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चमोली आपदा: लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण-पत्र देने की अधिसूचना जारी

चमोली आपदा में अभी भी 136 लोग लापता बताए जा रहे हैं. जिनकी तलाश के लिए पिछले 16 दिनों से दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है.

Chamoli disaster news
चमोली आपदा
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Published : Feb 22, 2021, 3:52 PM IST

देहरादून: चमोली आपदा में लापता हुए लोगों का मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी हो सके केंद्र सरकार ने इसके लिए अनुमति दे दी है. उत्तराखंड सरकार ने भी इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. इससे लापता लोगों के परिजनों को मुआवजा मिलने में आसानी होगी.

Chamoli disaster
मृत्यु प्रमाण-पत्र देने की अधिसूचना जारी

मृत्यु प्रमाण-पत्र तीन श्रेणियों में जारी होंगे

  • पहला- आपदा प्रभावित स्थानों के स्थायी निवासी हैं या फिर आपदा प्रभावित स्थान के निकटवर्ती स्थानों के स्थानी निवासी हैं, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों में उपस्थित थे.
  • दूसरा- उत्तराखंड के अन्य जिलों के निवासी, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों पर उपस्थित थे.
  • तीसरा- अन्य राज्यों के पर्यटक या व्यक्ति, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों पर उपस्थित थे.

बता दें कि बीती सात फरवरी को चमोली जिले में सुबह करीब 9.30 बजे ऋषिगंगा नदी में सैलाब आया था. जिससे रैंणी गांव के पास स्थित ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन में एनटीपीसी का एक निर्माणधीन पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया था. इस हादसे में करीब 204 लोग लापता हो गए थे. उनकी तलाश में पिछले 19 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभीतक 68 शव और 28 मानव अंग बरामद हो चुके हैं. इसमें कई शवों की शिनाख्त हो चुकी है. अभी भी 136 लोग लापता बताए जा रहे हैं. इनका मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने का आदेश उत्तराखंड सरकार ने जारी कर दिया है. जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है, उनका डीएनए सैंपल लिया गया है. ताकि लापता लोगों के परिजनों से उनका मिलान किया जा सके.

देहरादून: चमोली आपदा में लापता हुए लोगों का मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी हो सके केंद्र सरकार ने इसके लिए अनुमति दे दी है. उत्तराखंड सरकार ने भी इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. इससे लापता लोगों के परिजनों को मुआवजा मिलने में आसानी होगी.

Chamoli disaster
मृत्यु प्रमाण-पत्र देने की अधिसूचना जारी

मृत्यु प्रमाण-पत्र तीन श्रेणियों में जारी होंगे

  • पहला- आपदा प्रभावित स्थानों के स्थायी निवासी हैं या फिर आपदा प्रभावित स्थान के निकटवर्ती स्थानों के स्थानी निवासी हैं, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों में उपस्थित थे.
  • दूसरा- उत्तराखंड के अन्य जिलों के निवासी, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों पर उपस्थित थे.
  • तीसरा- अन्य राज्यों के पर्यटक या व्यक्ति, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों पर उपस्थित थे.

बता दें कि बीती सात फरवरी को चमोली जिले में सुबह करीब 9.30 बजे ऋषिगंगा नदी में सैलाब आया था. जिससे रैंणी गांव के पास स्थित ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन में एनटीपीसी का एक निर्माणधीन पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया था. इस हादसे में करीब 204 लोग लापता हो गए थे. उनकी तलाश में पिछले 19 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभीतक 68 शव और 28 मानव अंग बरामद हो चुके हैं. इसमें कई शवों की शिनाख्त हो चुकी है. अभी भी 136 लोग लापता बताए जा रहे हैं. इनका मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी करने का आदेश उत्तराखंड सरकार ने जारी कर दिया है. जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है, उनका डीएनए सैंपल लिया गया है. ताकि लापता लोगों के परिजनों से उनका मिलान किया जा सके.

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