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दीपावली पर सज गए बाजार, ईको फ्रेंडली प्रोडक्ट की बहार

दिवाली रोशनी का त्‍योहार है. पर्यावरण के साथ हमारी सेहत भी बेहतर बनी रहे, इसलिए देहरादून की एक संस्था ईको-फ्रेंडली के लिए प्रोडक्ट बना रही हैं.

Eco friendly product on diwali
ईको-फ्रेंडली दिवाली
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Published : Nov 3, 2020, 9:45 PM IST

Updated : Nov 3, 2020, 10:58 PM IST

देहरादून: कोरोना संकट के बीच रोशनी और रंगों का त्‍योहार दीवाली लोगों के चेहरों पर खुशियां लेकर आई है. दीपावली पर्व को लेकर बाजारों में तैयारी जोरों पर हैं. राजधानी देहरादून में मिट्टी के बर्तन, घर सजाने के सामान, रंग-बिरंगी झालरों की दुकानें भी सज गई हैं.

Eco friendly product on diwali
ईको फ्रेंडली प्रोडक्ट की बहार.

राजधानी देहरादून में इस बार दीपावली पर ईको फ्रेंडली दीपावली और स्वदेशी अपनाने का संदेश देते हुए समाजसेवी संस्था से जुड़ी महिलाओं द्वारा नई पहल की गई है. महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली इस संस्था की महिलाओं द्वारा दीपावली पर रंग-बिरंगे मिट्टी के बर्तन और अन्य सजावटी सामान तैयार किए जा रहे हैं. जो दिखने में बेहद ही खूबसूरत होने के साथ ही पूरी तरह ईको फ्रेंडली और बजट में उपलब्ध हैं. ये महिलाएं दीपावली के मद्देनजर चाय के कप, वाटर बोतल, पूजा थाली और छोटे पतीले तैयार कर रहीं हैं, इसके साथ ही घर की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए फ्लावर पॉट और मोमबत्तियां भी तैयार कर रहीं हैं.

ये दिवाली ईको फ्रेंडली वाली.

मिट्टी के कुल्हड़ से दीया और मोमबत्ती

मिट्टी से बने जिन कुल्हड़ों में अक्सर चाय या लस्सी पी जाती है. उन्ही मिट्टी के कुल्हड़ों को पेंट कर मोमबत्ती का रूप दिया गया है. इन खूबसूरत मोमबत्तियां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन्हें फेंकने के बजाय घर की शोभा बढ़ाने के लिए पेन स्टैंड या फ्लावर पॉट के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: दिवाली में स्वदेशी उत्पादों की बढ़ी मांग, कुम्हार बोले- 'अच्छे दिन आने वाले हैं'

ईटीवी भारत से बात करते हुए समाजसेवी अनुजा गुप्ता ने बताया कि उनकी संस्था की महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे सभी मिट्टी के बर्तन और सजावटी सामान पूरी तरह स्वदेशी और ईको फ्रेंडली हैं. अधिकतर प्रोडक्ट मिट्टी से तैयार किए गए हैं, इसलिए यह बाजारों में मिलने वाले प्लास्टिक और चीनी मिट्टी के बर्तनों और अन्य सजावटी सामानों से काफी ज्यादा किफायती पर उपलब्ध हैं.

Eco friendly product on diwali
ईको फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाती संस्था की सदस्य.

मिट्टी के दीयों का करें इस्तेमाल
इस बार दिवाली में इलेक्ट्रिक लाइट्स का प्रयोग करने के बजाय मिट्टी के दीयों का प्रयोग कर घर को रोशन करें. मिट्टी के दीयों से न सिर्फ पर्यावरण के नुकसान होने के बचाव होगा, बल्कि कुम्हार और छोटे व्‍यापारियों को आर्थिक मदद भी मिलेगी. मिट्टी के दीयों के प्रयोग से बिजली की भी बचत होगी.

ईको फ्रेंडली मोमबत्तियां
बाजार में ईको-फ्रेंडली मोमबत्तियां भी उपलब्‍ध होती हैं, जिससे पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता. इसलिए इस बार दिवाली में अपने घर ईको-फ्रेंडली मोमबत्तियों का इस्तेमाल करें और घर के हर कोने को रोशन करें.

डेकोरेशन में ईको-फ्रेंडली चीजों का इस्तेमाल
डेकोरेशन के लिए भी मार्केट में ज्यादातर प्लास्टिक या पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले मटेरियल से बनी चीजें मिलती हैं. इसकी जगह ईको-फ्रेंडली मैटेरियल से आप त्योहारों पर अपने घरों को रौनक को बढ़ा सकते हैं.

देहरादून: कोरोना संकट के बीच रोशनी और रंगों का त्‍योहार दीवाली लोगों के चेहरों पर खुशियां लेकर आई है. दीपावली पर्व को लेकर बाजारों में तैयारी जोरों पर हैं. राजधानी देहरादून में मिट्टी के बर्तन, घर सजाने के सामान, रंग-बिरंगी झालरों की दुकानें भी सज गई हैं.

Eco friendly product on diwali
ईको फ्रेंडली प्रोडक्ट की बहार.

राजधानी देहरादून में इस बार दीपावली पर ईको फ्रेंडली दीपावली और स्वदेशी अपनाने का संदेश देते हुए समाजसेवी संस्था से जुड़ी महिलाओं द्वारा नई पहल की गई है. महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली इस संस्था की महिलाओं द्वारा दीपावली पर रंग-बिरंगे मिट्टी के बर्तन और अन्य सजावटी सामान तैयार किए जा रहे हैं. जो दिखने में बेहद ही खूबसूरत होने के साथ ही पूरी तरह ईको फ्रेंडली और बजट में उपलब्ध हैं. ये महिलाएं दीपावली के मद्देनजर चाय के कप, वाटर बोतल, पूजा थाली और छोटे पतीले तैयार कर रहीं हैं, इसके साथ ही घर की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए फ्लावर पॉट और मोमबत्तियां भी तैयार कर रहीं हैं.

ये दिवाली ईको फ्रेंडली वाली.

मिट्टी के कुल्हड़ से दीया और मोमबत्ती

मिट्टी से बने जिन कुल्हड़ों में अक्सर चाय या लस्सी पी जाती है. उन्ही मिट्टी के कुल्हड़ों को पेंट कर मोमबत्ती का रूप दिया गया है. इन खूबसूरत मोमबत्तियां की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन्हें फेंकने के बजाय घर की शोभा बढ़ाने के लिए पेन स्टैंड या फ्लावर पॉट के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: दिवाली में स्वदेशी उत्पादों की बढ़ी मांग, कुम्हार बोले- 'अच्छे दिन आने वाले हैं'

ईटीवी भारत से बात करते हुए समाजसेवी अनुजा गुप्ता ने बताया कि उनकी संस्था की महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे सभी मिट्टी के बर्तन और सजावटी सामान पूरी तरह स्वदेशी और ईको फ्रेंडली हैं. अधिकतर प्रोडक्ट मिट्टी से तैयार किए गए हैं, इसलिए यह बाजारों में मिलने वाले प्लास्टिक और चीनी मिट्टी के बर्तनों और अन्य सजावटी सामानों से काफी ज्यादा किफायती पर उपलब्ध हैं.

Eco friendly product on diwali
ईको फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाती संस्था की सदस्य.

मिट्टी के दीयों का करें इस्तेमाल
इस बार दिवाली में इलेक्ट्रिक लाइट्स का प्रयोग करने के बजाय मिट्टी के दीयों का प्रयोग कर घर को रोशन करें. मिट्टी के दीयों से न सिर्फ पर्यावरण के नुकसान होने के बचाव होगा, बल्कि कुम्हार और छोटे व्‍यापारियों को आर्थिक मदद भी मिलेगी. मिट्टी के दीयों के प्रयोग से बिजली की भी बचत होगी.

ईको फ्रेंडली मोमबत्तियां
बाजार में ईको-फ्रेंडली मोमबत्तियां भी उपलब्‍ध होती हैं, जिससे पर्यावरण को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता. इसलिए इस बार दिवाली में अपने घर ईको-फ्रेंडली मोमबत्तियों का इस्तेमाल करें और घर के हर कोने को रोशन करें.

डेकोरेशन में ईको-फ्रेंडली चीजों का इस्तेमाल
डेकोरेशन के लिए भी मार्केट में ज्यादातर प्लास्टिक या पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले मटेरियल से बनी चीजें मिलती हैं. इसकी जगह ईको-फ्रेंडली मैटेरियल से आप त्योहारों पर अपने घरों को रौनक को बढ़ा सकते हैं.

Last Updated : Nov 3, 2020, 10:58 PM IST
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