देहरादून: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के अध्यक्षता में बीते 12 अगस्त को हुई विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई थी. बैठक में तय हुआ था कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मामले में राज्य सरकार के इशारे पर शासन-प्रशासन दोहरे मापदंड अपना रहा है. सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि विपक्षी पाटियां प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात करके भाजपा सरकार की शिकायत करेंगे, लेकिन राजभवन से मुलाकात का समय न मिलने पर कांग्रेस पार्टी का कहना है कि अगर विपक्ष की बात राजभवन नहीं सुनेगा तो लोकतंत्र आखिर कैसे जीवित रहेगा?
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि अगर राष्ट्रपति और राज्यपाल के दरबार में भी विपक्ष की सुनवाई नहीं होगी तो लोकतंत्र जीवित कैसे रहेगा? उन्होंने कहा कि 3 दिन हो चुके हैं लेकिन राजभवन से अभी तक विपक्ष को मुलाकात का समय नहीं मिल पाया है. धस्माना ने कहा कि सरकार के प्रति विपक्ष की अगर कोई शिकायत होती है तो राज्यपाल और राष्ट्रपति के दरवाजे खटखटाये जाते हैं.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ने बताया कि लोकतंत्र में संघीय ढांचे में केंद्र, राज्य सरकार और विपक्ष के बीच राष्ट्रपति और राज्यपाल एक कड़ी के रूप में होते हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मामले में राज्य सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है, जिसको देखते हुए सर्वदलीय बैठक में तय हुआ था कि राज्य सरकार के खिलाफ राज्यपाल से मुलाकात करके राज्य सरकार की शिकायत की जायेगी.
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कांग्रेस का कहना है कि अगर विपक्ष की बात राज्यपाल भी नहीं सुनेंगे तो विपक्ष को मजबूरन सड़कों पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. धस्माना ने कहा कि सोमवार को एक बार फिर राजभवन से समय मांगा जाएगा.