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नए वित्तीय वर्ष में सरकारी विभागों में बदली लेन-देन की व्यवस्था, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हुआ शुरू - Online transaction arrangement in government departments

नए वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड के सरकारी विभागों में लेन-देन की व्यवस्था बदल गई है. आज से उत्तराखंड के सरकारी विभागों में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन व्यवस्था शुरू हो गई है.

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नए वित्तीय वर्ष में सरकारी विभागों में बदली लेन-देन की व्यवस्था
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Published : Apr 1, 2021, 7:50 PM IST

देहरादून: आज से नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत हो गई है. नये वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड के सरकारी विभागों में वित्तीय लेनदेन की व्यवस्था पूर्ण रूप से ऑनलाइन कर दी गई है. यानी किसी भी सरकारी विभाग में ठेकेदारों या अन्य लोगों को भुगतान करने के लिए मैनुअल व्यवस्था समाप्त कर ऑनलाइन पेमेंट की शुरूआत की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक सरकारी महकमों में वित्तीय पारदर्शिता लाने के दृष्टिगत सरकार ने किसी भी तरह के लेनदेन को अब सिर्फ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के तहत शुरू किया है. ऐसा माना जा रहा था कि अभी तक सरकारी विभागों में ठेकेदार या अन्य तरह के लेनदेन व भुगतान व्यवस्था में मैनुअल बैंक चेक जैसा तरीका होने के चलते कमीशन खोरी लंबी जड़े जमा चुकी है. ऐसे में वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के चलते सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

पढ़ें- कुंभ में 11000 रुद्राक्षधारी बाबा बने चर्चा का विषय, लोक कल्याण के लिए कर रहे तप

उत्तराखंड वित्त सचिव सौजन्य के मुताबिक गुरुवार से लागू हो चुके ई-चालान व्यवस्था के लिए सरकार द्वारा 22 सूत्रीय बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में अब किसी भी तरह के चालान जमा होने की जानकारी SMS या ईमेल से प्राप्त हो सकेगी. इतना ही नहीं ऑनलाइन लेनदेन व्यवस्था में सम्बंधित आहरण वितरण अधिकारी द्वारा चालान सत्यापन वादी व्यवस्था भी अब समाप्त की गई है.

संबंधित विभागों के अधिकारी की जिम्मेदारी तय
वहीं, किसी भी तरह के जमाकर्ता प्रक्रिया में आवेदक को अब IFMS ( इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल के जरिए e-challan जनरेट किए जा सकेंगे. इतना ही नहीं सरकारी सभी विभागों को ऑनलाइन प्राप्तियों को सम्बंधित अधिकारी द्वारा सत्यापन करना होगा. अगर इस विषय मे किसी की लापरवाही या गलती पाई गई तो इसके लिए आहरण वितरण अधिकारी जिम्मेदार माना जा सकता है.

पढ़ें- जूना अखाड़े में दीक्षा लेंगे 1000 नागा संन्यासी, जानें क्या होती हैं प्रक्रियाएं

उत्तराखंड में गेहूं की खरीद का सत्र भी हुआ शुरू
उधर प्रदेश में नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद का सत्र भी शुरू हो चुका है. सरकार ने इसके लिए लगभग 241 केंद्र बनाए हैं. किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति कुंतल 1975 रुपये के हिसाब से सरकार ने तय किया गया है. इसमें अलग से ₹20 का बोनस भी दिया जाएगा. हालांकि बोनस देने के मामले में अभी कोई अधिकारिक आदेश जारी नहीं हुए हैं.जानकारी के अनुसार किसानों को भुगतान सप्ताह के अंदर rtgs व्यवस्था से किया जाएगा.

देहरादून: आज से नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत हो गई है. नये वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड के सरकारी विभागों में वित्तीय लेनदेन की व्यवस्था पूर्ण रूप से ऑनलाइन कर दी गई है. यानी किसी भी सरकारी विभाग में ठेकेदारों या अन्य लोगों को भुगतान करने के लिए मैनुअल व्यवस्था समाप्त कर ऑनलाइन पेमेंट की शुरूआत की जा रही है.

जानकारी के मुताबिक सरकारी महकमों में वित्तीय पारदर्शिता लाने के दृष्टिगत सरकार ने किसी भी तरह के लेनदेन को अब सिर्फ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के तहत शुरू किया है. ऐसा माना जा रहा था कि अभी तक सरकारी विभागों में ठेकेदार या अन्य तरह के लेनदेन व भुगतान व्यवस्था में मैनुअल बैंक चेक जैसा तरीका होने के चलते कमीशन खोरी लंबी जड़े जमा चुकी है. ऐसे में वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के चलते सरकार ने यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

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उत्तराखंड वित्त सचिव सौजन्य के मुताबिक गुरुवार से लागू हो चुके ई-चालान व्यवस्था के लिए सरकार द्वारा 22 सूत्रीय बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में अब किसी भी तरह के चालान जमा होने की जानकारी SMS या ईमेल से प्राप्त हो सकेगी. इतना ही नहीं ऑनलाइन लेनदेन व्यवस्था में सम्बंधित आहरण वितरण अधिकारी द्वारा चालान सत्यापन वादी व्यवस्था भी अब समाप्त की गई है.

संबंधित विभागों के अधिकारी की जिम्मेदारी तय
वहीं, किसी भी तरह के जमाकर्ता प्रक्रिया में आवेदक को अब IFMS ( इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल के जरिए e-challan जनरेट किए जा सकेंगे. इतना ही नहीं सरकारी सभी विभागों को ऑनलाइन प्राप्तियों को सम्बंधित अधिकारी द्वारा सत्यापन करना होगा. अगर इस विषय मे किसी की लापरवाही या गलती पाई गई तो इसके लिए आहरण वितरण अधिकारी जिम्मेदार माना जा सकता है.

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उत्तराखंड में गेहूं की खरीद का सत्र भी हुआ शुरू
उधर प्रदेश में नए वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद का सत्र भी शुरू हो चुका है. सरकार ने इसके लिए लगभग 241 केंद्र बनाए हैं. किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति कुंतल 1975 रुपये के हिसाब से सरकार ने तय किया गया है. इसमें अलग से ₹20 का बोनस भी दिया जाएगा. हालांकि बोनस देने के मामले में अभी कोई अधिकारिक आदेश जारी नहीं हुए हैं.जानकारी के अनुसार किसानों को भुगतान सप्ताह के अंदर rtgs व्यवस्था से किया जाएगा.

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