देहरादून: इंश्योरेंस और निवेश के नाम पर एक करोड़ तीस लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का एक और सदस्य उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथ आ गया. उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स ने आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. इससे पहले इस गिरोह के सरगना को भी उत्तराखंड एसटीएफ ने बीती तीन फरवरी को दिल्ली से ही गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने बताया कि आरोपी खुद को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बतात थे. लोगों से पॉलिसी में कुछ समस्या बताकर उसे सही करने के बहाने उनसे बैंक डिटेल लेकर पैसों की मांग करते थे. साथ ही टेंडर में इन्वेस्ट कर लाभ कमाने के लालच में लोगों से ठगी करते थे.
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साइबर क्राइम थाने से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में विनोद कुमारी बंसल के एक तहरीर दी थी. उन्होंने बताया था कि अज्ञात लोगों ने उन्हें मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बताते हुए फोन किया था और कहा था कि पॉलिसी में कुछ गड़बड़ है. समस्या को दूर करने के नाम पर उन्होंने विनोद से कुछ जानकारी मांगी, जो विनोद ने उन्हें दे दी.
साथ ही TENDER में इन्वेस्ट कर लाभ कमाने के लालच में विनोद ने आरोपियों को करीब एक करोड़ तीस लाख रुपए दे दिए. जब पीड़ित को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई तो उसने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और उन्हें खातों के बारे में जानकारी एकत्र की, जिनमें पीड़ित ने पैसा ट्रांसफर किया था. इसी तरह पुलिस आरोपियों तक पहुंची और बीती तीन फरवरी को मुख्य आरोपी मनीष पाल निवासी नागलोई पश्चिमी दिल्ली को गिरफ्तार किया. जांच के बाद गिरोह के अन्य सदस्य राहुल पांडे का भी नाम सामने आया, जिसे आज पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपी राहुल पांडे को नागलोई पश्चिमी दिल्ली से ही पकड़ा है.
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एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि पीड़ित महिला ने साल 2017 में 10 साल के लिए मैक्स लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी थी. उसकी मैच्योरिटी साल 2027 में पूरी होनी थी. इसी दौरान वर्ष 2022 में पीड़िता को अज्ञात नम्बर से कॉल किया गया, जिसमें अज्ञात व्यक्ति ने खुद को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से बताया और कहा कि उनकी पॉलिसी में कुछ समस्या थी जिस कारण उनकी पॉलिसी को रोक दिया गया है. साथ ही कहा कि वह इस समस्या को हल करने में मदद कर सकता है, क्योंकि उसकी बीमा कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारियों से जान पहचान है. जिसके लिये कुछ पैसे लगेंगे. जिस पर उसके द्वारा दिये गये खाते में पैसे ट्रांसफर किये गये.
इसके कुछ दिन बाद व्यक्ति द्वारा दोबारा पीड़िता को अन्य नम्बरों से कॉल करते हुए समस्या हल होने की बात कही गयी और कहा गया कि बीमा कम्पनी के पैसे का भुगतान हो गया है. जिसके बाद व्यक्ति द्वारा सुनियोजित तरीके से पॉलिसी की धनराशि को निवेश करने के नाम पर धनराशि का तीन गुना लाभ कमाने का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी की गयी.