देहरादून: शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे समेत तीन विधायकों समेत 22 लोगों की मुश्किलें खत्म होने की जगह और बढ़ती नजर आ रही हैं. दरअसल, साल 2012 में तत्कालीन विधायक अरविंद पांडे, हरभजन सिंह चीमा, राजकुमार ठुकराल और आदेश चौहान समेत पूर्व सांसद बलराज पासी ने मिलकर नेशनल हाइवे को जाम कर दिया था. वहीं, कोर्ट ने राज्य सरकार के उस प्रार्थना पत्र को नामंजूर कर दिया है, जिसमें 7 साल पुराने इस मामले में दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए आवेदन किया गया था.
प्रदेश में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे और तीन विधायकों समेत कुल 22 लोगों के खिलाफ 7 साल पुराने मामले में गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं. सिविल जज विनोद कुमार की अदालत ने सरकार द्वारा दिए गए मुकदमा वापसी के प्रार्थना पत्र को न केवल खारिज कर दिया है, बल्कि गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया है.
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बता दें कि साल 2012 के एक मामले में तत्कालीन विधायक अरविंद पांडे, हरभजन सिंह चीमा, राजकुमार ठुकराल और आदेश चौहान समेत पूर्व सांसद बलराज पासी ने कई लोगों के साथ मिलकर प्रदर्शन कर नेशनल हाईवे को जाम कर दिया था. इसके बाद पुलिस ने इन सभी नेताओं समेत कुल 24 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. मामले में अब शासन ने जिलाधिकारी उधम सिंह नगर को केस वापसी के लिए निर्देशित किया था. इसके बाद अभियोजन अधिकारी की तरफ से जनहित में मुकदमा वापसी की अर्जी कोर्ट में प्रस्तुत की गई है. हालांकि, कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज कर दिया है. साथ ही नेताओं समेत 22 लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं.