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ऋषिकेश में 125 बीघा धान की फसल पर लगा रोग, किसान ने ट्रैक्टर से रौंदा खेत - Paddy crop of farmers ruined due to disease

ऋषिकेश में बोना रोग लगने से किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई है. इससे उनके सामने संकट मंडराने लगा है. किसान खेतों में ट्रैक्टर चलाकर फसल नष्ट कर रहे हैं.

RISHIKESH
ऋषिकेश
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Published : Sep 15, 2022, 9:56 AM IST

Updated : Sep 15, 2022, 11:04 AM IST

ऋषिकेश: देश का पेट भरने वाले किसानों के सामने आजीविका का संकट मंडराने लगा है. ऋषिकेश के श्यामपुर, गोहरी माफी और छिद्रवाला सहित तमाम क्षेत्रों में धान की फसल एक विशेष रोग लगने से 50 से 70 प्रतिशत फसल बर्बाद (Farmers paddy crop wasted) हो गई है. किसानों का कहना है कि उनकी आजीविका कृषि पर निर्भर है और फसल बर्बाद होने पर उनके सामने संकट गहराने लगा है.

बुधवार को छिद्रवाला में कृषक सतनाम ने अपनी धान की खराब हुई फसल पर (destroyed the crop by driving tractor) ट्रैक्टर चलाकर फसल को नष्ट किया. कृषक सतनाम ने कुल 125 बीघा खेत में धान की फसल लगाई थी. इसमें से लगभग 50 से 70 प्रतिशत धान की फसल बोना रोग लगने के कारण खराब हो गई है. फसल बर्बाद होने से सतनाम सहित क्षेत्र के तमाम किसानों के सामने आजीविका संकट मंडराने लगा है.

ऋषिकेश में 125 बीघा धान की फसल पर लगा रोग.
ये भी पढ़ेंः मसूरी में तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, देखें वीडियो

पीड़ित किसान सतनाम ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से फसल रोग और उसके निस्तारण के लिए सहायता नहीं मिली है. यही कारण है कि फसलों को बर्बाद होने से नहीं बचाया जा सका है. पीड़ित किसानों ने सरकार से उचित मुआवजे की भी मांग की है. श्यामपुर न्याय पंचायत क्षेत्र में रोग के कारण करीबन एक हजार बीघा से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है.

कृषि अधिकारी इंदु गोदियाल का कहना है कि शिकायत मिलने पर कृषि विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया है. किसानों को धान की फसल में लगने वाली बीमारी के बारे में जानकारी दी गई है. कृषि अधिकारी ने यह भी बताया कि खराब फसलों में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए भी कृषकों की सहमति ली गई, लेकिन कुछ कृषकों द्वारा छिड़काव की सहमति नहीं दी गई. शिकायत मिलने पर प्रत्येक क्षेत्र का मुआयना किया जा रहा है.

ऋषिकेश: देश का पेट भरने वाले किसानों के सामने आजीविका का संकट मंडराने लगा है. ऋषिकेश के श्यामपुर, गोहरी माफी और छिद्रवाला सहित तमाम क्षेत्रों में धान की फसल एक विशेष रोग लगने से 50 से 70 प्रतिशत फसल बर्बाद (Farmers paddy crop wasted) हो गई है. किसानों का कहना है कि उनकी आजीविका कृषि पर निर्भर है और फसल बर्बाद होने पर उनके सामने संकट गहराने लगा है.

बुधवार को छिद्रवाला में कृषक सतनाम ने अपनी धान की खराब हुई फसल पर (destroyed the crop by driving tractor) ट्रैक्टर चलाकर फसल को नष्ट किया. कृषक सतनाम ने कुल 125 बीघा खेत में धान की फसल लगाई थी. इसमें से लगभग 50 से 70 प्रतिशत धान की फसल बोना रोग लगने के कारण खराब हो गई है. फसल बर्बाद होने से सतनाम सहित क्षेत्र के तमाम किसानों के सामने आजीविका संकट मंडराने लगा है.

ऋषिकेश में 125 बीघा धान की फसल पर लगा रोग.
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पीड़ित किसान सतनाम ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से फसल रोग और उसके निस्तारण के लिए सहायता नहीं मिली है. यही कारण है कि फसलों को बर्बाद होने से नहीं बचाया जा सका है. पीड़ित किसानों ने सरकार से उचित मुआवजे की भी मांग की है. श्यामपुर न्याय पंचायत क्षेत्र में रोग के कारण करीबन एक हजार बीघा से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है.

कृषि अधिकारी इंदु गोदियाल का कहना है कि शिकायत मिलने पर कृषि विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया है. किसानों को धान की फसल में लगने वाली बीमारी के बारे में जानकारी दी गई है. कृषि अधिकारी ने यह भी बताया कि खराब फसलों में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए भी कृषकों की सहमति ली गई, लेकिन कुछ कृषकों द्वारा छिड़काव की सहमति नहीं दी गई. शिकायत मिलने पर प्रत्येक क्षेत्र का मुआयना किया जा रहा है.

Last Updated : Sep 15, 2022, 11:04 AM IST
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