देहरादून: प्रदेश में तेजी से बढ़ रही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए अब प्रदेश सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज में आइवरमेक्टिन टैबलेट का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है. आइवरमेक्टिन टैबलेट का इस्तेमाल पेट के कीड़े मारने वाली दवा के तौर पर किया किया जाता है.
बता दें, वर्तमान में कोरोना के इलाज में विदेशों में भी कई जगह पर आइवरमेक्टिन टैबलेट का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना संक्रमित मरीजों और उनके संपर्क में आए लोगों के लिए आइवरमेक्टिन टैबलेट कि जो खुराक निर्धारित की गई है. उसके तहत कोरोना संक्रमित मरीज या फिर कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आए व्यक्ति को 12 मिलीग्राम की एक गोली पहले और साथ में दिन रात को खाना खाने के 2 घंटे बाद लेनी होगी इस दवाई के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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देहरादून के जाने-माने गैस्ट्रो सर्जन डॉ. विपुल कंडवाल ने बताया कि अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों को इलाज के दौरान हाइड्रोक्लोरोक्वीन दिया जा रहा था, लेकिन हाल ही में हाइड्रोक्लोरोक्वीन दवा के कुछ साइड इफेक्ट सामने आए हैं. जिसमें विशेषकर लोगों को हृदय संबंधित दिक्कतें पेश आई हैं. ऐसे में विकल्प के तौर पर आइवरमेक्टिन टैबलेट दी जा रही है. इस टेबलेट का सेवन वह लोग भी कर सकते हैं, जो कोरोना से संक्रमित तो हैं लेकिन एसिंप्टोमेटिक हैं. इस दवाई के सेवन से ऐसा माना जा रहा है कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है.
वहीं, प्रदेश सरकार की ओर से कंटेनमेंट जोन में रह रहे लोगों को आइवरमेक्टिन टैबलेट निःशुल्क देने की तैयारी की जा रही है. हालांकि, अगर कोई व्यक्ति इस दवा को मेडिकल स्टोर से खरीदता है तो इसके लिए उसे डॉक्टर की सलाह लेनी होगी.
नोट- ईटीवी भारत किसी को भी आइवरमेक्टिन दवा को लेने की सलाह नहीं देता.