देहरादून: प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले को लेकर सरकार की परेशानियां बढ़ी हुई हैं. सूबे में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामला शांत भी नहीं हुआ था, पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक ने सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं उत्तराखंड में पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में एसआईटी जांच का आदेश आते ही विपक्षी दलों ने सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं. खास बात यह है कि विपक्षी दलों ने एसटीएफ के समर्थन में आते हुए सरकार द्वारा एसआईटी जांच कराए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है.
पटवारी पेपर लीक की जांच एसआईटी को सौंपी गई है: उत्तराखंड में पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद से ही जबरदस्त राजनीतिक हलचल देखी जा रही है. विपक्षी दलों ने मामला सामने आते ही सरकार को निशाने पर लिया है तो सरकार गड़बड़ी करने वालों की गिरफ्तारी किए जाने पर खुद की पीठ थपथपा रही है. इन सभी स्थितियों के बीच पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में सरकार ने एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी पेपर लीक मामले में आगे की जांच करने वाली है.
विपक्ष चाहता है एसटीएफ करे जांच: उधर एसआईटी का गठन होते ही विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. दरअसल, पटवारी भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले का एसटीएफ ने खुलासा किया था और इस मामले में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां भी की थी. लेकिन इस कार्रवाई के बाद एसटीएफ से जांच कराने के बजाय एसआईटी का गठन करना विपक्षी दलों को रास नहीं आ रहा है.
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विपक्षी साध रहे सरकार पर निशाना: बता दें कि एसटीएफ ने इस मामले में न केवल आयोग के अनुभाग अधिकारी की गिरफ्तारी की है, बल्कि कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार किया है. इसी मामले में कनखल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है और आगे की कार्रवाई भी की जा रही है. लेकिन इस मामले में एसआईटी को पूरी जांच सौंपते हुए महानिदेशालय स्तर पर जांच के निर्देश दे दिए गए हैं.
विपक्षियों का है ये तर्क: खास बात यह है कि विपक्षी दलों ने इस मामले में न केवल एसटीएफ की तारीफ की है ,बल्कि सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि यदि पूरे मामले की जानकारी एसटीएफ को थी और खुलासा भी एसटीएफ ने किया है तो ऐसी स्थिति में लोकल पुलिसकर्मियों वाली एसआईटी को जांच देना समझ से परे हैं. न केवल कांग्रेस बल्कि आम आदमी पार्टी के नेता भी सरकार की इस कार्रवाई पर हैरानी भी जता रहे हैं और सरकार पर निशाना भी साध रहे हैं.