देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा 2022 चुनाव के कारण राज्य में कोविड-19 टेस्टिंग और वैक्सीनेशन अभियान पर खासा असर पड़ा है. राज्य में 14 फरवरी के दिन काफी कम संख्या में कोविड टेस्टिंग और वैक्सीनेशन हुआ. मतदान के दिन राज्य भर केवल 9441 टेस्टिंग हुई. उससे एक दिन पहले 13 फरवरी को 13 हजार और उससे पहले प्रतिदिन लगभग 13 हजार के आसपास कोरोना के टेस्ट हो रहे थे. मतदान के दिन राज्य भर में कोरोना के 161 मामले सामने आए थे.
उत्तराखंड में सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के संचालक अनूप नौटियाल के मुताबिक एक रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि चुनाव के दौरान कई डॉक्टर के अलग-अलग जगह ड्यूटी होने के चलते कोविड-19 टेस्टिंग पर असर पड़ा. फाउंडेशन रिपोर्ट के मुताबिक अगर साल के शुरुआती डेढ़ महीने आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 1 जनवरी 2021 से मंगलवार 15 फरवरी तक 88966 संक्रमण के मामले सामने आए, जबकि इस दौरान 242 लोगों की कोविड-19 से मौत हुई.
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वहीं, राज्य के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक 14 फरवरी मतदान के दिन केवल प्रदेश भर में 11 से 36 लोगों को ही वैक्सीनेशन की डोज लगाई गई. ऐसे में यह बात साफ है कि विधानसभा चुनाव के चलते कोविड-19 टेस्टिंग और वैक्सीनेशन कार्य प्रभावित हुआ है. ऐसे में अब संक्रमण के खतरे को देखते हुए टेस्टिंग और वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना होगा.
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मतदान दिवस में कोविड-19 गाइडलाइंस सख्ती सराहनीय कदम: वहीं, दूसरी तरफ कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए एतिहातन निर्वाचन आयोग द्वारा 11 फरवरी तक बढ़ी चुनावी रैलियों और जनसभाओं को प्रतिबंध किया गया था. पोलिंग बूथों पर मतदान से पहले थर्मल स्कैनिंग से लेकर सैनिटाइजर, मास्क, हैंड ग्लव्स और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से कराया गया, जो कोविड-19 संक्रमण के फैलने को रोकने के लिहाज से सराहनीय कदम रहा.