देहरादून: प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर पहला मामला सामने आने के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है. इसी कड़ी में आईएफएस प्रशिक्षु को जहां संक्रमण होने के बाद इलाज दिया जा रहा है. वहीं अब प्रशिक्षु के पूरे ग्रुप की भी जांच की जा रही है. साथ ही कोरोना पर सतर्कता बरतते हुए प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमरदारों पर भी पाबंदी लगाने के आदेश जारी किए हैं.
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देहरादून के एफआरआई में प्रशिक्षण ले रहे 22 आईएफएस प्रशिक्षुओं के ब्लड सैंपल हल्द्वानी लैब भेजे जाने की तैयारी की जा रही है. यही नहीं इनके संपर्क में आने वाले कर्मियों के भी हल्द्वानी लैब में सैंपल जांच के लिए भेजे जाने हैं.
ईटीवी भारत से बात करते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक अमिता उप्रेती ने बताया कि आईएफएस प्रशिक्षु के संपर्क में कई कर्मचारी भी आए हैं, साथ ही 24 लोगों के ग्रुप में दो की रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें एक प्रशिक्षु कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है तो दूसरे की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. ऐसे में अब बाकी बचे 22 आईएफएस प्रशिक्षुओं के सैंपल भी हल्द्वानी भेजे जा रहे हैं ताकि किसी भी खतरे से निपटा जा सके.
मामले को लेकर अमिता उप्रेती ने बताया कि अब तक प्रदेश में 17 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, जिसमें से 16 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि एक रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वहीं 538 लोगों की लिस्ट में से 355 लोगों को स्वस्थ होने के चलते छुट्टी दी जा चुकी है. जबकि 183 लोग अब भी विभाग के ऑब्जरवेशन में हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एफआरआई में आईएफएस प्रशिक्षुओं के पूरे हॉस्टल को सेनेटाइज किया जा रहा है. साथ ही इस में रहने वाले सभी लोगों के ब्लड सैंपल हल्द्वानी भेजे जा रहे हैं. कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतकर किसी भी खतरे से बचा जा सके.
वहीं कोरोना वायरस को लेकर प्रभारी सचिव पंकज पांडे ने आदेश जारी किए हैं, जिसके तहत अब अस्पतालों में मरीजों से मिलने पर भी पाबंदी लगाई जाएगी, जिससे की अस्पताल में भीड़ नहीं बढ़े. इसके साथ ही राजकीय और निजी चिकित्सालय में रोगियों से मिलने वाले लोगों को प्रतिबंधित करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं.