अगर निचोड़ निकाला जाए तो इसमें यही बात उभर कर सामने आती है कि अभिभावकों को अपने बच्चों पर अधिक नजर रखने की जरूरत है. यहां अधिक नजर रखने का मतलब बच्चों को समय देने से जुड़ा है. अगर बच्चा परिवार के बीच उपेक्षित महसूस नहीं करेगा तो वह कभी भी गलत राह नहीं चुन सकता.

Last Updated : Aug 1, 2021, 9:39 AM IST
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