देहरादून: उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक एनके शर्मा के खिलाफ विभाग ने केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं. निदेशक एनके शर्मा के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर सरकारी भूमियों की खरीद-फरोख्त के साथ ही निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप हैं. यह आदेश आरोपी अधिकारी एनके सिंह के खिलाफ पहले से दर्ज एक मुकदमे की जांच और विजिलेंस जांच रिपोर्ट के आधार पर विभाग के संयुक्त निदेशक सुरेंद्र सिंह रावत ने दिए हैं.
आरोप है कि साल 2007-08 के दरमियान जब एनके सिंह देहरादून के समाज कल्याण अधिकारी पद पर कार्यरत थे, तब उनके द्वारा पद का दुरुपयोग करते हुए अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए स्वीकृत योजनाओं में सरकारी भूमि खुर्दपुर और सरकारी निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार करने का आरोप है. पिछले 1 महीने में समाज कल्याण सहायक निदेशक एनके सिंह पर यह दूसरा मुकदमा दर्ज होने जा रहा है. सितंबर में ही एनके सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज कर विजिलेंस द्वारा कार्रवाई चल रही है.
आरोपी अधिकारी की गिरफ्तारी पर भी सवाल: समाज कल्याण सहायक निदेशक एनके सिंह पहले एक मुकदमे में अब तक गिरफ्तार नहीं हो सके हैं. उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति मामले में दर्ज मुकदमे के उपरांत एनके सिंह द्वारा हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक की अपील की गई थी, लेकिन कोर्ट द्वारा उस को खारिज किया जा चुका है. इसके बावजूद वर्तमान समय तक पुलिस उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित नहीं कर सकी.
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निजी लाभ के लिए संस्थाओं को फायदा पहुंचाने का भी आरोप: जानकारी के मुताबिक समाज कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव सुरेंद्र सिंह रावत द्वारा विजिलेंस जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपित एनके सिंह को तीन बिंदुओं पर कारण बताओ नोटिस भी पहले से भेजा गया है. विभाग द्वारा एनके सिंह पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश में इस बात की भी जानकारी सामने आई है कि साल 2006-07 में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एनके सिंह द्वारा अनुसूचित जनजाति मद में स्वीकृत 40 लाख से अधिक की सरकारी धनराशि को अपने निजी और व्यक्तिगत लाभ के चलते कुछ संस्थाओं को फायदा पहुंचाने का भी काम किया.