मसूरी: पर्यटन नगरी मसूरी के माल रोड स्थित पर्यटन कार्यालय में विश्व पर्यटन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पर्यटकों का स्वागत किया गया. उन्हें अल्पाहार व उपहार दिया गया. इस अवसर पर लखनऊ से आये पर्यटक शोभित ने कहा कि विश्व पर्यटन दिवस पर मसूरी में पर्यटन विभाग ने उनका स्वागत किया. इसके लिए उन्होंने पर्यटन विभाग का आभार जताया.
उन्होंने कहा कि मसूरी बहुत ही सुंदर पर्यटक स्थल है. कोविड के बाद बाहर निकलने पर उन्हें अच्छा लग रहा है. उत्तर प्रदेश की पर्यटक विदुषी ने कहा कि कोविड के बाद मसूरी आयी हैं. यहां का मौसम और साफ-सफाई देख कर आकर्षित हुई हैं. प्रशासन पूरी तरह कोविड के प्रति सतर्क है. ऐसा लग रहा है कि मसूरी पूरी तरह सुरक्षित है.
इस अवसर पर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने पर्यटकों को मसूरी के इतिहास की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह अंग्रेजों का प्रिय स्थल रहा है. इस कारण इस पर विशेष ध्यान दिया गया है. उन्होंने कहा कि मसूरी देश का पहला हिल स्टेशन है और यहां पहले देश-विदेश के पर्यटक आते थे व राजा-महाराजाओं के यहां बंगले थे.
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उन्होंने बताया कि आजादी के बाद यहां का पर्यटन समाप्त हो गया था. तब तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री संपूर्णानंद ने यहां शरदोत्सव शुरू किया व यहां के पर्यटन व आर्थिकी को मजबूत करने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि मसूरी की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर आधारित है. यह सबसे नजदीक पर्यटक स्थल है. इसलिए यहां अब बारहों मास पर्यटक आते रहते हैं.
बता दें, हर साल 27 सितंबर को हम विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाते हैं. विश्व पर्यटन दिवस को मनाने का इतिहास बेहद खास है. विश्व पर्यटन दिवस की शुरुआत साल 1970 में विश्व पर्यटन संस्था द्वारा की गई थी. इसके बाद 27 सितंबर 1980 को पहली बार विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया. तब से हर साल 27 सितंबर के दिन ही विश्व पर्यटन दिवस को मनाया जाता है.