देहरादून: प्रदेश के कई जिलों के जंगलों में लगी भीषण आग से वनों में लगाए गए नए प्लांटेशन (पौधों) को भी भारी नुकसान हुआ है. अनुमान के मुताबिक अभी तक राज्य के 8 जिलों में प्लांटेशन किए गए. जिसमें एक लाख से अधिक पौधे वनाग्नि घटनाओं की भेंट चढ़ चुके है. जानकारी के अनुसार 100 हेक्टेयर से अधिक जंगलों में लगाएं पौधे आग से नष्ट हो गए हैं.
जानकारी के मुताबिक अक्टूबर 2020 से वर्तमान समय तक सबसे अधिक चमोली जिले में वन संपदा को भारी नुकसान हुआ है. वहीं दूसरे नंबर पर अल्मोड़ा जिले में भी वन क्षेत्र में लगी आग घटनाओं से काफी नए और पुराने पेड़ों को क्षति पहुंची है. हालांकि प्लांटेशन के लिहाज़ सबसे अधिक नुकसान वनाग्नि से पौड़ी जनपद को हुआ है.
3 जनपदों में वनाग्नि से सबसे अधिक नए प्लांटेशन को नुकसान
जानकारी के मुताबिक पौड़ी जनपद के जंगलों में आग लगने से 33 फ़ीसदी से अधिक नए पौधे के प्लांटेशन नष्ट हुए हैं. वहीं दूसरे नंबर पर चमोली जिला है. जहां नए पौधे प्लांटेशन में 20 फ़ीसदी से अधिक नुकसान का आकलन लगाया गया है. वहीं, तीसरे नंबर पर अल्मोड़ा जनपद के वन क्षेत्र में भी 11 फ़ीसदी से अधिक जंगलों में लगाए जाने वाले नए प्लांटेशन को आग की घटनाओं से क्षति पहुंची है. इसके अलावा राज्य के कई अन्य जनपदों में भी जंगलों में लगाए जाने वाले नए प्लांटेशन पौधों को आग घटनाओं से भारी नुकसान हुआ है.
नए प्लांटेशन नुकसान का ब्यौरा
पौड़ी गढ़वाल | 33.86 हेक्टेयर |
चमोली | 20.75 हेक्टेयर |
देहरादून | 12.25 हेक्टेयर |
अल्मोड़ा | 11.5 हेक्टेयर |
उत्तरकाशी | 9.2 हेक्टेयर |
रुद्रप्रयाग | 7.6 हेक्टेयर |
नैनीताल | 3.7 हेक्टेयर |
टिहरी | 2.6 हेक्टेयर |
जंगलों में आग की घटनाओं से पशु पक्षी भी हुए हताहत
जानकारी के मुताबिक विगत वर्षों की तुलना 2020-21 मई महीने में जिस तरह से फायर सीजन से पहले ही उत्तराखंड राज्य के कई वन क्षेत्र आग की घटनाओं के भेंट चढ़े हैं. उससे न सिर्फ वन संपदा को भारी नुकसान हुआ है बल्कि जंगलों में रहने वाले अलग-अलग तरह के पशु-पक्षी भी हताहत हुए हैं. ऐसे में थोड़ी बहुत राहत हल्की बारिश से वन क्षेत्र में लगी आग को बुझाने में मदद मिली है, लेकिन अभी फायर सीजन काफी लंबा है जिसको देखते हुए वन पुलिस फायर सर्विस प्रशासन इसकी रोकथाम में जुटा हुआ है.