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अब AIIMS ऋषिकेश में होगा HIV संक्रमितों का उपचार, मिली 'एआरटी' सेंटर खोलने की अनुमति

अब एम्स ऋषिकेश में भी एचआईवी संक्रमितों का इलाज हो सकेगा.एचआईवी संक्रमित लोगों के इलाज की सुविधा अभी तक केवल दून मेडिकल काॅलेज देहरादून और सुशीला तिवारी मेडिकल काॅलेज हल्द्वानी में ही उपलब्ध है.

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एम्स ऋषिकेश में होगा HIV संक्रमितों का उपचार,
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Published : Sep 21, 2020, 5:30 PM IST

ऋषिकेश: उत्तराखंड के एचआईवी संक्रमित लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है. ऐसे लोगों को अब एम्स ऋषिकेश में भी इलाज की सुविधा मिलेगी. नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने एम्स ऋषिकेश को 'एआरटी' सेंटर खोलने की अनुमति दे दी है.

इस सेंटर का विशेष लाभ एचआईवी संक्रमित लोगों को मिलेगा. वहीं जो इलाज के लिए अभी तक हल्द्वानी और देहरादून की ओर रुख किया करते थे. बता दें कि एचआईवी संक्रमित लोगों के इलाज की सुविधा अभी तक केवल दून मेडिकल काॅलेज देहरादून और डॉ. सुशीला तिवारी मेडिकल काॅलेज हल्द्वानी में ही उपलब्ध है. इस बीमारी के इलाज में 'एन्टी रेट्रोवायरल थेरेपी' (एआरटी) पद्धति अपनायी जाती है. असुरक्षित यौन सम्बन्धों से होने वाला एचआईवी संक्रमण, गंभीर स्थिति में पहुंचने पर जानलेवा साबित हो जाता है.

एम्स ऋषिकेश में होगा HIV संक्रमितों का उपचार,

यह भी पढ़ें-जानिए एसिम्प्टोमेटिक कोरोना होने पर खुद को कैसे करें होम आइसोलेट ?

इस बारे में जानकारी देते हुए एम्स अस्पताल प्रशासन के डीन, प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि एम्स को एआरटी सेन्टर खोलने की अनुमति प्राप्त हो गयी है. इसका संचालन शुरू होने पर एचआईवी संक्रमितों को टेस्टिंग, काउन्सिलिंग और एन्टी रेट्रोवायरल थेरेपी देने की सुविधा एम्स में ही मिलने लगेगी. जिसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा. उन्होंने यह भी बताया कि कोविड महामारी से उपज रहे हालात सामान्य होते ही ये नई सुविधा शुरू कर दी जाएगी.

ऋषिकेश: उत्तराखंड के एचआईवी संक्रमित लोगों के लिए एक राहत भरी खबर है. ऐसे लोगों को अब एम्स ऋषिकेश में भी इलाज की सुविधा मिलेगी. नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने एम्स ऋषिकेश को 'एआरटी' सेंटर खोलने की अनुमति दे दी है.

इस सेंटर का विशेष लाभ एचआईवी संक्रमित लोगों को मिलेगा. वहीं जो इलाज के लिए अभी तक हल्द्वानी और देहरादून की ओर रुख किया करते थे. बता दें कि एचआईवी संक्रमित लोगों के इलाज की सुविधा अभी तक केवल दून मेडिकल काॅलेज देहरादून और डॉ. सुशीला तिवारी मेडिकल काॅलेज हल्द्वानी में ही उपलब्ध है. इस बीमारी के इलाज में 'एन्टी रेट्रोवायरल थेरेपी' (एआरटी) पद्धति अपनायी जाती है. असुरक्षित यौन सम्बन्धों से होने वाला एचआईवी संक्रमण, गंभीर स्थिति में पहुंचने पर जानलेवा साबित हो जाता है.

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इस बारे में जानकारी देते हुए एम्स अस्पताल प्रशासन के डीन, प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि एम्स को एआरटी सेन्टर खोलने की अनुमति प्राप्त हो गयी है. इसका संचालन शुरू होने पर एचआईवी संक्रमितों को टेस्टिंग, काउन्सिलिंग और एन्टी रेट्रोवायरल थेरेपी देने की सुविधा एम्स में ही मिलने लगेगी. जिसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा. उन्होंने यह भी बताया कि कोविड महामारी से उपज रहे हालात सामान्य होते ही ये नई सुविधा शुरू कर दी जाएगी.

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