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संपत्ति बंटवारा: उत्तराखंड परिवहन निगम को मिलेगा 205 करोड़, 24 नहरें भी होंगी हस्तांतरित

परिसंपत्तियों के बंटवारे (UP-Uttarakhand asset) को लेकर यूपी-उत्तराखंड के बीच सहमति बन चुकी है. इससे जुड़ी जानकारी आज महाराज महाराज ने दी.

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यूपी-उत्तराखंड परिसंपत्ति बंटवारा
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Published : Nov 25, 2021, 9:25 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्तियों (UP-Uttarakhand asset) के बंटवारे को लेकर हाल ही में हुई बैठक प्रदेश के हित में काफी सकारात्मक रही. बैठक में लगभग सभी मामलों में सहमति बन चुकी है जो कि प्रदेश के लिए एक बड़ी सफलता है. प्रदेश की 24 नहरें उत्तराखंड को हस्तांतरित किये जाने के आदेश भी जारी कर दिये गये हैं. साथ ही उत्तराखण्ड परिवहन निगम को जल्द ही 205.42 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा.

मामले में जानकारी देते हुए प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वर्षों से लंबित परिसंपत्तियों के मामले में उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश के बीच हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच लखनऊ में हुई बैठक में सभी लम्बित मामलों में पूर्ण रूप से सहमति बन चुकी है.

यूपी-उत्तराखंड परिसंपत्ति बंटवारा
  • उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के बीच परिसम्पतियों पर बनी सहमति की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि प्रदेश में कुल 24 नहरों (ऊधमसिंहनगर की 20 तथा हरिद्वार की 4) को उत्तराखण्ड को हस्तांतरित किये जाने के आदेश कर दिये गये हैं. धौरा, बैगुल एवं नानक सागर जलाशय तथा पुरानी ऊपरी गंगा गंगनहर में जल क्रीडा एवं पर्यटन की अनुमति प्रदान कर दी गयी है.
  • सतपाल महाराज ने बताया दोनों राज्यों के बीच यह भी तय हुआ है कि जनपद ऊधमसिंहनगर के किच्छा में स्थित उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के 0.346 है. भूमि बस स्टैड निर्माण हेतु उत्तराखंड को हस्तांतरित करेगा. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग द्वारा विद्युत बिलों के एरियर जिनकी धनराशि 50 करोड़ के लगभग है के तत्काल भुगतान तथा भविष्य के बिलों के नियमित भुगतान पर सहमति बन गई है.
  • उत्तर प्रदेश मतस्य निगम लिमिटेड द्वारा उत्तराखण्ड मतस्य पालन विकास अभिकरण को 3 करोड़ 8 लाख का भुगतान किया गया. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को 205.42 (दो सौ पांच करोड़ बयालीस लाख) रूपये के भुगतान पर सहमति बन चुकी है.
  • उत्तराखण्ड खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश को देय 105.42 (एक सौ पांच करोड़ बयालीस लाख) रुपये का भुगतान सीधे उत्तराखण्ड परिवहन निगम को किया जाएगा. जबकि शेष 100 करोड़ रूपये उत्तर प्रदेश परिवहन निगम उत्तराखण्ड परिवहन निगम को भुगतान करेगा.
  • उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की उत्तराखण्ड में स्थित परिसम्पतियों में उत्तराखण्ड को 50 प्रतिशत अंश प्राप्त होगा. हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास का हस्तांतरण उत्तर प्रदेश द्वारा दिसम्बर 2021 तक उत्तराखण्ड को कर दिया जाएगा.
  • उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा उत्तराखण्ड वन विकास निगम को 77.31 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है. शेष लगभग रु0.13 करोड़ की देय को उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा एक संयुक्त अकाउंट में जमा करा दिया जाएगा. यह भी तय हुआ है कि क्षतिग्रस्त बनबसा बैराज का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा कराया जाएगा.
  • शेष अन्य प्रकरणों को दोनों राज्यों के मुख्य सचिव आपसी सहमति से निस्तारित करेगें. सहमति की दशा में विभिन्न न्यायालयों में लम्बित वादों को भी वापस लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश के उत्तराखण्ड परिक्षेत्र में उपयोग हेतु आवश्यक दोनों राज्यों के सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त सर्वे किया जायेगा. इस सर्वे की आख्या प्रस्तुत कर 15 दिनों के अन्दर निर्णय लेंगे.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्ष 2015 में जब दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों को लेकर जो समझौता हुआ था उसके अन्तर्गत अनुपयुक्त रिक्त भूमि का मात्र 25 प्रतिशत अंश ही उत्तराखण्ड को दिये जाने पर सहमति हुई थी, लेकिन इस बार हुई बैठक में परिसम्पतियों में उत्तराखण्ड को 50 प्रतिशत अंश प्राप्त होगा जो कि हमारे लिए एक बड़ी सफलता है.

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्तियों (UP-Uttarakhand asset) के बंटवारे को लेकर हाल ही में हुई बैठक प्रदेश के हित में काफी सकारात्मक रही. बैठक में लगभग सभी मामलों में सहमति बन चुकी है जो कि प्रदेश के लिए एक बड़ी सफलता है. प्रदेश की 24 नहरें उत्तराखंड को हस्तांतरित किये जाने के आदेश भी जारी कर दिये गये हैं. साथ ही उत्तराखण्ड परिवहन निगम को जल्द ही 205.42 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा.

मामले में जानकारी देते हुए प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वर्षों से लंबित परिसंपत्तियों के मामले में उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश के बीच हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच लखनऊ में हुई बैठक में सभी लम्बित मामलों में पूर्ण रूप से सहमति बन चुकी है.

यूपी-उत्तराखंड परिसंपत्ति बंटवारा
  • उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के बीच परिसम्पतियों पर बनी सहमति की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि प्रदेश में कुल 24 नहरों (ऊधमसिंहनगर की 20 तथा हरिद्वार की 4) को उत्तराखण्ड को हस्तांतरित किये जाने के आदेश कर दिये गये हैं. धौरा, बैगुल एवं नानक सागर जलाशय तथा पुरानी ऊपरी गंगा गंगनहर में जल क्रीडा एवं पर्यटन की अनुमति प्रदान कर दी गयी है.
  • सतपाल महाराज ने बताया दोनों राज्यों के बीच यह भी तय हुआ है कि जनपद ऊधमसिंहनगर के किच्छा में स्थित उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के 0.346 है. भूमि बस स्टैड निर्माण हेतु उत्तराखंड को हस्तांतरित करेगा. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग द्वारा विद्युत बिलों के एरियर जिनकी धनराशि 50 करोड़ के लगभग है के तत्काल भुगतान तथा भविष्य के बिलों के नियमित भुगतान पर सहमति बन गई है.
  • उत्तर प्रदेश मतस्य निगम लिमिटेड द्वारा उत्तराखण्ड मतस्य पालन विकास अभिकरण को 3 करोड़ 8 लाख का भुगतान किया गया. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को 205.42 (दो सौ पांच करोड़ बयालीस लाख) रूपये के भुगतान पर सहमति बन चुकी है.
  • उत्तराखण्ड खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश को देय 105.42 (एक सौ पांच करोड़ बयालीस लाख) रुपये का भुगतान सीधे उत्तराखण्ड परिवहन निगम को किया जाएगा. जबकि शेष 100 करोड़ रूपये उत्तर प्रदेश परिवहन निगम उत्तराखण्ड परिवहन निगम को भुगतान करेगा.
  • उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की उत्तराखण्ड में स्थित परिसम्पतियों में उत्तराखण्ड को 50 प्रतिशत अंश प्राप्त होगा. हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास का हस्तांतरण उत्तर प्रदेश द्वारा दिसम्बर 2021 तक उत्तराखण्ड को कर दिया जाएगा.
  • उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा उत्तराखण्ड वन विकास निगम को 77.31 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है. शेष लगभग रु0.13 करोड़ की देय को उत्तर प्रदेश वन निगम द्वारा एक संयुक्त अकाउंट में जमा करा दिया जाएगा. यह भी तय हुआ है कि क्षतिग्रस्त बनबसा बैराज का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा कराया जाएगा.
  • शेष अन्य प्रकरणों को दोनों राज्यों के मुख्य सचिव आपसी सहमति से निस्तारित करेगें. सहमति की दशा में विभिन्न न्यायालयों में लम्बित वादों को भी वापस लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश के उत्तराखण्ड परिक्षेत्र में उपयोग हेतु आवश्यक दोनों राज्यों के सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त सर्वे किया जायेगा. इस सर्वे की आख्या प्रस्तुत कर 15 दिनों के अन्दर निर्णय लेंगे.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्ष 2015 में जब दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों को लेकर जो समझौता हुआ था उसके अन्तर्गत अनुपयुक्त रिक्त भूमि का मात्र 25 प्रतिशत अंश ही उत्तराखण्ड को दिये जाने पर सहमति हुई थी, लेकिन इस बार हुई बैठक में परिसम्पतियों में उत्तराखण्ड को 50 प्रतिशत अंश प्राप्त होगा जो कि हमारे लिए एक बड़ी सफलता है.

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