देहरादून: केंद्र सरकार ने देश के सभी पंचायत प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय ग्राम स्वरोजगार अभियान के तहत प्रशिक्षण दिए जाने को लेकर जोर दिया है. ऐसे में अब इस अभियान के तहत देश के सभी पंचायत प्रतिनिधियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसी क्रम में उत्तराखंड पंचायती राज विभाग ने पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिए जाने को लेकर खाका तैयार कर लिया है. प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञों से ऑडियो-वीडियो का मॉड्यूल भी तैयार कर लिया गया है. इसके तहत ब्लॉक, तहसील व जिला पंचायत मुख्यालयों के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ा जाएगा.
बता दें कि जीपीडीपी (ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान) के तहत 2 अक्टूबर 2020 से 31 जनवरी 2021 तक गांवों के विकास की कार्ययोजना तैयार करने के लिए अभियान शुरू हो रहा है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार राष्ट्रीय ग्राम स्वरोजगार अभियान के तहत देश के सभी पंचायत प्रतिनिधियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण देने जा रही है.
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जीपीडीपी से संबंधित योजनाएं, जीपीडीपी पोर्टल पर अपलोड की जानी है. इसके बाद ही इनके लिए धनावंटन होगा. लिहाजा सभी पंचायत प्रतिनिधियों को जीपीडीपी से संबंधित जानकारियां होनी आवश्यक हैं. जिससे गांव के विकास की कार्ययोजना को सही ढंग से अमलीजामा पहनाया जा सके.
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मिली जानकारी के अनुसार, ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों को गांव के विकास की योजनाएं बनाने, अभिलेखों के रख रखाव समेत ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के बारे में विशेष तौर पर जानकारी दी जाएगी. पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिए जाने का कार्यक्रम आगामी होने वाले विधानसभा सत्र के बाद शुरू हो जाएगा.
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गौर हो कि पिछले साल हरिद्वार जिले को छोड़ बाकी प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला) के चुनाव संपन्न हुए थे. इन पंचायत प्रतिनिधियों में से तमाम प्रतिनिधि ऐसे हैं जो पहली बार चुनकर आये हैं, लिहाजा इन पंचायत प्रतिनिधियों को सभी जानकारियों से लैस करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कराया जाना है.