विकासनगर: जौनसार बावर के प्रवेश द्वार हरिपुर में 4 नदियों का संगम है. ये क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाने के साथ ही पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. यही वजह है कि हरिपुर में सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन लोग यमुना स्नान करने आते हैं, लेकिन अबतक यहां शासन-प्रशासन अबतक न तो स्नान घाट बनवा पाया है और न ही महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम.
देहरादून जिले के कालसी में हरिपुर में अमलावा नदी, अलगाड़ नदी, यमुना नदी और टौंस नदी का संगम है. हरिपुर में श्रद्धालु व स्थानीय लोग खासतौर पर यमुना की निर्मल धारा में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं, क्योंकि मान्यता है कि यमुना स्नान करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता. लेकिन, यमुना नदी के तट पर स्नान घाट न होने से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है. साथ ही महिला श्रद्धालुओं को चेंजिंग रूम ने होने की वजह से काफी असहजता का सामना करना पड़ता है.
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जमना आरती एवं बहुउद्देशीय समिति के अध्यक्ष सुनील ने बताया कि घाट में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार को पत्र प्रेषित किया गया है. उन्होंने बताया कि समिति ने मांग की है कि यमुना तट पर स्नान घाट बनवाने के साथ ही चेंजिंग रूम भी बनवाये जाएं. ताकि श्रद्धालुओं को थोड़ी सुविधा मिल सके. सुनील के मुताबिक यमुना नदी के किनारे सफाई व्यवस्था का भी ध्यान नहीं रखा जाता है.
सुनील ने बताया कि मकर संक्रांति के मौके पर 14 जनवरी को जौनसार के प्रवेश द्वार और प्राचीन नगरी हरिपुर में यमुना नदी के तट पर महायज्ञ का आयोजन किया गया था. इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत भी पहुंचे थे, जिन्हें समस्या से अवगत करवाया गया था. बावजूद इसके सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया.
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बता दें कि जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर के लोगों में यमुना नदी के पवित्र जलधारा को लेकर अटूट आस्था और विश्वास है. वैशाख माह में जौनसार यमुना स्नान को काफी शुभ माना जाता है. माना जाता है कि यमुना स्नान से मानव शरीर और आत्मा दोनों का शुद्धिकरण होता है.