देहरादून: पिछले महीने उत्तराखंड विधानसभा सत्र में पारित किया गया पंचायती राज संशोधन बिल-2019 पर राज्यभवन की मुहर लग गई है. अब पंचायती राज संशोधन विधेयक का नया एक्ट बनने का रास्ता साफ हो गया है. इसके साथ ही अगस्त-सितंबर महीने में होने वाले पंचायत चुनाव में पंचायती राज का नया एक्ट लागू हो जाएगा.
त्रिस्तरीय पंचायतों में मुखिया की कुर्सी का ख्वाब देख रहे उन लोगों को झटका लगना तय है, जिनके दो से अधिक संतान है. इसके साथ ही अगर चुनाव जीतने के बाद किसी प्रतिनिधि की तीसरा संतान होती है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी.
बता दें, पिछले महीने हुए विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार ने पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 को विधानसभा में पारित किया था. जिसके बाद इसी महीने की शुरुआत में पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 को राज्यपाल की संस्तुति के लिए राजभवन भेजा गया था और अब पंचायती राज संशोधन विधेयक-2019 पर राज्यपाल ने मुहर लगा दी है. ऐसे में अगस्त और सितम्बर महीने में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नया पंचायती राज एक्ट लागू हो जाएगा.
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क्या है संशोधित पंचायती राज एक्ट में ?
- नए पंचायती राज एक्ट (संशोधन विधेयक) के अनुसार अब सिर्फ वह लोग ही पंचायत का चुनाव लड़ पाएंगे, जिनके अधिकतम दो बच्चे हैं.
- इसके साथ ही पंचायती राज संशोधन विधायक से 300 दिन के छूट को भी हटा दिया गया है. इसके अनुसार अगर किसी की दो संतान है और तीसरे बच्चे का जन्म प्रावधान के लागू होने के 300 दिन के बाद हुआ हो वह चुनाव नहीं लड़ सकेगा.
- चुनाव जीतने के बाद अगर किसी प्रतिनिधि की तीसरी संतान होती है तो उस प्रतिनिधि की सदस्यता भी रद्द हो जाएगी. इसके साथ ही पंचायत चुनाव लड़ने वाले प्रतिनिधियों के लिए शैक्षिक योग्यता भी तय की गई है.