देहरादून: शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से ऋषिकेश, विकासनगर, डोइवाला, चकराता और देहरादून की न्यायालयों में लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस लोक अदालत में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान लोक अदालत में 902 मुकदमों का निस्तारण किया गया.
जिला जज के अनुसार, लोक अदालतें सरल और त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है. लोक अदालत में पक्षकार आपसी समझौते के आधार पर मामले का निस्तारण कर सकते हैं. ये आदेश अंतिम होते हैं और पक्षकारों को उनके द्वारा दिया गया न्याय शुल्क भी वापस कर दिया जाता है.
लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम, सिविल मामले, पारिवारिक मामले, चेक बाउंस संबंधित मामले और अन्य अपराधिक मामले लोक अदालत में पहुंचे थे. लोक अदालत में मामलों के निस्तारण के लिए 18 सीटों का गठन किया गया था. इस लोक अदालत में सुनवाई के लिए कुल 902 मामलों का निस्तारण किया गया. इस दौरान एक करोड़ पांच लाख बारह रुपए पर समझौता हुआ. वहीं, लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्टेरिक के बैंक रिकवरी के मामले भी निस्तारित किए गए. इसमें 182 प्री-लिटिगेशन मामलों का निस्तारण आपसी समझौते के आधार पर किया गया. इसके साथ ही एक करोड़ 55 हजार 55 रुपए की रिकवरी की गई.
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जिला जज ने बताया कि पूरे देश सहित उत्तराखंड में भी राष्ट्रीय लोक अदालत के निर्देश पर सभी न्यायालयों में लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में सुलह समझौते के मामले निपटाए जाएंगे, अभी तक देहरादून मुख्यालय में 400 मुकदमों का निस्तारण हो चुका है. इसके अलावा सभी बैंक भी लोक अदालत में आए हुए हैं. बैंकों के मामले में सुलह समझौते के आधार पर निपटाए जा रहे हैं. हर 2 महीने में इस तरह की लोक अदालत लगायी जाती है. ये लोग अदालत लोगों के लिए काफी लाभदायक है.