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ऋषिकेशः छात्र की मौत के बाद भी नहीं चेता प्रशासन, गिरासू भवनों का नहीं हुआ चिह्नीकरण

ऋषिकेश में बीते दिनों हुए हादसे में हुई एक छात्र की मौत के बाद भी प्रशासन नहीं चेता है, आलम यह है कि आज भी कई गिरासू भवन और सड़क किनारे लटकी दीवार हादसों को दावत दी रही हैं, लेकिन प्रशासन उनको चिन्हित कर दुरुस्त करने की जहमत तक नहीं उठा रहा है. शायद प्रशासन एक और बड़े हादसे के इंतजार में है.

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गिरासु भवन
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Published : Jan 27, 2020, 5:27 PM IST

ऋषिकेश: गिरासू भवनों को सूचीबद्ध करने के लिए अभी तक कोई भी तैयारी प्रशासन और निगम के द्वारा शुरू नहीं की गई है. सड़क किनारे जर्जर अवस्था में लटकी दीवारें हादसों को दावत दे रही हैं. गौरतलब है कि पिछले ही दिन दीवार गिरने से एक छात्र की मौत हो गई थी. बावजूद प्रशासन चेतने को तैयार नहीं है.

शहर में कई भवन, आश्रम, धर्मशालाएं जर्जर अवस्था में हैं. अद्वेत्यानन्द रोड स्थित जैन मार्केट की छत की बाउंड्री जर्जर हालत में है. मनीराम रोड स्थित एक पुराना भवन है, जो कभी भी गिर सकता है. काली कमली धर्मशाला के कुछ भवन 100 वर्ष पुराने हो चुके हैं.

गिरासू भवन

कृषि उत्पादन मंडी समिति का शौचालय जर्जर हो चुका है. वहीं सबसे खतरनाक हालत में रेलवे स्टेशन के पीछे रेलवे की दीवार है, जो चूना भट्टा रोड पर एक विद्युत पोल के सहारे लटकी हुई है. यह दीवार कभी भी गिर सकती है. चूना भट्टा रोड व्यवस्त रोड है. यहां से प्रति दिन हजारों लोग गुजरते हैं. वहीं यहां रहने वाले परिवारों के बच्चे भी खेलते रहते हैं. ऐसे में अगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

ये भी पढ़े: वैज्ञानिक कीर्ति कुमार को बनाया गया 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का ब्रांड अंबेसडर

स्थानीय लोगों का कहना है कि गिरासू भवनों को सूचीबद्ध करने की जिम्मेदारी नगर निगम और तहसील प्रशासन की है, लेकिन दोनों ही लापरवाह बने हुए हैं. वहीं उपजिलाधिकारी का कहना है कि अभी तक गिरासू भवनों का चिह्नीकरण शुरू नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही शुरू किया जाएगा. उपजिलाधिकारी ने कहा कि छात्र की मौत से सबक लेते हुए जल्द गिरासू भवनों को लिस्टेड किया जाएगा.

ऋषिकेश: गिरासू भवनों को सूचीबद्ध करने के लिए अभी तक कोई भी तैयारी प्रशासन और निगम के द्वारा शुरू नहीं की गई है. सड़क किनारे जर्जर अवस्था में लटकी दीवारें हादसों को दावत दे रही हैं. गौरतलब है कि पिछले ही दिन दीवार गिरने से एक छात्र की मौत हो गई थी. बावजूद प्रशासन चेतने को तैयार नहीं है.

शहर में कई भवन, आश्रम, धर्मशालाएं जर्जर अवस्था में हैं. अद्वेत्यानन्द रोड स्थित जैन मार्केट की छत की बाउंड्री जर्जर हालत में है. मनीराम रोड स्थित एक पुराना भवन है, जो कभी भी गिर सकता है. काली कमली धर्मशाला के कुछ भवन 100 वर्ष पुराने हो चुके हैं.

गिरासू भवन

कृषि उत्पादन मंडी समिति का शौचालय जर्जर हो चुका है. वहीं सबसे खतरनाक हालत में रेलवे स्टेशन के पीछे रेलवे की दीवार है, जो चूना भट्टा रोड पर एक विद्युत पोल के सहारे लटकी हुई है. यह दीवार कभी भी गिर सकती है. चूना भट्टा रोड व्यवस्त रोड है. यहां से प्रति दिन हजारों लोग गुजरते हैं. वहीं यहां रहने वाले परिवारों के बच्चे भी खेलते रहते हैं. ऐसे में अगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि गिरासू भवनों को सूचीबद्ध करने की जिम्मेदारी नगर निगम और तहसील प्रशासन की है, लेकिन दोनों ही लापरवाह बने हुए हैं. वहीं उपजिलाधिकारी का कहना है कि अभी तक गिरासू भवनों का चिह्नीकरण शुरू नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही शुरू किया जाएगा. उपजिलाधिकारी ने कहा कि छात्र की मौत से सबक लेते हुए जल्द गिरासू भवनों को लिस्टेड किया जाएगा.

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ऋषिकेश--ऋषिकेश में बीते दिनों एक हुए हादसे में हुई छात्र की मौत के बाद भी प्रशासन नही चेता है,आलम यह है कि आज भी कई गिरासू भवन और सड़क किनारे लटकी दीवार हादसों को दावत दी रही है लेकिन प्रशासन उनको चिन्हित कर दुरूस्त करने की जहमत तक नही उठा रहा है, शायद प्रशासन एक और बड़े हादसे के इंतजार में है।


Body:वी/ओ--तीर्थनगरी ऋषिकेश में गुरासु भवनों को सूचीबद्ध करने के लिए अभी तक कोई भी तैयारी प्रशासन और निगम के द्वारा शुरू की गई है ऋषिकेश में सड़क किनारे पर जर्जर अवस्था मे लटकी दीवारें हादसों को दावत से रही है वहीं कई भवन,आश्रम धर्मशालाएं भी जर्जर अवस्था मे हैं आपको बता दें कि ऋषिकेश में अद्वेत्यानन्द रोड स्थित जैन मार्केट की छत की बाउंड्री जर्जर हालत में है,मनीराम रोड स्थित एक पुराना भवन है जो कभी भी गिर सकता है,काली कमली धर्मशाला के कुछ भवन 100 वर्ष पुराने हो चुके हैं,कृषि उत्पादन मंडी समिति का शौचालय जमीन छोड़ चुका है वहीं सबसे खतरनाक हालत में रेलवे स्टेशन के पीछे रेलवे के द्वारा बनाई गई दीवार जो चूना भट्टा रोड पर एक विद्दुत पोल के सहारे लटका हुआ है यह दीवार कभी भी गिर सकती है चूना भट्टा रोड व्यवस्त रोड है यहां से प्रति दिन हजारों लोग होकर गुजरते हैं वहीं यहां रहने वाले परिवारो के छोटे छोटे बच्चे भी खेलते रहते हैं,ऐसे में अगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नही दिया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।


Conclusion:वी/ओ--स्थानीय लोगों का कहना है कि गिरासू भवनों को सूची बद्ध करने की जिम्मेदारी नगर निगम और तहसील प्रशासन की है लेकिन दोनों ही लापरवाह बने हुए हैं वहीं उपजिलाधिकारी का कहना है कि अभी तक गिरासू भवनों का चिन्हीकरण शुरू नही हुआ है लेकिन जल्द ही शुरू किया जाएगा,साथ ही उन्होंने एक बेतुका बयान देते हुए कहा कि पूर्व में दीवार गिरने से हुए छात्र की मौत का हादसा ऐसा पहला हादसा था यही कारण है कि अभी तक गिरासू भवनों का चिन्हीकरण नही हो पाया था अब हादसा हुआ है तो गिरासू भवनों को लिस्टेड किया जाएगा।

बाईट---स्थानीय निवासी
बाईट--स्थानीय निवासी
बाईट--अनिल गुप्ता(समाज सेवी)
बाईट--प्रेमलाल(उपजिलाधिकारी)
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