देहरादून: प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को परखने के लिए विभागीय अधिकारियों को एक महीने के विशेष अभियान में जुटने के लिए कहा गया है. इस दौरान यह अधिकारी स्कूलों में मौजूद विभिन्न मूलभूत सुविधाओं का अवलोकन करेंगे. यही नहीं क्लस्टर, अटल उत्कृष्ट और पीएम श्री स्कूलों की भी स्थिति को जांचा जाएगा. साथ ही शिक्षक संगठनों और अभिभावकों से बातचीत करते हुए उनके सुझाव लिए जाएंगे.
शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि 9 अक्टूबर से 10 नवंबर तक सभी राजकीय विद्यालयों में भौतिक स्थिति का विस्तृत आकलन किया जाए और इसकी एक रिपोर्ट भी तैयार की जाए. स्कूलों में वर्चुअल लैब, स्मार्ट क्लास और व्यावसायिक पाठ्यक्रम में पढ़ाई कर रहे कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों का भी विवरण तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.
शिक्षा सचिव रवि नाथ रमन को देहरादून जिला, अपर सचिव योगेंद्र रावत को टिहरी और उत्तरकाशी, रंजना राजगुरु को चमोली और रुद्रप्रयाग, महानिदेशक बंशीधर तिवारी को पौड़ी जिला, अपर सचिव एमएम सेमवाल को नैनीताल और उधम सिंह नगर, सीमा जौनसारी और जेएल शर्मा को पिथौरागढ़ और चंपावत जिला, संयुक्त सचिव बी एस बोरा और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आरके उनियाल को अल्मोड़ा और बागेश्वर जिला, एकेडमिक व शोध प्रशिक्षण निदेशक वंदना गबर्याल और उपसचिव अनिल पांडे को हरिद्वार की जिम्मेदारी दी गई है.
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शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में विभिन्न परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए विद्यालयों में मौजूद संसाधनों का भौतिक अवलोकन करवाया जा रहा है. साथ ही अभिभावकों और शिक्षक संगठनों के भी सुझाव लिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान यह अधिकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं और शिक्षकों की विषय वार उपलब्धता के साथ-साथ छात्रों की उपस्थिति को भी देखेंगे.
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