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देहरादून में आई फ्लू के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी, रोजाना दून अस्पताल पहुंच रहे 50 से अधिक पेशेंट, ऐसे बचें - dehradun latest news

Eye Flu Patient in Dehradun राजधानी देहरादून में डेंगू की तरह आई फ्लू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. जिससे दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की ओपीडी में रोजाना आई फ्लू से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में आई फ्लू से कैसे बचें, पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Aug 12, 2023, 2:24 PM IST

देहरादून में आई फ्लू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी

देहरादून: पूरे देश में आई फ्लू (Eye Flu) के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसी क्रम में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की ओपीडी में रोजाना 50 से अधिक मरीज आई फ्लू जैसे लक्षणों की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं. नेत्र चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा के मुताबिक अस्पताल की ओपीडी में आई फ्लू के मरीजों का आना जारी है. इसे आम भाषा में लाल आंख कहा जाता है. उन्होंने बताया कि यह एक तरह का वायरल इंफेक्शन होता है और विशेषकर बारिश के मौसम में वातावरण में नमी के कारण फैलता है.

Eye Flu Patient in Dehradun
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की ओपीडी

सावधानी और जागरूकता अपना कर आई फ्लू से बचें: एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा ने कहा कि जागरूकता अपना कर आई फ्लू बीमारी से बचा जा सकता है. एक दूसरे से हाथ ना मिलाएं, क्योंकि आई फ्लू का ट्रांसमिशन कांटेक्ट के जरिए होता है, जबकि एयर बोर्न ट्रांसमिशन कम होता है. वहीं, अगर कोई व्यक्ति ऑफिस से घर आया है या फिर स्कूल से बच्चे घर आए हैं, तो फिर साबुन से हाथ धोने की आदत डाल लें, तभी कोई दूसरा काम करें. क्योंकि यदि बाहर से हाथ में वायरस आया है तो वह साबुन के झाग से निष्क्रिय हो जाता है.

राजधानी में डेंगू की तरह पैर पसार रहा आई फ्लू: जिस व्यक्ति को नंबर का चश्मा लगा है, ऐसे व्यक्ति को चश्मा पहनने से पहले और चश्मा उतारने के बाद हाथ धोने का नियम अपनाना चाहिए. अगर चेहरे पर हाथ लगाना आवश्यक हो गया है, तो ऐसी स्थिति में सैनिटाइजर या फिर साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें. उसके बाद ही चेहरे को टच करें. बता दें कि राजधानी में डेंगू की तरह आई फ्लू भी पैर पसार रहा है. इसका संक्रमण तेजी से फैल रहा है. आलम ये है कि एक व्यक्ति को अगर आई फ्लू हो रहा है, तो पूरा परिवार इसकी चपेट में आ रहा है. ऐसे में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

आई फ्लू होने पर न करें देरी: विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक आई फ्लू का असर दो से तीन दिनों तक बना रहता है और दो से तीन दिनों में कंजेक्टिवाइटिस का असर घट जाता है. ऐसे में मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर आंखों में ड्रॉप डालनी चाहिए. साथ ही प्रत्येक घंटे ठंडे पानी से अपनी आंखों को धोते रहें, लेकिन अगर मरीज इलाज लेने में देरी करता है तो उन मरीजों पर 15 दिन तक आई फ्लू का असर रह सकता है.

क्या है आई फ्लू: आई फ्लू जिसे हम आम भाषा में आंख आना भी कहते हैं, ये एक ऐसी बीमारी है, जो संक्रमण के कारण एक से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचती है. आई फ्लू के दौरान आंखें लाल हो जाती हैं. पानी आने लगता है. उनमें खुजली होने लगती है. साथ ही आंखों में सूजन होती है और आंखें चिपचिपी हो जाती हैं.
ये भी पढ़ें: हल्द्वानी में तेजी से फैल रहा आई फ्लू, हॉस्पिटलों में रोजाना बढ़ रही मरीजों की तादाद

आई फ्लू से बचने की सावधानियां: आई फ्लू होने के दौरान साफ सफाई का खास ख्याल रखना है. मरीज अपनी यूज की हुई चीजों को यहां वहां ना फैलाएं. हर आधे घंटे में आंखों को ठंडे पानी से धोएं. आंखों को बार बार ना छुएं और टीवी और मोबाइल न देखें, ताकि आंखों को आराम मिल सके.
ये भी पढ़ें: कोटद्वार में मरीजों की लगी भीड़, जल जनित रोगों से प्रभावित रोगियों की संख्या बढ़ी

देहरादून में आई फ्लू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी

देहरादून: पूरे देश में आई फ्लू (Eye Flu) के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसी क्रम में राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की ओपीडी में रोजाना 50 से अधिक मरीज आई फ्लू जैसे लक्षणों की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं. नेत्र चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा के मुताबिक अस्पताल की ओपीडी में आई फ्लू के मरीजों का आना जारी है. इसे आम भाषा में लाल आंख कहा जाता है. उन्होंने बताया कि यह एक तरह का वायरल इंफेक्शन होता है और विशेषकर बारिश के मौसम में वातावरण में नमी के कारण फैलता है.

Eye Flu Patient in Dehradun
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की ओपीडी

सावधानी और जागरूकता अपना कर आई फ्लू से बचें: एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा ने कहा कि जागरूकता अपना कर आई फ्लू बीमारी से बचा जा सकता है. एक दूसरे से हाथ ना मिलाएं, क्योंकि आई फ्लू का ट्रांसमिशन कांटेक्ट के जरिए होता है, जबकि एयर बोर्न ट्रांसमिशन कम होता है. वहीं, अगर कोई व्यक्ति ऑफिस से घर आया है या फिर स्कूल से बच्चे घर आए हैं, तो फिर साबुन से हाथ धोने की आदत डाल लें, तभी कोई दूसरा काम करें. क्योंकि यदि बाहर से हाथ में वायरस आया है तो वह साबुन के झाग से निष्क्रिय हो जाता है.

राजधानी में डेंगू की तरह पैर पसार रहा आई फ्लू: जिस व्यक्ति को नंबर का चश्मा लगा है, ऐसे व्यक्ति को चश्मा पहनने से पहले और चश्मा उतारने के बाद हाथ धोने का नियम अपनाना चाहिए. अगर चेहरे पर हाथ लगाना आवश्यक हो गया है, तो ऐसी स्थिति में सैनिटाइजर या फिर साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें. उसके बाद ही चेहरे को टच करें. बता दें कि राजधानी में डेंगू की तरह आई फ्लू भी पैर पसार रहा है. इसका संक्रमण तेजी से फैल रहा है. आलम ये है कि एक व्यक्ति को अगर आई फ्लू हो रहा है, तो पूरा परिवार इसकी चपेट में आ रहा है. ऐसे में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.

आई फ्लू होने पर न करें देरी: विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक आई फ्लू का असर दो से तीन दिनों तक बना रहता है और दो से तीन दिनों में कंजेक्टिवाइटिस का असर घट जाता है. ऐसे में मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर आंखों में ड्रॉप डालनी चाहिए. साथ ही प्रत्येक घंटे ठंडे पानी से अपनी आंखों को धोते रहें, लेकिन अगर मरीज इलाज लेने में देरी करता है तो उन मरीजों पर 15 दिन तक आई फ्लू का असर रह सकता है.

क्या है आई फ्लू: आई फ्लू जिसे हम आम भाषा में आंख आना भी कहते हैं, ये एक ऐसी बीमारी है, जो संक्रमण के कारण एक से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचती है. आई फ्लू के दौरान आंखें लाल हो जाती हैं. पानी आने लगता है. उनमें खुजली होने लगती है. साथ ही आंखों में सूजन होती है और आंखें चिपचिपी हो जाती हैं.
ये भी पढ़ें: हल्द्वानी में तेजी से फैल रहा आई फ्लू, हॉस्पिटलों में रोजाना बढ़ रही मरीजों की तादाद

आई फ्लू से बचने की सावधानियां: आई फ्लू होने के दौरान साफ सफाई का खास ख्याल रखना है. मरीज अपनी यूज की हुई चीजों को यहां वहां ना फैलाएं. हर आधे घंटे में आंखों को ठंडे पानी से धोएं. आंखों को बार बार ना छुएं और टीवी और मोबाइल न देखें, ताकि आंखों को आराम मिल सके.
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