ऋषिकेश: गिरासू भवनों को सूचीबद्ध करने के लिए अभी तक कोई भी तैयारी प्रशासन और निगम के द्वारा शुरू नहीं की गई है. सड़क किनारे जर्जर अवस्था में लटकी दीवारें हादसों को दावत दे रही हैं. गौरतलब है कि पिछले ही दिन दीवार गिरने से एक छात्र की मौत हो गई थी. बावजूद प्रशासन चेतने को तैयार नहीं है.
शहर में कई भवन, आश्रम, धर्मशालाएं जर्जर अवस्था में हैं. अद्वेत्यानन्द रोड स्थित जैन मार्केट की छत की बाउंड्री जर्जर हालत में है. मनीराम रोड स्थित एक पुराना भवन है, जो कभी भी गिर सकता है. काली कमली धर्मशाला के कुछ भवन 100 वर्ष पुराने हो चुके हैं.
कृषि उत्पादन मंडी समिति का शौचालय जर्जर हो चुका है. वहीं सबसे खतरनाक हालत में रेलवे स्टेशन के पीछे रेलवे की दीवार है, जो चूना भट्टा रोड पर एक विद्युत पोल के सहारे लटकी हुई है. यह दीवार कभी भी गिर सकती है. चूना भट्टा रोड व्यवस्त रोड है. यहां से प्रति दिन हजारों लोग गुजरते हैं. वहीं यहां रहने वाले परिवारों के बच्चे भी खेलते रहते हैं. ऐसे में अगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि गिरासू भवनों को सूचीबद्ध करने की जिम्मेदारी नगर निगम और तहसील प्रशासन की है, लेकिन दोनों ही लापरवाह बने हुए हैं. वहीं उपजिलाधिकारी का कहना है कि अभी तक गिरासू भवनों का चिह्नीकरण शुरू नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही शुरू किया जाएगा. उपजिलाधिकारी ने कहा कि छात्र की मौत से सबक लेते हुए जल्द गिरासू भवनों को लिस्टेड किया जाएगा.