ETV Bharat / state

पंचायत राज एक्ट में संसोधन का विरोध, HC में याचिका दाखिल करेगा पंचायत जनाधिकार मंच

पंचायती राज एक्ट में हुए संशोधन पर शुक्रवार को पंचायत जनाधिकार मंच ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही. पंचायत जनाधिकार मंच ने प्रेस वार्ता कर कहा कि राज्य में लागू तीन अलग-अलग चुनाव में भागीदारी की योग्यता सही नहीं है.

पंचायत राज एक्ट के खिलाफ हुआ पंचायत जनाधिकार मंच.
author img

By

Published : Jul 26, 2019, 7:44 PM IST

Updated : Jul 26, 2019, 8:33 PM IST

देहरादून: पंचायती राज एक्ट में संशोधन के विरोध में पंचायत जनाधिकार मंच हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है. दरअसल उत्तराखंड सरकार ने 26 जून 2019 को विधानसभा में पंचायती राज अधिनियम 2016 में संशोधन का विधेयक पारित किया था. इस संशोधन को गुरुवार को राज्यपाल ने हस्ताक्षर करके कानूनी जामा पहना दिया.

वहीं प्रेस क्लब देहरादून में पंचायत जनाधिकार मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि पंचायत जनाधिकार मंच इस काले कानून के विरोध में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहा है. इसके लिए एक जनहित याचिका दाखिल की जाएगी.

उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तर पर पंचायत जनाधिकार मंच का गठन करके सभी 13 जिलों में जिला संयोजक नामित करने के साथ ही पांच जिलों में ब्लॉक संयोजक भी नामित किए गए हैं. गढ़वाल मंडल के लिए नरेंद्र नगर के पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह कंडारी और कुमाऊं मंडल के लिए अल्मोड़ा के पूर्व जिला अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा को मंडल संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है.

पंचायत राज एक्ट के खिलाफ हुआ पंचायत जनाधिकार मंच.

धनोल्टी में भी खोला मोर्चा

उत्तराखंड संशोधित पंचायती राज अधिनियम पर राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बाद पंचायत राज जनाधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में धनोल्टी विधानसभा के थत्यूड़ बाजार में पंचायत राज जनाधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पंचायती राज अधिनियम पर विरोध जताते हुए मंच के कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला भी फूंका.

देहरादून: पंचायती राज एक्ट में संशोधन के विरोध में पंचायत जनाधिकार मंच हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है. दरअसल उत्तराखंड सरकार ने 26 जून 2019 को विधानसभा में पंचायती राज अधिनियम 2016 में संशोधन का विधेयक पारित किया था. इस संशोधन को गुरुवार को राज्यपाल ने हस्ताक्षर करके कानूनी जामा पहना दिया.

वहीं प्रेस क्लब देहरादून में पंचायत जनाधिकार मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा कि पंचायत जनाधिकार मंच इस काले कानून के विरोध में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहा है. इसके लिए एक जनहित याचिका दाखिल की जाएगी.

उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तर पर पंचायत जनाधिकार मंच का गठन करके सभी 13 जिलों में जिला संयोजक नामित करने के साथ ही पांच जिलों में ब्लॉक संयोजक भी नामित किए गए हैं. गढ़वाल मंडल के लिए नरेंद्र नगर के पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह कंडारी और कुमाऊं मंडल के लिए अल्मोड़ा के पूर्व जिला अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा को मंडल संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है.

पंचायत राज एक्ट के खिलाफ हुआ पंचायत जनाधिकार मंच.

धनोल्टी में भी खोला मोर्चा

उत्तराखंड संशोधित पंचायती राज अधिनियम पर राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के बाद पंचायत राज जनाधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में धनोल्टी विधानसभा के थत्यूड़ बाजार में पंचायत राज जनाधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. पंचायती राज अधिनियम पर विरोध जताते हुए मंच के कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला भी फूंका.

Intro: पंचायती राज एक्ट के विरोध में पंचायत जनाधिकार मंच हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है। दरअसल उत्तराखंड की सरकार ने 26 जून 2019 को राज्य के विधानसभा में उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 में संशोधन का जो विधेयक पारित किया है, उसे कल राज्यपाल ने हस्ताक्षर करके कानूनी जामा पहना दिया है।


Body: प्रेस क्लब क्लब देहरादून में पंचायत जन अधिकार मंच के संयोजक जो सिंह बिष्ट ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि पंचायत जन अधिकार मंच इस काले कानून के विरोध में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहा है एक जनहित याचिका दाखिल की जाएगी इसके साथ ही जन जागरण के माध्यम से लोगों को सरकार के फैसले के खिलाफ लामबंद भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कानून के लागू होने के बाद राज्य के अंदर हर वह व्यक्ति जिसके दो से अधिक संतान संताने है पंचायत चुनाव में भागीदारी नहीं कर सकेगा। इसमें सामान्य वर्ग के व्यक्ति जो कक्षा 10 या उसके समकक्ष शैक्षिक योग्यता नहीं रखते हैं तथा सामान्य वर्ग की महिला अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के पुरुष को महिला जो कक्षा 8 के समकक्ष शैक्षिक योग्यता नहीं रखते हैं वो पंचायत चुनाव में भागीदारी नहीं कर सकेंगे। लेकिन इनमें से वो लोग जिनकी तीसरी संतान 21 सितंबर 2003 से पहले पैदा हुई है। केवल वही लोग निकाय चुनाव में भागीदारी कर सकते हैं उसके बाद पैदा हुई तीसरी संतान के माता पिता निकाय चुनाव में भागीदारी नहीं कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर लागू की जा रही तीन अलग-अलग चुनाव में भागीदारी की योग्यता ना तो कानून सम्मत है और ना ही न्याय संगत है और यह परंपराओं और व्यवहारिक पक्ष का उल्लंघन भी है। दो सिंह बिष्ट ने कहा कि राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद विधेयक की जो खामियां हैं, उनका विधिक परीक्षण करके न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका के माध्यम से न्याय की मांग की जाएगी। इसके साथ ही यदि जरूरत पड़ी तो लोगों के साथ मिलकर सड़कों पर आकर इस लड़ाई को लड़ने का काम भी किया जाएगा।
बाईट-जोत सिंह बिष्ट, संयोजक,पंचायत जनाधिकार मंच।


Conclusion: इसके अलावा प्रदेश स्तर पर पंचायत जन अधिकार मंच का गठन करके सभी 13 जिलों में जिला संयोजक नामित करने के साथ-साथ 5 जिलों में ब्लॉक संयोजक भी नामित किए गए हैं। गढ़वाल मंडल के लिए नरेंद्र नगर के पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह कंडारी को और कुमाऊं मंडल के लिए अल्मोड़ा के पूर्व जिला अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा को मंडल संयोजक की जिम्मेवारी दी गई है इसके साथ ही मथुरा दत्त जोशी मंच के कोषाध्यक्ष और प्रचार प्रसार समिति के अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा प्रचार प्रसार समिति में खजान पांडे, विरेंद्र बुटोला ,उमेश सिंह मेहरा, मुरारी लाल खंडवाल, संजय भट्ट, गुरजीत लहरी, दया किशन, सूरज प्रहरी हरी कृष्ण भट्ट और दीप कंडवाल सहयोगी होंगे।
Last Updated : Jul 26, 2019, 8:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.