देहरादून: मतदान केंद्रों व बूथों की संवेदनशीलता और अति संवेदनशीलता का निर्धारण किया गया है. ऐसे जिले, बस्तियों एवं मुहल्लों समेत चुनाव में खलल डाल सकने वालों को भी चिन्हित किया गया है. उत्तराखंड में विगत 2017 विधानसभा और 2019 लोकसभा चुनाव की तुलना इस विधानसभा चुनाव में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील दोनों तरह के पोलिंग बूथों की संख्या में इजाफा हुआ है.
संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों की संख्या: इस विषय में संबंधित जनपद एसपी/ एसएसपी और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा निरीक्षण कर राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर 1034 संवेदनशील और 808 अतिसंवेदनशील पोलिंग बूथों को चिन्हित किया गया है. ऐसे में दोनों ही तरह के दायरे में आने वाले पोलिंग बूथों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का खाका तैयार किया जा रहा है. हालांकि पुलिस मुख्यालय के मुताबिक अभी इस मामले में नामांकन की स्थिति साफ होने के बाद प्रदेश भर में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील पोलिंग बूथों की संख्या चुनाव आयोग के निर्देशानुसार कम करने की कवायद भी जारी है.ऐसे में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील संख्या का आंकड़ा अंतिम नहीं है, इस पर संबंधित जिले के एसपी व जिलाधिकारी और निर्वाचन आयोग टीमों द्वारा बेहतर करने का कार्य चल रहा है.
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उधम सिंह नगर पहले पायदान पर: संवेदनशील और अतिसंवेदनशील के दायरे में सबसे पहले पायदान पर उधम सिंह नगर जनपद में 400 से अधिक संवेदनशील और अति संवेदनशील पोलिंग बूथ बताए गए हैं. वहीं संवेदनशील और अतिसंवेदनशील के मामले में दूसरे नंबर पर हरिद्वार जिला हैं. इस जनपद के अंतर्गत आने वाले विधानसभाओं में 300 से अधिक पोलिंग बूथों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील के दायरे में रखा गया है. वहीं उत्तराखंड की राजधानी देहरादून जनपद के अंतर्गत आने वाले 10 विधानसभाओं में 200 से अधिक संवेदनशील और अतिसंवेदनशील पोलिंग बूथ चिन्हित किए गए हैं. इसके अलावा नैनीताल और पिथौरागढ़ जनपद के अंतर्गत आने वाले विधानसभाओं में फिलहाल 100 की संख्या के आसपास संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथ चिन्हित हैं. जबकि बाकी अन्य जनपदों के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्र में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील पोलिंग बूथ 100 की संख्या से नीचे ही हैं.
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डीजीपी अशोक कुमार ने क्या कहा: पुलिस मुख्यालय के मुताबिक विधानसभा चुनाव में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील के दायरे में रखे गए पोलिंग बूथों की जो संख्या प्रारंभिक तौर पर सामने आई है, उसको देखते हुए ऐसे मतदान स्थलों में 60 कंपनी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल लगाई जाएगी. ताकि चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराया जा सके. डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक फिलहाल संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों का आंकड़ा जो फिलहाल आया है.
इसको लगातार जारी पुलिस प्रिवेंटिव एक्शन के अंतर्गत कम करने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में आने वाले दिनों में इसकी संख्या पूर्ण रूप से स्पष्ट होनी बाकी है. डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक इस बार पोलिंग बूथों की संख्या बढ़ने और निष्पक्ष शांतिपूर्ण चुनाव कराने के दृष्टिगत फोर्स राज्य के अलावा केंद्र से 160 केंद्रीय सुरक्षा बलों के रूप में डिमांड की गई थी, वह मिल चुकी है. काफी कंपनी अलग-अलग जनपदों में पहले ही पहुंच चुकी हैं. जबकि आधी से ज्यादा केंद्रीय सुरक्षाबलों और अन्य राज्यों से लगभग 15 हजार होमगार्ड के रूप में फोर्स चुनाव से 1 सप्ताह पहले पहुंच जाएगी.