ऋषिकेश: हरिद्वार जिले के रुड़की रेलवे प्रशासन को धमकी भरा पत्र मिलने के बाद जहां सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर है. लेकिन, सुरक्षा को लेकर रेलवे की एक बड़ी लापरवाही वीरभद्र रेलवे स्टेशन पर देखने को मिल रही है. वीरभद्र रेलवे स्टेशन (Virbhadra Railway Station) पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है (no cctv camera at virbhadra railway station) जो कि सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी खामी को दर्शाता है. ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो रेलवे प्रशासन कई सवालों के घेरे में होगा.
रुड़की, हरिद्वार और ऋषिकेश रेलवे स्टेशन सहित कई धार्मिक स्थलों को दहलाने का धमकी भरा पत्र मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों सहित पुलिस प्रशासन अलर्ट पर है. ऋषिकेश जीआरपी के जवान भी लगातार ऋषिकेश योगनगरी रेलवे स्टेशन (Rishikesh Yognagri Railway Station) और पुराने रेलवे स्टेशन पर चेकिंग अभियान चला रहे हैं. लेकिन इन सब के बीच रेलवे प्रशासन की एक बड़ी खामी सामने दिखाई दे रही है. ऋषिकेश से सटे वीरभद्र रेलवे स्टेशन पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है, इसे रेलवे की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है.
लापरवाही पड़ सकती है भारीः ऋषिकेश से सटे वीरभद्र रेलवे स्टेशन पर हेमकुंड एक्सप्रेस, उत्कल एक्सप्रेस सहित 4 ट्रेनें रुकती है. इन ट्रेनों में यहां से सैकड़ों यात्री सफर के लिए रवाना होते हैं. साथ ही इन दिनों चारधाम यात्रा भी पूरे चरम पर है. ऐसे में स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरा ना होना एक बड़ी चूक है. ऐसे में अगर कोई बड़ा हादसा या वारदात इस रेलवे स्टेशन पर घटती है तो उस पर रोक लगा पाना तो दूर वारदात का खुलासा हो पाना भी जांच एजेंसियों के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा.
वहीं, ऋषिकेश जीआरपी इंचार्ज बलवंत पंवार का कहना है कि समस्त रेलवे स्टेशन पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. दूसरी तरफ उन्होंने माना कि सुरक्षा की दृष्टि से वीरभद्र रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरा का होना बेहद जरुरी है. फिलहाल स्टेशन पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है. उन्होंने बताया कि रेलवे के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. जल्द ही स्टेशन पर कैमरे लगाए जाएंगे.
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पत्र भेजने वाला मानसिक रूप से बीमार हरिद्वार, देहरादून, रुड़की रेलवे स्टेशन सहित कई अन्य रेलवे स्टेशनों और हरिद्वार के मुख्य धार्मिक स्थलों को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले शख्स को डीजीपी अशोक कुमार ने मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया है. डीजीपी का कहना है कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये मामला हर बार की तरह अफवाह फैलाकर सनसनी फैलाने वाला है.
20 साल से आ रहा धमकी भरा पत्र: डीजीपी ने कहा कि, अभी तक की जांच में धमकी भरा पत्र भेजने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार प्रतीत हो रहा है, क्योंकि इस तरह का पत्र इसी भाषा में पहले भी वर्षों से आता रहा है. डीजीपी के अनुसार, धमकी देने वाला खुरापाती दिमाग पिछले 20 साल से हरिद्वार-रुड़की रेलवे स्टेशन सहित धार्मिक स्थलों को बम से उड़ाने को लेकर पत्र भेजता रहा है. अभी तक की जांच पड़ताल में ये बात भी साफ हो गई है कि पुराने धमकी भरे पत्र के अनुसार ही इस पत्र की भी लिखावट पूर्व की जैसी है. इससे लग रहा है कि ये एक व्यक्ति का ही काम है, जो पहले भी इस तरह की सनसनी फैलाने वाली हरकत करता रहा है.