देहरादून: पंतनगर एयरपोर्ट को शिफ्ट करने के पक्ष में विधायक लामबंद हो रहे हैं. न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस के विधायक भी नैनीताल जिले में एयरपोर्ट को लाना चाहते हैं. आखिरकार पंतनगर एयरपोर्ट विवादों में क्यों चल रहा है. जानिए इस रिपोर्ट में...
बता दें कि उधमसिंह नगर जिले का पंतनगर एयरपोर्ट शिफ्टिंग को लेकर चर्चाओं में हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि पंतनगर एयरपोर्ट को नैनीताल जिले के वरहैनी में ले जाया जा सकता है. जिसे लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से सर्वे भी किया जा चुका है. लेकिन राज्य सरकार एयरपोर्ट को पंतनगर में ही रखने के पक्ष में है. उत्तराखंड में जौलीग्रांट एयरपोर्ट और पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाना है. मानक के अनुसार अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए 3400 मीटर की हवाई पट्टी उड़ान भरने के लिए जरूरी है. फिलहाल, पंतनगर एयरपोर्ट की पट्टी महज 1470 मीटर की है. ऐसे में एयरपोर्ट को शिफ्ट कर नैनीताल जिले में ले जाने की तैयारी चल रही है.
सामाजिक कार्यकर्ता केशव कुमार पासी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि राज्य सरकार कुछ औद्योगिक घरानों के दबाव में इस एयरपोर्ट को नैनीताल नहीं ले जाना चाहती. ऐसे में एयरपोर्ट को उधम सिंह नगर जिले के किच्छा में ले जाने की तैयारी चल रही है. भाजपा विधायक मुकेश कोली ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय 800 एकड़ भूमि का सर्वे नैनीताल जिले में कर चुका है.
उधर, भाजपा समेत कांग्रेस के विधायकों ने भी शिफ्टिंग के पक्ष में नैनीताल जिले में ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. जानकारी के अनुसार करीब 40 से ज्यादा विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उत्तराखंड में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट नैनीताल जिले में ही स्थापित किए जाने की मांग की है.
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ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिरकार ऐसा क्या है कि राज्य सरकार उधम सिंह नगर में ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाए जाने को लेकर दबाव में आ रही है. हालांकि, ये बात फिलहाल महज आरोपों के जरिए सामने आई है और इस मामले पर सरकार का जवाब आना बाकी है.